24 February 2024 10:49 AM
रामेश्वरम. आपने नदियों के ऊपर रेलवे ब्रिज तो खूब देखे होंगे, जिन पर ट्रेन दौड़ती हैं. ऐसी ट्रेनों पर सफर भी कर चुके होंगे, लेकिन कभी आपने ऐसा ब्रिज देखा है कि जिस पर ट्रेन चलती हो, लेकिन शिप के आते ही ट्रेन ब्रिज से पहले रुक जाती हो और ब्रिज वर्टिकल यानी ऊपर की ओर खुल जाता हो.
शिप के गुजरते ही दोबारा से ब्रिज जुड़ जाएगा और ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा. इस तरह यह ब्रिज किसी करिश्मे से कम नहीं होगा.
वर्टिकल खुलने वाला ब्रिज दक्षिण भारत के तमिलनाडु के पंबन में बन रहा है, जो पूरे देश से रामेश्वरम से जोड़ेगा. इसकी अधारशिला पीएम मोदी ने मार्च 2019 में कन्याकुमारी में रखी थी, जो अब बनकर तैयार होने वाला हैै.
2022 में बंद हो चुका है पुराना पुल
पुराना रेल ब्रिज 1914 में बनाया गया था, जिसकी उम्र पूरी हो चुकी थी और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेनों का संचालन 23 दिसंबर, 2022 को बंद कर दिया गया है. पहले ट्रेन मंडपम और रामेश्वरम द्वीप के बीच इसी ब्रिज से जाती थी.
अभी केवल सड़क मार्ग ही एक विकल्प
रामेश्वरम के लिए ट्रेनें पहले तमिलनाडु में रामनाथपुरम जिले के मंडपम पहुंचती थीं और पंबन ब्रिज से ट्रेनें रामेश्वरम तक पहुंचती थीं. इस तरह लोग केवल 15 मिनट में तीर्थनगरी रामेश्वरम में पहुंच जाते थे. मौजूदा समय सभी ट्रेनें मंडपम में समाप्त होती हैं और लोग रामेश्वरम तक पहुंचने के लिए समुद्र पर बने पुल होते हुए सड़क मार्ग से जाते हैं.
लंबा लगता है जाम
चूंकि रामेश्वरम देश-विदेश से लाखों भक्त आते हैं, इस वजह से इस पुल पर जाम लगा रहता है और लोगों का समय बर्बाद होता है. इस वजह से पंबन पर वर्टिकल रेलवे ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है.
वर्टिकल ब्रिज की खासियत
यह ब्रिज यह पुल 2.05 किमी लंबा होगा. पुराने पुल की तुलना में नया पुल तीन मीटर ऊंचा और समुद्र तल से 22 मीटर ऊंचा होगा 18.3 मीटर के 100 स्पैन और 63 मीटर का एक नेविगेशनल स्पैन होगा. यह समुद्र तल से 22.0 मीटर की नेविगेशनल एयर क्लीयरेंस के साथ मौजूदा पुल से 3.0 मीटर ऊंचा होगा. पुल की स्ट्रक्चर डबल लाइनों के लिए बनाया गया है, जिसके दोनों ओर से ट्रेनों का संचालन हो सकेगा. वर्टिकल ब्रिज के निर्माण 545 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आ रही है.
रेलवे ने नए पुल के निर्माण में स्टेनलेस स्टील मजबूती, मिश्रित स्लीपर और लंबे समय तक चलने वाली पेंटिंग प्रणाली जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को का इस्तेमाल किया किया है.
रामेश्वरम. आपने नदियों के ऊपर रेलवे ब्रिज तो खूब देखे होंगे, जिन पर ट्रेन दौड़ती हैं. ऐसी ट्रेनों पर सफर भी कर चुके होंगे, लेकिन कभी आपने ऐसा ब्रिज देखा है कि जिस पर ट्रेन चलती हो, लेकिन शिप के आते ही ट्रेन ब्रिज से पहले रुक जाती हो और ब्रिज वर्टिकल यानी ऊपर की ओर खुल जाता हो.
शिप के गुजरते ही दोबारा से ब्रिज जुड़ जाएगा और ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा. इस तरह यह ब्रिज किसी करिश्मे से कम नहीं होगा.
वर्टिकल खुलने वाला ब्रिज दक्षिण भारत के तमिलनाडु के पंबन में बन रहा है, जो पूरे देश से रामेश्वरम से जोड़ेगा. इसकी अधारशिला पीएम मोदी ने मार्च 2019 में कन्याकुमारी में रखी थी, जो अब बनकर तैयार होने वाला हैै.
2022 में बंद हो चुका है पुराना पुल
पुराना रेल ब्रिज 1914 में बनाया गया था, जिसकी उम्र पूरी हो चुकी थी और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेनों का संचालन 23 दिसंबर, 2022 को बंद कर दिया गया है. पहले ट्रेन मंडपम और रामेश्वरम द्वीप के बीच इसी ब्रिज से जाती थी.
अभी केवल सड़क मार्ग ही एक विकल्प
रामेश्वरम के लिए ट्रेनें पहले तमिलनाडु में रामनाथपुरम जिले के मंडपम पहुंचती थीं और पंबन ब्रिज से ट्रेनें रामेश्वरम तक पहुंचती थीं. इस तरह लोग केवल 15 मिनट में तीर्थनगरी रामेश्वरम में पहुंच जाते थे. मौजूदा समय सभी ट्रेनें मंडपम में समाप्त होती हैं और लोग रामेश्वरम तक पहुंचने के लिए समुद्र पर बने पुल होते हुए सड़क मार्ग से जाते हैं.
लंबा लगता है जाम
चूंकि रामेश्वरम देश-विदेश से लाखों भक्त आते हैं, इस वजह से इस पुल पर जाम लगा रहता है और लोगों का समय बर्बाद होता है. इस वजह से पंबन पर वर्टिकल रेलवे ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है.
वर्टिकल ब्रिज की खासियत
यह ब्रिज यह पुल 2.05 किमी लंबा होगा. पुराने पुल की तुलना में नया पुल तीन मीटर ऊंचा और समुद्र तल से 22 मीटर ऊंचा होगा 18.3 मीटर के 100 स्पैन और 63 मीटर का एक नेविगेशनल स्पैन होगा. यह समुद्र तल से 22.0 मीटर की नेविगेशनल एयर क्लीयरेंस के साथ मौजूदा पुल से 3.0 मीटर ऊंचा होगा. पुल की स्ट्रक्चर डबल लाइनों के लिए बनाया गया है, जिसके दोनों ओर से ट्रेनों का संचालन हो सकेगा. वर्टिकल ब्रिज के निर्माण 545 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आ रही है.
रेलवे ने नए पुल के निर्माण में स्टेनलेस स्टील मजबूती, मिश्रित स्लीपर और लंबे समय तक चलने वाली पेंटिंग प्रणाली जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को का इस्तेमाल किया किया है.
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