03 March 2023 04:38 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
नागौर के एक सरकारी स्कूल में खुद को आग लगाने वाले क्लर्क की आज सुबह मौत हो गई। अजमेर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। क्लर्क ने गुरुवार सुबह 8 बजे को खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाई थी। आरोप है कि ट्रांसफर होने के बाद भी प्रिंसिपल सीमा चंदेल ने उसे रिलीव नहीं किया।
नागौर के बस्सी गांव में क्लर्क रामसुख मेघवाल की शव लेने से परिवार ने इनकार कर दिया है। अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ है। अस्पताल की मॉर्च्युरी के बाहर परिवार के लोग, लिपिक एसोसिएशन के साथी और अन्य लोग धरने पर बैठे हैं।
आग से क्लर्क रामसुख मेघवाल (55) अस्सी फीसदी तक झुलस गए थे। उन्होंने उपचार के दौरान अजमेर में सुबह 3 बजे के आस-पास दम तोड़ा।
रामसुख बस्सी गांव का ही रहने वाले थे। आरोप है कि स्कूल की प्रिंसिपल सीमा चंदेल और स्टाफ के तीन लोग धन्नाराम माली, महावीर नाहर और सुमित उसे प्रताड़ित करते थे। बताया जा रहा है कि फरवरी के पहले सप्ताह में मंत्रालयिक कर्मचारियों के प्रमोशन हुए थे, इस दौरान क्लर्क रामसुख मेघवाल का प्रमोशन क्लर्क से एएओ (अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी) के तौर पर हो गया था। प्रमोशन के बाद उन्हें पीलवा स्कूल में जॉइन करना था, 7 फरवरी को उन्हें रिलीव किया जाना था लेकिन बस्सी स्कूल से उन्हें रिलीव नहीं किया जा रहा था, इससे वे परेशान थे।
5 दिन पहले उसने पेट्रोल की बोतल स्कूल में लाकर रख ली थी। गुरुवार सुबह उसने रिलीव करने की बात कही और पेट्रोल छिड़ककर स्कूल के बरामदे में ही आग लगा ली।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
नागौर के एक सरकारी स्कूल में खुद को आग लगाने वाले क्लर्क की आज सुबह मौत हो गई। अजमेर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। क्लर्क ने गुरुवार सुबह 8 बजे को खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाई थी। आरोप है कि ट्रांसफर होने के बाद भी प्रिंसिपल सीमा चंदेल ने उसे रिलीव नहीं किया।
नागौर के बस्सी गांव में क्लर्क रामसुख मेघवाल की शव लेने से परिवार ने इनकार कर दिया है। अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ है। अस्पताल की मॉर्च्युरी के बाहर परिवार के लोग, लिपिक एसोसिएशन के साथी और अन्य लोग धरने पर बैठे हैं।
आग से क्लर्क रामसुख मेघवाल (55) अस्सी फीसदी तक झुलस गए थे। उन्होंने उपचार के दौरान अजमेर में सुबह 3 बजे के आस-पास दम तोड़ा।
रामसुख बस्सी गांव का ही रहने वाले थे। आरोप है कि स्कूल की प्रिंसिपल सीमा चंदेल और स्टाफ के तीन लोग धन्नाराम माली, महावीर नाहर और सुमित उसे प्रताड़ित करते थे। बताया जा रहा है कि फरवरी के पहले सप्ताह में मंत्रालयिक कर्मचारियों के प्रमोशन हुए थे, इस दौरान क्लर्क रामसुख मेघवाल का प्रमोशन क्लर्क से एएओ (अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी) के तौर पर हो गया था। प्रमोशन के बाद उन्हें पीलवा स्कूल में जॉइन करना था, 7 फरवरी को उन्हें रिलीव किया जाना था लेकिन बस्सी स्कूल से उन्हें रिलीव नहीं किया जा रहा था, इससे वे परेशान थे।
5 दिन पहले उसने पेट्रोल की बोतल स्कूल में लाकर रख ली थी। गुरुवार सुबह उसने रिलीव करने की बात कही और पेट्रोल छिड़ककर स्कूल के बरामदे में ही आग लगा ली।
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