29 September 2022 07:09 PM
जोग संजोग टाइम्स,
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि आगामी रबी सीजन के दौरान जिले में किसानों की मांग के अनुसार उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता रहेगी। किसान भयभीत ना हों और अपनी आवश्यकता के अनुरूप ही बाजार से उर्वरक खरीदें। कृषि विभाग में गुरुवार को आयोजित विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक में जिला कलक्टर भगवती प्रसाद ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि कृषि पर्यवेक्षक 2 अक्टूबर को आयोजित होने वाली ग्राम सभाओं में किसानों को इस संबंध में जानकारी देते हुए भ्रांतियां दूर करें। डीएपी खाद के विकल्प के बारे में किसानों को जानकारी दी जाए। डीलर भी किसानों को उपलब्ध विकल्पों के संबंध में बताएं, जिससे किसानों को सस्ता उर्वरक मिल सके।
भगवती प्रसाद ने कहा कि सप्लायर्स उर्वरक आपूर्ति की सूचना कृषि विभाग को समय पर दें जिससे आपूर्ति के समय कृषि पर्यवेक्षक का उपस्थित रहना सुनिश्चित किया जा सके।
जिला कलक्टर ने कहा कि उर्वरक कालाबाजारी की स्थिति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बिना वज़ह निर्धारित से अधिक स्टाक पाया गया तो कड़ी कार्रवाई होगी। इस संबंध में जांच के लिए तहसीलदार, सहायक कृषि अधिकारी और कोऑपरेटिव इंस्पेक्टर की टीम पंचायतवार औचक निरीक्षण करें। आनलाइन, आफलाइन और आधार कार्ड से वितरित स्टाक का मिलान किया जाए। यदि कहीं अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए।
माटी परियोजना
हॉर्टिकल्चर,पशुपालन और कृषि विभाग को समन्वय करते हुए कार्य करने के निर्देश
माटी परियोजना की समीक्षा करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि किसानों में जागरुकता के लिए बाकी रहे सभी गांवों मे रबी सीजन से पूर्व गोष्ठियां आयोजित करें। गोष्ठियों से किसानो में आई जागरूकता के संबंध में रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश देते हुए भगवती प्रसाद ने कहा कि माइक्रो उर्वरक की बढ़ी मांग व बिक्री, ओर्गिनक फार्मिंग, सायल हेल्थ कार्ड , फसल बीमा, मूंगफली से कपास पर शिफ्टिंग आदि के आधार पर विस्तार से रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद ने कहा कि परियोजना में चिन्हित 25 गांवों के 1250 किसान सौंपे गए व्यक्तिगत फार्म प्लान के अनुसार कार्य कर रहे हैं यह सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए मानटरिग करें और विभागीय कार्मिक नियमित रूप से किसानों के सम्पर्क में रहें। चिन्हित किसान हार्टीकल्चर व पशुपालन से जुड़े। नये पशु लेने के लिए किसानों को प्रेरित करें और बैंक ऋण के लिए फाइल भी लें । उन्होंने संयुक्त निदेशक पशुपालन को किसानों को पशुधन लेने के लिए प्रेरित करने हेतु जागरूकता गतिविधियां की समीक्षा करने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए जिले में ग्रुप फार्मिंग पर विशेष फोकस करने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी 1250 किसानों का रबी सीजन का फार्म प्लान भी तैयार करने के निर्देश दिए।
बैठक में उपनिदेशक कृषि कैलाश चौधरी ने आगामी रबी बुवाई, बीज, उर्वरक उपलब्धता आदि की जानकारी दी। बैठक में संयुक्त निदेशक हार्टीकल्चर उदयभान सिंह, संयुक्त निदेशक पशुपालन डॉ वीरेंद्र नेत्रा सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
जोग संजोग टाइम्स,
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि आगामी रबी सीजन के दौरान जिले में किसानों की मांग के अनुसार उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता रहेगी। किसान भयभीत ना हों और अपनी आवश्यकता के अनुरूप ही बाजार से उर्वरक खरीदें। कृषि विभाग में गुरुवार को आयोजित विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक में जिला कलक्टर भगवती प्रसाद ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि कृषि पर्यवेक्षक 2 अक्टूबर को आयोजित होने वाली ग्राम सभाओं में किसानों को इस संबंध में जानकारी देते हुए भ्रांतियां दूर करें। डीएपी खाद के विकल्प के बारे में किसानों को जानकारी दी जाए। डीलर भी किसानों को उपलब्ध विकल्पों के संबंध में बताएं, जिससे किसानों को सस्ता उर्वरक मिल सके।
भगवती प्रसाद ने कहा कि सप्लायर्स उर्वरक आपूर्ति की सूचना कृषि विभाग को समय पर दें जिससे आपूर्ति के समय कृषि पर्यवेक्षक का उपस्थित रहना सुनिश्चित किया जा सके।
जिला कलक्टर ने कहा कि उर्वरक कालाबाजारी की स्थिति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बिना वज़ह निर्धारित से अधिक स्टाक पाया गया तो कड़ी कार्रवाई होगी। इस संबंध में जांच के लिए तहसीलदार, सहायक कृषि अधिकारी और कोऑपरेटिव इंस्पेक्टर की टीम पंचायतवार औचक निरीक्षण करें। आनलाइन, आफलाइन और आधार कार्ड से वितरित स्टाक का मिलान किया जाए। यदि कहीं अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए।
माटी परियोजना
हॉर्टिकल्चर,पशुपालन और कृषि विभाग को समन्वय करते हुए कार्य करने के निर्देश
माटी परियोजना की समीक्षा करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि किसानों में जागरुकता के लिए बाकी रहे सभी गांवों मे रबी सीजन से पूर्व गोष्ठियां आयोजित करें। गोष्ठियों से किसानो में आई जागरूकता के संबंध में रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश देते हुए भगवती प्रसाद ने कहा कि माइक्रो उर्वरक की बढ़ी मांग व बिक्री, ओर्गिनक फार्मिंग, सायल हेल्थ कार्ड , फसल बीमा, मूंगफली से कपास पर शिफ्टिंग आदि के आधार पर विस्तार से रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद ने कहा कि परियोजना में चिन्हित 25 गांवों के 1250 किसान सौंपे गए व्यक्तिगत फार्म प्लान के अनुसार कार्य कर रहे हैं यह सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए मानटरिग करें और विभागीय कार्मिक नियमित रूप से किसानों के सम्पर्क में रहें। चिन्हित किसान हार्टीकल्चर व पशुपालन से जुड़े। नये पशु लेने के लिए किसानों को प्रेरित करें और बैंक ऋण के लिए फाइल भी लें । उन्होंने संयुक्त निदेशक पशुपालन को किसानों को पशुधन लेने के लिए प्रेरित करने हेतु जागरूकता गतिविधियां की समीक्षा करने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए जिले में ग्रुप फार्मिंग पर विशेष फोकस करने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी 1250 किसानों का रबी सीजन का फार्म प्लान भी तैयार करने के निर्देश दिए।
बैठक में उपनिदेशक कृषि कैलाश चौधरी ने आगामी रबी बुवाई, बीज, उर्वरक उपलब्धता आदि की जानकारी दी। बैठक में संयुक्त निदेशक हार्टीकल्चर उदयभान सिंह, संयुक्त निदेशक पशुपालन डॉ वीरेंद्र नेत्रा सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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