23 March 2023 12:53 PM

जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
पश्चिमी विक्षोभ के कारण बदले मौसम ने जहां हवा में ठंडक घोल दी है, वहीं किसान के लिए जी का जंजाल बन गई है। खासकर बीकानेर के लूणकरनसर एरिया में बारिश ने बारानी और सिंचित क्षेत्र के किसान को भारी नुकसान पहुंचाया है। यहां खेत में खड़ी फसल कभी ओले के कारण नष्ट हो गई तो कहीं ज्यादा बारिश के कारण। पिछले पंद्रह दिन में दूसरा मौका है जब इसी एरिया में फसलों को नुकसान हुआ है।
बुधवार को यहां बारिश के बाद खियेरा ग्राम पंचायत के करीब आधा दर्जन गांवों में फसल को नुकसान हुआ है। इसमें खियेरां, खोखराण, ऊंचाइडा, लालेरा व भादवा में फसलों को नुकसान हुआ है। इसमें सर्वाधिक बुवाई खियेरां में ही थी। चने की फसलों में ज्यादा पानी पहुंचने से फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। किसानों ने बड़ी मेहनत के साथ यहां चने की फसल को तैयार किया था लेकिन आधा घंटे की बारिश ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया है।
ऐसे खराब हुई फसल
दरअसल, चने की फसल अब पक रही है। ऐसे में बारिश के कारण पानी फसल में पहुंच गया है। काफी देर तक चने बारिश के पानी में ही भीगे रहे। पानी में रहने से चने खराब हो जाते हैं। बाजार में बेचना तो दूर इन्हें पशु भी नहीं खाते। ऐसे में ये फसल फैंकनी ही पड़ती है।
कांकड़वाला में भी खराबा
इससे पहले ओलावृष्टि से लूणकरनसर के कांकड़वाला में भी फसल खराब हो गई थी। तब भारी मात्रा में ओले गिरने से फसल खराब हो गई थी। यहां भी लंबे-चौड़े क्षेत्र में चने की फसल थी। ओले गिरने से चने के पौधे खराब हुए तो चने भी बर्बाद हो गए।
सरकार मुआवजा दें फसल के मुआवजे के लिए किसान अब सरकार की ओर देख रहे हैं। प्रशासन की ओर से फसल खराब होने की रिपोर्ट ली जा रही है। लूणकरनसर के अलावा खाजूवाला एरिया में भी फसल खराब होने की रिपोर्ट आई है। ऐसे में दोनों ही एरिया में फसल खराबे का पता लगाया जा रहा है। लूणकरनसर के किसान ओमप्रकाश तर्ड का कहना है कि पहले बारिश कम हुई थी, ऐसे में फसल कमजोर थी। अब बारिश और ओलो ने मुट्ठीभर फसल को भी खराब कर दिया।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
पश्चिमी विक्षोभ के कारण बदले मौसम ने जहां हवा में ठंडक घोल दी है, वहीं किसान के लिए जी का जंजाल बन गई है। खासकर बीकानेर के लूणकरनसर एरिया में बारिश ने बारानी और सिंचित क्षेत्र के किसान को भारी नुकसान पहुंचाया है। यहां खेत में खड़ी फसल कभी ओले के कारण नष्ट हो गई तो कहीं ज्यादा बारिश के कारण। पिछले पंद्रह दिन में दूसरा मौका है जब इसी एरिया में फसलों को नुकसान हुआ है।
बुधवार को यहां बारिश के बाद खियेरा ग्राम पंचायत के करीब आधा दर्जन गांवों में फसल को नुकसान हुआ है। इसमें खियेरां, खोखराण, ऊंचाइडा, लालेरा व भादवा में फसलों को नुकसान हुआ है। इसमें सर्वाधिक बुवाई खियेरां में ही थी। चने की फसलों में ज्यादा पानी पहुंचने से फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। किसानों ने बड़ी मेहनत के साथ यहां चने की फसल को तैयार किया था लेकिन आधा घंटे की बारिश ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया है।
ऐसे खराब हुई फसल
दरअसल, चने की फसल अब पक रही है। ऐसे में बारिश के कारण पानी फसल में पहुंच गया है। काफी देर तक चने बारिश के पानी में ही भीगे रहे। पानी में रहने से चने खराब हो जाते हैं। बाजार में बेचना तो दूर इन्हें पशु भी नहीं खाते। ऐसे में ये फसल फैंकनी ही पड़ती है।
कांकड़वाला में भी खराबा
इससे पहले ओलावृष्टि से लूणकरनसर के कांकड़वाला में भी फसल खराब हो गई थी। तब भारी मात्रा में ओले गिरने से फसल खराब हो गई थी। यहां भी लंबे-चौड़े क्षेत्र में चने की फसल थी। ओले गिरने से चने के पौधे खराब हुए तो चने भी बर्बाद हो गए।
सरकार मुआवजा दें फसल के मुआवजे के लिए किसान अब सरकार की ओर देख रहे हैं। प्रशासन की ओर से फसल खराब होने की रिपोर्ट ली जा रही है। लूणकरनसर के अलावा खाजूवाला एरिया में भी फसल खराब होने की रिपोर्ट आई है। ऐसे में दोनों ही एरिया में फसल खराबे का पता लगाया जा रहा है। लूणकरनसर के किसान ओमप्रकाश तर्ड का कहना है कि पहले बारिश कम हुई थी, ऐसे में फसल कमजोर थी। अब बारिश और ओलो ने मुट्ठीभर फसल को भी खराब कर दिया।
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