01 October 2022 11:58 AM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
बीकानेर से 7.31 लाख क्यूबिक मी. कचरा हटेगा : प्रदेश के 24 शहराें के डंपिंग यार्ड से कचरा हटाने की तैयारी, बीकानेर से 7.31 लाख क्यूबिक मी. कचरा हटेगा 12.88 एकड़ जमीन मुक्त हाेगी, लेकिन 40 बीघा पर कब्जा हो चुका प्रदेश के शहराें के डंपिंग यार्ड खत्म करने की कार्ययाेजना अब फलीभूत हाेने लगी है। डीएलबी ने एक साथ 24 शहराें के डंपिंग यार्ड साफ करने के लिए सामूहिक टेंडर लगा दिए हैं। वर्कऑर्डर जारी हाेने के बाद एक टीम बीकानेर आएगी जाे अधीक्षण अभियंता की देखरेख में काम करेगी। इससे बीकानेर में शिव वैली के पास नगर निगम की 12.88 एकड़ जमीन मुक्त हाे जाएगी।
एक साल पहले वाराणसी में हुए मेयर सम्मेलन में तमाम मेयर ने डंपिंग यार्ड की सफाई के लिए केन्द्र सरकार से मांग की थी। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने स्वच्छ भारत मिशन में डंपिंग यार्ड की सफाई का जिम्मा देते हुए राजस्थान के 24 शहराें के लिए 280 कराेड़ रुपए मंजूर किए थे। उसकी पहली किस्त 29.72 कराेड़ रुपए मार्च में ही दे दिए थे। अब 28 में से 24 शहराें के डंपिंग यार्ड के लिए डीएलबी ने सामूहिक टेंडर जयपुर से कर दिए हैं।
वर्कऑर्डर जारी हाेने के बाद संबंधित फर्म के साथ नगर निगम के संबंधित अधीक्षण अभियंता की देखरेख में यार्ड की सफाई हाेगी। इस राशि में 70 प्रतिशत केन्द्र और 30 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेगी। एक अनुमान के मुताबिक 70 लाख टन कचरा सभी 28 शहराें में जमा है। जिसकी सफाई के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से कई बार आदेश दिए जा चुके हैं।
473.33 एकड़ में फैला है 28 शहराें का कचरा, जयपुर में सबसे ज्यादा 192 एकड़ का डंपिंग यार्ड
प्रदेश भर के 27 शहराें की 473.33 एकड़ भूमि डंपिंग यार्ड बनी हुई है। इसमें सबसे ज्यादा जयपुर में 192 एकड़ भूमि में कचरे के ढेर हैं। बीकानेर में 12.88 एकड़ में कचरा पसरा है। श्रीगंगानगर में 26.7, हनुमानगढ़ में 17.57, चूरू में 8.93, झुंझुनूं में 15.80, अलवर में 12.05, भरतपुर में 17, धौलपुर में 1.13, हिंडाैन में 9.58, गंगापुर सिटी में 26.70, जयपुर ग्रेटर में 44.18, जाेधपुर साउथ में 17.24, बूंदी में 8.88, भीलवाड़ा में 4.33, बारां में 10.84, सुजानगढ़ में 5.60, चित्ताैड़गढ़ में 7.96,सवाईमाधाैपुर में 17.24, जयपुर में 147.83, सीकर में 7.12, नागाैर में 12.69, किशनगढ़ में 16.30, ब्यावर में 4.80 और उदयपुर में 21.39 एकड़ भूमि में डंपिंग यार्ड बने हुए हैं। ये आंकड़े केन्द्र सरकार की ओर से मंजूर राशि के साथ जारी किए गए हैं।
बीकानेर में शिव वैली डंपिंग यार्ड में नगर निगम की ़12.88 एकड़ जमीन है। यहां करीब 40 बीघा पर ताे कब्जा है। 2017 में गंगाशहर के ही एक व्यक्ति ने न्यायालय में जनहित याचिका लगाई थी और कहा था कि डंपिंग यार्ड में राेज 250 टन कचरा डाला जाता है। इस कचरे की वजह से मास्टर प्लान की 60 फीट राेड व शिव वैली की 80 फीट राेड और करीब 6 एकड़ में फैला पार्क नष्ट हाे रहा है।न्यायालय की राेक के बाद तत्कालीन निगम प्रशासन ने दूसरी जगह कचरा डालना शुरू किया था। नगर निगम प्रशासन का कहना है कि डंपिंग यार्ड से कचरा हटने के बाद इस जमीन के उपयोग पर मंथन करेंगे कि यहां क्या योजना लागू की जाए।
24 शहराें के डंपिंग यार्ड हटाने के लिए डीएलबी ने सेंट्रलाइज टेंडर कर दिए हैं। अभी वर्क ऍर्डर जारी होना शेष है। वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद जिस फर्म को टेंडर मिलेगा वो संबंधित शहरों में काम शुरू करेगी। संबंधित अधीक्षण अभियंता की निगरानी में काम होगा। उम्मीद है जल्दी ही शहरों से डंपिंग यार्ड हट जाएंगे।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
बीकानेर से 7.31 लाख क्यूबिक मी. कचरा हटेगा : प्रदेश के 24 शहराें के डंपिंग यार्ड से कचरा हटाने की तैयारी, बीकानेर से 7.31 लाख क्यूबिक मी. कचरा हटेगा 12.88 एकड़ जमीन मुक्त हाेगी, लेकिन 40 बीघा पर कब्जा हो चुका प्रदेश के शहराें के डंपिंग यार्ड खत्म करने की कार्ययाेजना अब फलीभूत हाेने लगी है। डीएलबी ने एक साथ 24 शहराें के डंपिंग यार्ड साफ करने के लिए सामूहिक टेंडर लगा दिए हैं। वर्कऑर्डर जारी हाेने के बाद एक टीम बीकानेर आएगी जाे अधीक्षण अभियंता की देखरेख में काम करेगी। इससे बीकानेर में शिव वैली के पास नगर निगम की 12.88 एकड़ जमीन मुक्त हाे जाएगी।
एक साल पहले वाराणसी में हुए मेयर सम्मेलन में तमाम मेयर ने डंपिंग यार्ड की सफाई के लिए केन्द्र सरकार से मांग की थी। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने स्वच्छ भारत मिशन में डंपिंग यार्ड की सफाई का जिम्मा देते हुए राजस्थान के 24 शहराें के लिए 280 कराेड़ रुपए मंजूर किए थे। उसकी पहली किस्त 29.72 कराेड़ रुपए मार्च में ही दे दिए थे। अब 28 में से 24 शहराें के डंपिंग यार्ड के लिए डीएलबी ने सामूहिक टेंडर जयपुर से कर दिए हैं।
वर्कऑर्डर जारी हाेने के बाद संबंधित फर्म के साथ नगर निगम के संबंधित अधीक्षण अभियंता की देखरेख में यार्ड की सफाई हाेगी। इस राशि में 70 प्रतिशत केन्द्र और 30 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेगी। एक अनुमान के मुताबिक 70 लाख टन कचरा सभी 28 शहराें में जमा है। जिसकी सफाई के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से कई बार आदेश दिए जा चुके हैं।
473.33 एकड़ में फैला है 28 शहराें का कचरा, जयपुर में सबसे ज्यादा 192 एकड़ का डंपिंग यार्ड
प्रदेश भर के 27 शहराें की 473.33 एकड़ भूमि डंपिंग यार्ड बनी हुई है। इसमें सबसे ज्यादा जयपुर में 192 एकड़ भूमि में कचरे के ढेर हैं। बीकानेर में 12.88 एकड़ में कचरा पसरा है। श्रीगंगानगर में 26.7, हनुमानगढ़ में 17.57, चूरू में 8.93, झुंझुनूं में 15.80, अलवर में 12.05, भरतपुर में 17, धौलपुर में 1.13, हिंडाैन में 9.58, गंगापुर सिटी में 26.70, जयपुर ग्रेटर में 44.18, जाेधपुर साउथ में 17.24, बूंदी में 8.88, भीलवाड़ा में 4.33, बारां में 10.84, सुजानगढ़ में 5.60, चित्ताैड़गढ़ में 7.96,सवाईमाधाैपुर में 17.24, जयपुर में 147.83, सीकर में 7.12, नागाैर में 12.69, किशनगढ़ में 16.30, ब्यावर में 4.80 और उदयपुर में 21.39 एकड़ भूमि में डंपिंग यार्ड बने हुए हैं। ये आंकड़े केन्द्र सरकार की ओर से मंजूर राशि के साथ जारी किए गए हैं।
बीकानेर में शिव वैली डंपिंग यार्ड में नगर निगम की ़12.88 एकड़ जमीन है। यहां करीब 40 बीघा पर ताे कब्जा है। 2017 में गंगाशहर के ही एक व्यक्ति ने न्यायालय में जनहित याचिका लगाई थी और कहा था कि डंपिंग यार्ड में राेज 250 टन कचरा डाला जाता है। इस कचरे की वजह से मास्टर प्लान की 60 फीट राेड व शिव वैली की 80 फीट राेड और करीब 6 एकड़ में फैला पार्क नष्ट हाे रहा है।न्यायालय की राेक के बाद तत्कालीन निगम प्रशासन ने दूसरी जगह कचरा डालना शुरू किया था। नगर निगम प्रशासन का कहना है कि डंपिंग यार्ड से कचरा हटने के बाद इस जमीन के उपयोग पर मंथन करेंगे कि यहां क्या योजना लागू की जाए।
24 शहराें के डंपिंग यार्ड हटाने के लिए डीएलबी ने सेंट्रलाइज टेंडर कर दिए हैं। अभी वर्क ऍर्डर जारी होना शेष है। वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद जिस फर्म को टेंडर मिलेगा वो संबंधित शहरों में काम शुरू करेगी। संबंधित अधीक्षण अभियंता की निगरानी में काम होगा। उम्मीद है जल्दी ही शहरों से डंपिंग यार्ड हट जाएंगे।
RELATED ARTICLES
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com