01 February 2023 01:22 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
देश में अंडरग्राउंड बजरी केवल राजस्थान के बीकानेर जिले में है जहां कोलायत तहसील के हाडला-भाणेका की सबसे अच्छी क्वालिटी की बजरी है। लेकिन, सरकार ने यहां 718.5875 वर्ग किमी खनन एरिया में बेवजह ही बैन लगा रखा है। सन् 2015 में हाडला-भाणेका का एरिया कोयले की खोज के लिए 5 साल तक के लिए रिजर्व किया गया था, अवधि पूरी होने के दो साल बाद भी सरकार ने इसे फ्री नहीं किया है।
15 फरवरी,10 को जामसर में 1092.91 स्क्वेयर किमी, कोलायत के राणासर में 248.75 हेक्टेयर और लूणकरणसर तहसील के धीरेरा में 130.56 हेक्टेयर एरिया पांच साल तक जिप्सम खनन के लिए तथा 24 सितंबर, 13 को कोलायत के ही हाडला-बरसिंगसर में 274.3475 वर्ग किमी, भाणेका-लोहिया में 319.965 वर्ग किमी, दियातरा-भाणेका में 124.275 वर्ग किमी एरिया 5 साल तक कोयले की खोज के लिए रिजर्व किया गया था।
खान एवं पेट्रोलियम विभाग ने जामसर, राणासर और धीरेरा का एरिया तो 18 जुलाई, 22 को फ्री कर दिया, लेकिन हाडला-भाणेका के एरिये पर आज भी बैन लगा रखा है। हाडला-भाणेका में बैन के कारण खनन व्यवसायियों को बजरी की लीज नहीं दी जा रही है और ना ही खातेदारों को मुआवजा मिल रहा है। खान विभाग के भूवैज्ञानिक इस संबंध में निदेशालय को कई बार पत्र लिख चुके हैं कि हाडला सहित कोयले के लिए रिजर्व किए एरिया को फ्री किया जाए।
खास बात यह है कि पूरे देश में पत्थरों को तोड़कर क्रेशर से या नदी-नालों से बजरी का खनन किया जाता है, केवल राजस्थान में बीकानेर ही ऐसा जिला है जहां खानों से यानी कि अंडरग्राउंड बजरी निकलती है। नदी-नालों से तो दो या तीन फीट तक बजरी मिलती है, जबकि हाडला में खान से 300-400 फीट तक बजरी का खनन किया जा सकता है और 50 नदी-नालों के बराबर बजरी मिल सकती है।
जिले में बजरी की 82 खानें, 67 को लीज का इंतजार
बीकानेर जिले में बजरी की 82 खानें हैं। इनमें से सबसे ज्यादा कोलायत में 50, बीकानेर में 15, नोखा में 13 और लूणकरणसर में 4 खानें हैं। इसके अलावा 67 आवेदन पर्यावरण क्लियरेंस नहीं मिलने के कारण पेंडिंग पड़े हैं। कोलायत के हाडला में एरिया रिजर्व होने से पहले के सात खनन पटटे जारी हैं जिनमें खनन हो रहा है।
बजरी में सिलिका की मात्रा ज्यादा और क्ले व डस्ट पार्टिकल कम होने चाहिए। अगर ऐसा है तो बजरी अच्छी क्वालिटी की होगी। हाडला की बजरी में यह खासियत है, इसीलिए उसकी ज्यादा डिमांड रहती है। हाडला की पूर्व में रिजर्व की गई जमीन को फ्री करने के लिए निदेशालय को पत्र लिखे गए हैं। -जीएस निर्वाण, अतिरिक्त निदेशक भूविज्ञान
अतिरिक्त निदेशक भूविज्ञान
हाडला में रिजर्व जमीन फ्री करने पर बजरी की लीज दी जा सकेगी। खनन शुरू होने से सरकार को रेवेन्यू और जनता को रोजगार मिलेगा। अच्छी बजरी की उपलब्धता बढ़ेगी। बजरी के लिए एक से पांच हेक्टेयर तक की लीज दी जा सकती है।-राजेन्द्र बलारा, एमईखान एवं भूविज्ञान विभाग
हाडला सरपंच बोले-रिजर्व एरिया फ्री करे सरकार
हाडला सरपंच जयसिंह का कहना है कि एक दशक पूर्व कोयले की लिए गांव की जमीन रिजर्व की गई थी। रिजर्व किए जाने की समय-सीमा खत्म हो गई, लेकिन जमीन को फ्री नहीं किया गया। ना तो यहां खनन के लिए लीज मिल पा रही है और ना ही खातेदारों को मुआवजा। हाडला की लाल बजरी की खूब डिमांड है। बीकानेर के अलावा चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और हरियाणा-पंजाब तक भी हाडला की बजरी जाती है। सरकार को हाडला में जमीन फ्री कर लीज जारी करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। इसके लिए कई बार मंत्री, अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
देश में अंडरग्राउंड बजरी केवल राजस्थान के बीकानेर जिले में है जहां कोलायत तहसील के हाडला-भाणेका की सबसे अच्छी क्वालिटी की बजरी है। लेकिन, सरकार ने यहां 718.5875 वर्ग किमी खनन एरिया में बेवजह ही बैन लगा रखा है। सन् 2015 में हाडला-भाणेका का एरिया कोयले की खोज के लिए 5 साल तक के लिए रिजर्व किया गया था, अवधि पूरी होने के दो साल बाद भी सरकार ने इसे फ्री नहीं किया है।
15 फरवरी,10 को जामसर में 1092.91 स्क्वेयर किमी, कोलायत के राणासर में 248.75 हेक्टेयर और लूणकरणसर तहसील के धीरेरा में 130.56 हेक्टेयर एरिया पांच साल तक जिप्सम खनन के लिए तथा 24 सितंबर, 13 को कोलायत के ही हाडला-बरसिंगसर में 274.3475 वर्ग किमी, भाणेका-लोहिया में 319.965 वर्ग किमी, दियातरा-भाणेका में 124.275 वर्ग किमी एरिया 5 साल तक कोयले की खोज के लिए रिजर्व किया गया था।
खान एवं पेट्रोलियम विभाग ने जामसर, राणासर और धीरेरा का एरिया तो 18 जुलाई, 22 को फ्री कर दिया, लेकिन हाडला-भाणेका के एरिये पर आज भी बैन लगा रखा है। हाडला-भाणेका में बैन के कारण खनन व्यवसायियों को बजरी की लीज नहीं दी जा रही है और ना ही खातेदारों को मुआवजा मिल रहा है। खान विभाग के भूवैज्ञानिक इस संबंध में निदेशालय को कई बार पत्र लिख चुके हैं कि हाडला सहित कोयले के लिए रिजर्व किए एरिया को फ्री किया जाए।
खास बात यह है कि पूरे देश में पत्थरों को तोड़कर क्रेशर से या नदी-नालों से बजरी का खनन किया जाता है, केवल राजस्थान में बीकानेर ही ऐसा जिला है जहां खानों से यानी कि अंडरग्राउंड बजरी निकलती है। नदी-नालों से तो दो या तीन फीट तक बजरी मिलती है, जबकि हाडला में खान से 300-400 फीट तक बजरी का खनन किया जा सकता है और 50 नदी-नालों के बराबर बजरी मिल सकती है।
जिले में बजरी की 82 खानें, 67 को लीज का इंतजार
बीकानेर जिले में बजरी की 82 खानें हैं। इनमें से सबसे ज्यादा कोलायत में 50, बीकानेर में 15, नोखा में 13 और लूणकरणसर में 4 खानें हैं। इसके अलावा 67 आवेदन पर्यावरण क्लियरेंस नहीं मिलने के कारण पेंडिंग पड़े हैं। कोलायत के हाडला में एरिया रिजर्व होने से पहले के सात खनन पटटे जारी हैं जिनमें खनन हो रहा है।
बजरी में सिलिका की मात्रा ज्यादा और क्ले व डस्ट पार्टिकल कम होने चाहिए। अगर ऐसा है तो बजरी अच्छी क्वालिटी की होगी। हाडला की बजरी में यह खासियत है, इसीलिए उसकी ज्यादा डिमांड रहती है। हाडला की पूर्व में रिजर्व की गई जमीन को फ्री करने के लिए निदेशालय को पत्र लिखे गए हैं। -जीएस निर्वाण, अतिरिक्त निदेशक भूविज्ञान
अतिरिक्त निदेशक भूविज्ञान
हाडला में रिजर्व जमीन फ्री करने पर बजरी की लीज दी जा सकेगी। खनन शुरू होने से सरकार को रेवेन्यू और जनता को रोजगार मिलेगा। अच्छी बजरी की उपलब्धता बढ़ेगी। बजरी के लिए एक से पांच हेक्टेयर तक की लीज दी जा सकती है।-राजेन्द्र बलारा, एमईखान एवं भूविज्ञान विभाग
हाडला सरपंच बोले-रिजर्व एरिया फ्री करे सरकार
हाडला सरपंच जयसिंह का कहना है कि एक दशक पूर्व कोयले की लिए गांव की जमीन रिजर्व की गई थी। रिजर्व किए जाने की समय-सीमा खत्म हो गई, लेकिन जमीन को फ्री नहीं किया गया। ना तो यहां खनन के लिए लीज मिल पा रही है और ना ही खातेदारों को मुआवजा। हाडला की लाल बजरी की खूब डिमांड है। बीकानेर के अलावा चूरू, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और हरियाणा-पंजाब तक भी हाडला की बजरी जाती है। सरकार को हाडला में जमीन फ्री कर लीज जारी करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। इसके लिए कई बार मंत्री, अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं।
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08 November 2022 02:06 PM
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