20 March 2022 06:32 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
*विश्व गौरेया दिवस पर नोखा में करीब 5 हज़ार से ज्यादा घोरोंदे लगाकर चिड़ियों को बचाने का प्रयास,नोखा व्हाट्सएप ग्रुप और समाजसेवी संस्थाओ ने चलाई मुहिम।
बीकानेर के नोखा में पक्षियों के लिए घोरोंदे बनाकर लगाए गए हैं। यहाँ पक्षी अपना घर बसेरा तो बना ही सकेंगे,और साथ में दाना चुगने की भी कोई कमी नहीं है।पक्षियों को तिनका तिनका एकित्रत करके घोंसला ने बनाना पड़े,इसलिए मिट्टी के घोरोंदे अलग अलग स्थानों पर लगाए गए हैं। बीकानेर के नोखा में पक्षियों के लिए हर तरह की सुविधा मुहैया करवाने का ये प्रयास नोखा के नारायण जोशी, मनोज़ माही पंचारिया और सुरेश कुमार झंवर का है।जिन्होंने घोरोंदों की मुहिम नोखा में सुरूवात की।उनका मानना है किपक्षियों को भी इंसानो की तरहरहने का हक्क है।ऐसे मेंउन्होंने कोरोना काल के बाद से ही पिछले दो ढाई सालो से सेवा कार्ये निरन्तर चालू है। घोरोंदों की डिजाइन भी लोगो में आकर्षण का केंद्र है।इन समाजसेवी संस्थाओं का रहा सहयोग नारायण जोशी अध्यक्ष साँई ग्रुप नोखा, साँई ग्रुप सूरत ने बढ़चढ़ के हिसा लिया और नोखा के *माही हैप्पी न्यू ईयर* व्हाट्सएप ग्रुप ने पूरा सहयोग किया और ग्रुप एडमिन मनोज माही पंचारिया S.K झंवर ने बताया कि घोरोंदों के साथ साथ पानी के लिए पालसिये भी लगाए गए और हर 15 दिनों में करीब एक क्विंटल दाना चुग्गा पक्षियों के लिए डाला जा रहा है।नारायण जोशी सुरेश झंवर और मनोज़ माही पंचारिया का कहना है कि इस तरह अगर समाज सेवी संस्था आगे नहीं आई तो आने वाले समय में पक्षियों की प्रजातिया लुप्त हो जायेगी।और इन का कहना है कि हर सामाजिक समाजसेवी संस्थाओं को पक्षियों के लिए हर सम्भव प्रयास किये जायें जिससे हम लुप्त हो रहे पक्षियों को बचाने का प्रयास करें।।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
विश्व गौरेया दिवस पर नोखा में करीब 5 हज़ार से ज्यादा घोरोंदे लगाकर चिड़ियों को बचाने का प्रयास,नोखा व्हाट्सएप ग्रुप और समाजसेवी संस्थाओ ने चलाई मुहिम।
बीकानेर के नोखा में पक्षियों के लिए घोरोंदे बनाकर लगाए गए हैं। यहाँ पक्षी अपना घर बसेरा तो बना ही सकेंगे,और साथ में दाना चुगने की भी कोई कमी नहीं है।पक्षियों को तिनका तिनका एकित्रत करके घोंसला ने बनाना पड़े,इसलिए मिट्टी के घोरोंदे अलग अलग स्थानों पर लगाए गए हैं। बीकानेर के नोखा में पक्षियों के लिए हर तरह की सुविधा मुहैया करवाने का ये प्रयास नोखा के नारायण जोशी, मनोज़ माही पंचारिया और सुरेश कुमार झंवर का है।जिन्होंने घोरोंदों की मुहिम नोखा में सुरूवात की।उनका मानना है किपक्षियों को भी इंसानो की तरहरहने का हक्क है।ऐसे मेंउन्होंने कोरोना काल के बाद से ही पिछले दो ढाई सालो से सेवा कार्ये निरन्तर चालू है। घोरोंदों की डिजाइन भी लोगो में आकर्षण का केंद्र है।इन समाजसेवी संस्थाओं का रहा सहयोग नारायण जोशी अध्यक्ष साँई ग्रुप नोखा, साँई ग्रुप सूरत ने बढ़चढ़ के हिसा लिया और नोखा के
माही हैप्पी न्यू ईयर
व्हाट्सएप ग्रुप ने पूरा सहयोग किया और ग्रुप एडमिन मनोज माही पंचारिया S.K झंवर ने बताया कि घोरोंदों के साथ साथ पानी के लिए पालसिये भी लगाए गए और हर 15 दिनों में करीब एक क्विंटल दाना चुग्गा पक्षियों के लिए डाला जा रहा है।नारायण जोशी सुरेश झंवर और मनोज़ माही पंचारिया का कहना है कि इस तरह अगर समाज सेवी संस्था आगे नहीं आई तो आने वाले समय में पक्षियों की प्रजातिया लुप्त हो जायेगी।और इन का कहना है कि हर सामाजिक समाजसेवी संस्थाओं को पक्षियों के लिए हर सम्भव प्रयास किये जायें जिससे हम लुप्त हो रहे पक्षियों को बचाने का प्रयास करें।।
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16 February 2022 12:45 PM
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