15 July 2021 10:04 AM
बीकानेर। आपको जानकर हैरानी होगी। पीबीएम के जनाना अस्पताल में में दो दिन पहले एक महिला का सिजेरियन प्रसव हुआ। लेबर रूम के कार्मिक ने परिजनों से कहा, बधाई हो लड़का हुआ है। करीब 20 मिनट बाद बच्चा दिया तो वह लड़का नहीं लड़की थी। लड़की को देखकर परिजनों में सन्नाटा पसर गया।
छतरगढ़ निवासी राहुल शर्मा की पत्नी पूनम देवी (28) को प्रसव पीड़ा होने पर पीबीएम के जनाना अस्पताल के लेबर रूम में भर्ती कराया गया। हालत सामान्य नहीं होने पर चिकित्सकों ने प्रसूता के परिजनों से प्रसव ऑपरेशन से कराने की बात बताई। परिजनों की सहमति के बाद रात करीब सवा 12 बजे ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन कक्ष से एक कार्मिक ने साढ़े 12 बजे आकर कहा कि बधाई हो लड़का हुआ है।खुशी में एक-दूसरे को दी बधाई परिजनों को जैसे ही कार्मिक ने लड़का होने की सूचना दी। परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। प्रसूता के पकि राहुल व अन्य परिजनों ने फोन कर रिश्तेदारों व परिचितों के बधाइयां देनी शुरू कर दी लेकिन करीब 20 मिनट बाद परिजनों को ननजात सौंपा तो वह लड़का नहीं लड़की थी। लड़की दो देखते ही परिजनों के होश पाखता हो गए। हंसी से मुस्कुराते चेहरे मुरझा गए और बधाई का शोर सन्नाटे में बदल गया। परिजनों ने इसकों लेकर विरोध जताया लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी।
प्रसूता के पति राहुल ने पीबीएम अधीक्षक डॉ. परमेन्द्र सिराही को इस पूरे प्रकरण की लिखित शिकायत की है। शिकायती पत्र में नाराज़गी जताई है कि कार्मिकों ने उन्हें पहले लड़का होने की सूचना दी और बाद में लड़की सौंपी। लड़की हुई को लड़के की गलत सूचना क्यों दी। ऐसा करने वाले कार्मिकों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने की गूहार लगाई है।
प्रसूता के पति राहुल शर्मा ने कहा, कि उसकी पत्नी पूनम को पहले दो लड़कियां जो सिजेरियन से हुई थी। अब भी लड़की हूई है, इससे हम दोनाों व परिवार के लोग खुश है लेकिन हमारी भावनाओं को ठेस पहुंची हैं। जिस दिन मेरी पत्नी को प्रसव हुआ उल दिन तीन और प्रसव हुए थे। इसलिए आशंका है कि पीबीएम के कार्मिक से चूक हुई है, जिससे बच्चा बदल गया है। मैं बच्चें का डीएनए जांच करवाऊंगा। अगर कोई गड़बड़ हुई तो कानूनी लड़ाई लडूंगा।
वही डॉ.परमेन्द्र सिरोही का कहना है भूलवंश चूक हुई है। बच्चा बदलने की एक व्यक्ति ने शिकायत की है, जिसकी जांच करवा रहे हैं। वैसे बच्चा बदलने जैसी बड़ी गलती हो नहीं सकती। प्रसव होते ही बच्चे को मां के नंबर का टैग लगा दिया जाता। किसी कार्मिक ने जल्दबाजी में लड़का होने की सूचना दे दी होगी। फिर भी परिजनों की तसल्ली के लिए जांच करवा रहे हैं।
बीकानेर। आपको जानकर हैरानी होगी। पीबीएम के जनाना अस्पताल में में दो दिन पहले एक महिला का सिजेरियन प्रसव हुआ। लेबर रूम के कार्मिक ने परिजनों से कहा, बधाई हो लड़का हुआ है। करीब 20 मिनट बाद बच्चा दिया तो वह लड़का नहीं लड़की थी। लड़की को देखकर परिजनों में सन्नाटा पसर गया।
छतरगढ़ निवासी राहुल शर्मा की पत्नी पूनम देवी (28) को प्रसव पीड़ा होने पर पीबीएम के जनाना अस्पताल के लेबर रूम में भर्ती कराया गया। हालत सामान्य नहीं होने पर चिकित्सकों ने प्रसूता के परिजनों से प्रसव ऑपरेशन से कराने की बात बताई। परिजनों की सहमति के बाद रात करीब सवा 12 बजे ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन कक्ष से एक कार्मिक ने साढ़े 12 बजे आकर कहा कि बधाई हो लड़का हुआ है।खुशी में एक-दूसरे को दी बधाई परिजनों को जैसे ही कार्मिक ने लड़का होने की सूचना दी। परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। प्रसूता के पकि राहुल व अन्य परिजनों ने फोन कर रिश्तेदारों व परिचितों के बधाइयां देनी शुरू कर दी लेकिन करीब 20 मिनट बाद परिजनों को ननजात सौंपा तो वह लड़का नहीं लड़की थी। लड़की दो देखते ही परिजनों के होश पाखता हो गए। हंसी से मुस्कुराते चेहरे मुरझा गए और बधाई का शोर सन्नाटे में बदल गया। परिजनों ने इसकों लेकर विरोध जताया लेकिन किसी ने एक नहीं सुनी।
प्रसूता के पति राहुल ने पीबीएम अधीक्षक डॉ. परमेन्द्र सिराही को इस पूरे प्रकरण की लिखित शिकायत की है। शिकायती पत्र में नाराज़गी जताई है कि कार्मिकों ने उन्हें पहले लड़का होने की सूचना दी और बाद में लड़की सौंपी। लड़की हुई को लड़के की गलत सूचना क्यों दी। ऐसा करने वाले कार्मिकों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने की गूहार लगाई है।
प्रसूता के पति राहुल शर्मा ने कहा, कि उसकी पत्नी पूनम को पहले दो लड़कियां जो सिजेरियन से हुई थी। अब भी लड़की हूई है, इससे हम दोनाों व परिवार के लोग खुश है लेकिन हमारी भावनाओं को ठेस पहुंची हैं। जिस दिन मेरी पत्नी को प्रसव हुआ उल दिन तीन और प्रसव हुए थे। इसलिए आशंका है कि पीबीएम के कार्मिक से चूक हुई है, जिससे बच्चा बदल गया है। मैं बच्चें का डीएनए जांच करवाऊंगा। अगर कोई गड़बड़ हुई तो कानूनी लड़ाई लडूंगा।
वही डॉ.परमेन्द्र सिरोही का कहना है भूलवंश चूक हुई है। बच्चा बदलने की एक व्यक्ति ने शिकायत की है, जिसकी जांच करवा रहे हैं। वैसे बच्चा बदलने जैसी बड़ी गलती हो नहीं सकती। प्रसव होते ही बच्चे को मां के नंबर का टैग लगा दिया जाता। किसी कार्मिक ने जल्दबाजी में लड़का होने की सूचना दे दी होगी। फिर भी परिजनों की तसल्ली के लिए जांच करवा रहे हैं।
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