08 December 2022 03:11 PM
जोग संजोग टाइम्स,
अहमदाबाद
गुजरात में भाजपा ऐतिहासिक जीत दर्ज करती दिखाई दे रही है। काउंटिंग के रुझानों के मुताबिक भाजपा 182 में से 62 सीटें जीत चुकी है और 96 पर आगे है। रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं, तो भाजपा 1985 में कांग्रेस की 149 सीटें जीतने का रिकॉर्ड तोड़ देगी। सूत्रों के मुताबिक भूपेंद्र पटेल 12 दिसंबर को CM पद की शपथ लेंगे।
कांग्रेस ने 1985 के चुनाव में माधव सिंह सोलंकी की अगुआई में 149 सीटें जीती थीं। भाजपा 150 का आंकड़ा पार करने पर कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड तोड़ देगी। मोदी के गुजरात का CM रहते भाजपा ने 2002 के चुनाव में 127 सीटें जीती थीं। दिलचस्प बात यह है कि चुनाव प्रचार के दौरान PM मोदी ने कहा था- नरेंद्र का रिकॉर्ड भूपेंद्र तोड़ेंगे। नतीजों में यही नजर आ रहा है।
अहमदाबाद में भाजपा कार्यालय 'कमलम्' में पार्टी कार्यकर्ता नाचते हुए जश्न मना रहे हैं।
भाजपा 150 के पार, कांग्रेस 20 के अंदर सिमटी
रुझानों में गुजरात की 182 में से भाजपा ने 158 सीटों पर एकतरफा बढ़त ली है। कांग्रेस 9 सीटों पर आगे है और 7 सीटें जीत चुकी है। इधर, आम आदमी पार्टी 3 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है और दो सीटें जीत चुकी है। निर्दलीय और अन्य कैंडिडेट्स के खाते में 3 सीटें जाती दिखाई दे रही हैं।
गुजरात में गुरुवार सुबह 8 बजे से पहले आधे घंटे में पोस्टल बैलेट्स की गिनती के बाद EVM से काउंटिंग शुरू हुई थी। यहां बड़ी सीटों में जामनगर से भाजपा की रीवाबा, अहमदाबाद से CM भूपेंद्र पटेल, वीरमगाम से भाजपा के हार्दिक पटेल आगे चल रहे हैं। भाजपा की लीड को देखते हुए पार्टी समर्थकों ने जश्न शुरू कर दिया है। 12 दिसंबर को शपथ लेंगे मुख्यमंत्री
गुजरात भाजपा प्रमुख CR पाटिल ने बताया कि 12 दिसंबर को दोपहर 2 बजे गुजरात के नए मुख्यमंत्री शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह शामिल होंगे। वहीं, गुजरात के CM भूपेंद्र पटेल ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव का जनादेश अब स्पष्ट हो चुका है, यहां की जनता ने मन बना लिया है कि दो दशक से चली आ रही गुजरात की इस विकास यात्रा को अविरत चालू रखना है। यहां के लोगों ने एक बार फिर BJP पर अटूट भरोसा दिखाया है।
AAP के तीनों दिग्गज चुनाव मैदान में चित
AAP के तीनों बड़े नेता चुनाव हार गए हैं। इनमें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार ईशुदान गढ़वी, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया और पाटीदार नेता अल्पेश कथीरिया शामिल हैं। हालांकि, पार्टी दो सीटें जीत चुकी है और 5 पर उसकी बढ़त बनी हुई है। ओवैसी की पार्टी के सभी 13 कैंडिडेट हारे
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने पहली बार गुजरात विधानसभा चुनाव में हिस्सा लिया था। AIMIM ने कुल 13 में से 2 हिंदू कैंडिडेट भी मैदान में उतारे थे। पार्टी के सभी कैंडिडेट चुनाव हार गए हैं।
अपडेट्स...
गुजरात की वीआईपी सीटों में से एक वडगाम से कांग्रेस के युवा दलित नेता जिग्नेश मेवाणी हार गए हैं। उन्हें बीजेपी के मणिभाई वाघेला ने हराया।
वढवाण से भाजपा के जगदीश मकवाणा 52 हजार वोट से आगे हैं, लीड देखकर उनकी जीत पक्की मानी जा रही है।
लीमडी मे भाजपा के कीरीट सिंह राणा 20 हजार वोट से आगे हैं, उनकी जीत भी पक्की मानी जा रही है।
भावनगर (पश्चिम) से बीजेपी के शिक्षामंत्री जीतू वाघाणी 2000 वोटों से आगे चल रहे हैं। पहले राउंड में वे कांग्रेस कैंडिडेट से पिछड़ गए थे।
वीरमगाम में हार्दिक पटेल ने AAP के अमर सिंह ठाकोर पर बढ़त बना ली है। पहले राउंड में वे पीछे चल रहे थे।
मोरबी में भाजपा के कांतिलाल अमृतिया आगे चल रहे हैं। वे ब्रिज हादसे के समय लोगों को बचाने के लिए मच्छू नदी में कूदे थे। जिले की तीनों सीटों मोरबी, टंकारा और वांकानेर पर भाजपा आगे है।
मजुरा से गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संधवी आगे हैं। यहां फिलहाल दूसरे नंबर पर कांग्रेस कैंडिडेट है।
कुतियाणा में लेडी डॉन संतोकबेन जडेजा के बेटे कांधल जडेजा चुनाव जीत गए हैं। वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
रुझानों में भाजपा को बड़ी लीड मिलने पर समर्थक शंख बजाकर खुशी जाहिर कर रहे हैं।
गुजरात की 9 हॉट सीट, इनमें मोदी-शाह और रीवाबा की सीटें
1. घाटलोडिया (अहमदाबाद) से CM भूपेंद्र पटेल आगे: गुजरात को दो मुख्यमंत्री (भूपेंद्र पटेल और आनंदीबेन पटेल) देने वाली घाटलोदिया सीट से इस बार राज्य के CM भूपेंद्र पटेल मैदान में उतरे। पाटीदार वोटर्स के असर वाली इस सीट पर कांग्रेस ने राज्यसभा सांसद अमी बेन याग्निक को टिकट दिया था। AAP से विजय पटेल चुनाव लड़ रहे थे।
2. राजकोट वेस्ट से भाजपा की दर्शिता शाह जीतीं: राजकोट-पश्चिम से नरेंद्र मोदी ने 2002 में अपना पहला चुनाव लड़ा था। पिछले चुनाव में गुजरात के CM रहे विजय रूपाणी ने यहां से 53 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। इस बार उनकी जगह भाजपा ने दर्शिता शाह को मैदान में उतारा। यहां कांग्रेस से मनसखभाई और AAP से दिनेश जोशी लड़ रहे थे।
3. जामनगर नॉर्थ से भाजपा की रीवाबा जडेजा आगे: यहां क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रीवाबा भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। कांग्रेस से दिग्गज नेता बिपेंद्र सिंह जडेजा और AAP के कर्सन करमोर चुनाव लड़ रहे हैं। खास बात यह है कि रीवाबा की ननद नयनाबा उनके खिलाफ प्रचार कर रही थीं। वे जामनगर जिला कांग्रेस की महामंत्री हैं। रीवाबा के ससुर अनिरुद्ध जडेजा भी कांग्रेस कैंडिडेट के समर्थन में ही प्रचार कर रहे थे।
चुनाव प्रचार के दौरान क्रिकेटर रवींद्र जडेजा के साथ भाजपा कैंडिडेट रीवाबा जडेजा।
4. वीरमगाम (अहमदाबाद) से भाजपा के हार्दिक पटेल आगे: कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हार्दिक पटेल वीरमगाम सीट से कैंडिडेट थे। पिछले दो टर्म से इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। 2002 और 2007 में यह सीट जीतने वाली कांग्रेस ने पुराने दिग्गज लाखाभाई भारवाड़ को टिकट दिया था। AAP ने अमर सिंह ठाकोर को चुनाव में उतारा था।
5. मोरबी से भाजपा के अमृतिया जीते: कांति अमृतिया साल भाजपा के टिकट पर मोरबी से पांच बार जीत चुके हैं। 2017 में उन्हें कांग्रेस के बृजेश मेरजा ने हराया था। चुनाव के बाद मेरजा विधायकी छोड़कर भाजपा में आ गए थे। इस वजह से 2018 में उपचुनाव हुए। इसमें मेरजा ही जीते। इस बार भाजपा ने उनका टिकट काटकर एक बार फिर अमृतिया को मैदान में उतारा। मोरबी पुल हादसे के वक्त वे लोगों की जान बचाने के लिए मच्छू नदी में कूदे थे। कांग्रेस ने जयंति पटेल और AAP ने पंकज रणसरिया को टिकट दिया था।
6. मणिनगर (अहमदाबाद): गुजरात के CM रहते हुए मोदी 2007 और 2012 के चुनाव अहमदाबाद की मणिनगर की सीट से जीते थे। इस सीट पर पिछले 8 चुनाव से भाजपा का कब्जा है। पार्टी ने यहां से अमूल भट्ट को टिकट दिया। AAP ने विपुलभाई पटेल और कांग्रेस ने सीएम राजपूत को मैदान में उतारा था।
गुजरात में जैसे-जैसे भाजपा के पक्ष में रुझान आ रहे हैं, समर्थकों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।
7. नारणपुरा (अहमदाबाद): अहमदाबाद की नारणपुरा विधानसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद 2012 में अस्तित्व में आई। पहली बार यहां से अमित शाह ने बड़ी जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2017 में बीजेपी के कौशिकभाई पटेल ने यह सीट जीती। इस बार भाजपा ने जितेंद्र भाई पटेल को उतारा था। कांग्रेस से सोनल पटेल और AAP से पंकज पटेल मैदान में थे।.
8. खंभालिया (द्वारका) से AAP के ईशुदान गढ़वी हारे: खंभालिया सीट इसलिए खास है, क्योंकि यहां AAP के CM कैंडिडेट ईशुदान गढ़वी चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने मुलुभाई हरदासभाई बेरा और कांग्रेस ने सिटिंग MLA विक्रम माडम को टिकट दिया है। उन्होंने 2017 में भाजपा कैंडिडेट को 11 हजार 46 वोटों से हराया था। इस सीट पर रोचक बात यह है कि ओवैसी की AIMIM ने भी यहां अपना कैंडिडेट उतारा है। ओवैसी की नजर मछुआरों की मुस्लिम आबादी पर है।
9. बायड (अरावली): यहां से पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के बेटे महेंद्र वाघेला मैदान में हैं। महेंद्र सिंह ने 2012 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था। उन्होंने 2017 का चुनाव नहीं लड़ा था और भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, तीन महीने बाद ही वे कांग्रेस में लौट आए थे। यहां भाजपा ने भीखीबेन परमार और AAP ने चुनीभाई पटेल को टिकट दिया है। इनके अलावा AAP के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया की सीट कतारगाम (सूरत) और कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी वडगाम (बनासकांठा) के चुनाव नतीजों पर भी लोगों की नजर रहेगी। वहीं, सूरत की वराछा से पाटीदार आंदोलन के नेता अल्पेश कथीरिया और वडोदरा की वाघोडिया सीट से भाजपा के बागी मधु श्रीवास्तव के नाम भी चर्चा में हैं।
गुजरात में सबसे पहले डाक मत पत्रों की गिनती की गई। इसके बाद EVM से काउंटिंग शुरू हुई।
दिव्य भास्कर के पोल में भाजपा की जीत
गुजरात में सेकेंड फेज की वोटिंग के बाद भास्कर के गुजराती ऐप 'दिव्य भास्कर' ने एग्जिट पोल किया था। इस पोल में भास्कर के 100 पत्रकारों के अलावा तहसील और जिलों के पांच-पांच पत्रकारों-विशेषज्ञों-राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने 182 सीटों पर हार-जीत को लेकर बात की। दिव्य भास्कर के इस पोल के मुताबिक भाजपा कांग्रेस से बड़े अंतर से जीतती नजर आ रही है।
पोल ऑफ पोल्स में सातवीं बार भाजपा सरकार
देश की पांच बड़ी एजेंसियों ने भी गुजरात में 5 दिसंबर को सेकेंड फेज के चुनाव के बाद एग्जिट पोल किए थे। इन सभी में 27 साल से सत्ता पर काबिज भाजपा रिकॉर्ड 7वीं बार भी सरकार बनाती दिख रही है। नीचे दिए ग्राफिक में आप पांचों पोल्स का महापोल देख सकते हैं...
62 साल के गुजरात में 35 साल कांग्रेस राज
गुजरात में अब तक बनी सरकारों की बात करें, तो 1960 में राज्य बनने के बाद से 1975 तक यहां कांग्रेस की सरकार रही। 1975 में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनी, लेकिन अगले ही चुनाव यानी 1980 में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी कर ली।
पिछले 27 साल से भाजपा सत्ता पर काबिज
गुजरात में 1975 के 15 साल बाद यानी 1990 में एक बार फिर गैर कांग्रेसी सरकार बनी, लेकिन रियल टर्निंग पॉइंट आया 1995 में... जब भाजपा ने पहली बार अपनी दम पर सरकार बनाई। तब केशुभाई पटेल राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। 2001 में भाजपा ने पटेल को हटाकर नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया।
इसके बाद 2002, 2007 और 2012 में नरेंद्र मोदी की अगुआई में भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीते। हालांकि, राज्य में पिछला यानी 2017 का चुनाव भी भाजपा ने मोदी के चेहरे पर ही लड़ा था, लेकिन सरकार बचने के बावजूद उसकी सीटें घट गई थीं।
दक्षिण गुजरात में सबसे ज्यादा 70% वोटिंग
गुजरात को सियासी जानकार चार हिस्सों में बांटकर देखते हैं। ये हैं मध्य, उत्तर, दक्षिण और सौराष्ट्र-कच्छ। इन सभी रीजन में सबसे ज्यादा वोटिंग दक्षिण गुजरात में हुई। यहां वोटिंग का आंकड़ा 70.38% रहा। गुजरात के इन चारों रीजन में वोटर्स की संख्या, महिला-पुरुष मतदाताओं के आंकड़े और वोटिंग परसेंट नीचे दिए ग्राफिक में देख सकते हैं...
गुजरात चुनाव से जुड़ी भास्कर की ये खास खबरें पढ़ना न भूलें...
गुजरात का गणित:इस बार 5% कम वोटिंग, 5 विधानसभा चुनावों में 3 बार वोट प्रतिशत गिरा तो BJP की सीटें घटीं राज्य में इस बार दोनों फेज में 64.3% वोटिंग हुई। यह पिछली बार के 69.2% से करीब 5% कम है। बीते पांच में से तीन चुनाव में वोट प्रतिशत गिरने पर भाजपा को नुकसान और कांग्रेस को फायदा हुआ था। हालांकि, 2012 में वोटिंग 13% बढ़ने के बावजूद भाजपा को दो सीटों का घाटा हुआ था।
गुजरात चुनाव फर्स्ट फेज में 63.31% मतदान:ये आंकड़ा पिछली बार से 5.49% कम; 10 साल में भी सबसे कम वोटिंग गुजरात में 19 जिलों की 89 सीटों के लिए मैदान में उतरे 788 प्रत्याशियों की किस्मत 1 दिसंबर को ईवीएम में कैद हो गई। पहले चरण में 63.31 फीसदी लोगों ने मतदान किया। यह आंकड़ा 2017 में हुए चुनाव से 5.20% कम रहा। इतना ही नहीं इस बार 10 साल की सबसे कम वोटिंग हुई। गुजरात चुनाव के सेकेंड फेज में 64.39% वोटिंग:ग्रामीण इलाकों में आंकड़ा बेहतर, साबरकांठा में सबसे ज्यादा वोट पड़े चुनाव के इस फेज में 14 जिलों की 93 सीटों के लिए 5 दिसंबर को 65.39% वोट पड़े। औसत की बात करें तो सबसे ज्यादा 70.90% मतदान साबरकांठा में और सबसे कम 55.21% मतदान अहमदाबाद में दर्ज किया गया।
जोग संजोग टाइम्स,
अहमदाबाद
गुजरात में भाजपा ऐतिहासिक जीत दर्ज करती दिखाई दे रही है। काउंटिंग के रुझानों के मुताबिक भाजपा 182 में से 62 सीटें जीत चुकी है और 96 पर आगे है। रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं, तो भाजपा 1985 में कांग्रेस की 149 सीटें जीतने का रिकॉर्ड तोड़ देगी। सूत्रों के मुताबिक भूपेंद्र पटेल 12 दिसंबर को CM पद की शपथ लेंगे।
कांग्रेस ने 1985 के चुनाव में माधव सिंह सोलंकी की अगुआई में 149 सीटें जीती थीं। भाजपा 150 का आंकड़ा पार करने पर कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड तोड़ देगी। मोदी के गुजरात का CM रहते भाजपा ने 2002 के चुनाव में 127 सीटें जीती थीं। दिलचस्प बात यह है कि चुनाव प्रचार के दौरान PM मोदी ने कहा था- नरेंद्र का रिकॉर्ड भूपेंद्र तोड़ेंगे। नतीजों में यही नजर आ रहा है।
अहमदाबाद में भाजपा कार्यालय 'कमलम्' में पार्टी कार्यकर्ता नाचते हुए जश्न मना रहे हैं।
भाजपा 150 के पार, कांग्रेस 20 के अंदर सिमटी
रुझानों में गुजरात की 182 में से भाजपा ने 158 सीटों पर एकतरफा बढ़त ली है। कांग्रेस 9 सीटों पर आगे है और 7 सीटें जीत चुकी है। इधर, आम आदमी पार्टी 3 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है और दो सीटें जीत चुकी है। निर्दलीय और अन्य कैंडिडेट्स के खाते में 3 सीटें जाती दिखाई दे रही हैं।
गुजरात में गुरुवार सुबह 8 बजे से पहले आधे घंटे में पोस्टल बैलेट्स की गिनती के बाद EVM से काउंटिंग शुरू हुई थी। यहां बड़ी सीटों में जामनगर से भाजपा की रीवाबा, अहमदाबाद से CM भूपेंद्र पटेल, वीरमगाम से भाजपा के हार्दिक पटेल आगे चल रहे हैं। भाजपा की लीड को देखते हुए पार्टी समर्थकों ने जश्न शुरू कर दिया है। 12 दिसंबर को शपथ लेंगे मुख्यमंत्री
गुजरात भाजपा प्रमुख CR पाटिल ने बताया कि 12 दिसंबर को दोपहर 2 बजे गुजरात के नए मुख्यमंत्री शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह शामिल होंगे। वहीं, गुजरात के CM भूपेंद्र पटेल ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव का जनादेश अब स्पष्ट हो चुका है, यहां की जनता ने मन बना लिया है कि दो दशक से चली आ रही गुजरात की इस विकास यात्रा को अविरत चालू रखना है। यहां के लोगों ने एक बार फिर BJP पर अटूट भरोसा दिखाया है।
AAP के तीनों दिग्गज चुनाव मैदान में चित
AAP के तीनों बड़े नेता चुनाव हार गए हैं। इनमें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार ईशुदान गढ़वी, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया और पाटीदार नेता अल्पेश कथीरिया शामिल हैं। हालांकि, पार्टी दो सीटें जीत चुकी है और 5 पर उसकी बढ़त बनी हुई है। ओवैसी की पार्टी के सभी 13 कैंडिडेट हारे
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने पहली बार गुजरात विधानसभा चुनाव में हिस्सा लिया था। AIMIM ने कुल 13 में से 2 हिंदू कैंडिडेट भी मैदान में उतारे थे। पार्टी के सभी कैंडिडेट चुनाव हार गए हैं।
अपडेट्स...
गुजरात की वीआईपी सीटों में से एक वडगाम से कांग्रेस के युवा दलित नेता जिग्नेश मेवाणी हार गए हैं। उन्हें बीजेपी के मणिभाई वाघेला ने हराया।
वढवाण से भाजपा के जगदीश मकवाणा 52 हजार वोट से आगे हैं, लीड देखकर उनकी जीत पक्की मानी जा रही है।
लीमडी मे भाजपा के कीरीट सिंह राणा 20 हजार वोट से आगे हैं, उनकी जीत भी पक्की मानी जा रही है।
भावनगर (पश्चिम) से बीजेपी के शिक्षामंत्री जीतू वाघाणी 2000 वोटों से आगे चल रहे हैं। पहले राउंड में वे कांग्रेस कैंडिडेट से पिछड़ गए थे।
वीरमगाम में हार्दिक पटेल ने AAP के अमर सिंह ठाकोर पर बढ़त बना ली है। पहले राउंड में वे पीछे चल रहे थे।
मोरबी में भाजपा के कांतिलाल अमृतिया आगे चल रहे हैं। वे ब्रिज हादसे के समय लोगों को बचाने के लिए मच्छू नदी में कूदे थे। जिले की तीनों सीटों मोरबी, टंकारा और वांकानेर पर भाजपा आगे है।
मजुरा से गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संधवी आगे हैं। यहां फिलहाल दूसरे नंबर पर कांग्रेस कैंडिडेट है।
कुतियाणा में लेडी डॉन संतोकबेन जडेजा के बेटे कांधल जडेजा चुनाव जीत गए हैं। वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
रुझानों में भाजपा को बड़ी लीड मिलने पर समर्थक शंख बजाकर खुशी जाहिर कर रहे हैं।
गुजरात की 9 हॉट सीट, इनमें मोदी-शाह और रीवाबा की सीटें
1. घाटलोडिया (अहमदाबाद) से CM भूपेंद्र पटेल आगे: गुजरात को दो मुख्यमंत्री (भूपेंद्र पटेल और आनंदीबेन पटेल) देने वाली घाटलोदिया सीट से इस बार राज्य के CM भूपेंद्र पटेल मैदान में उतरे। पाटीदार वोटर्स के असर वाली इस सीट पर कांग्रेस ने राज्यसभा सांसद अमी बेन याग्निक को टिकट दिया था। AAP से विजय पटेल चुनाव लड़ रहे थे।
2. राजकोट वेस्ट से भाजपा की दर्शिता शाह जीतीं: राजकोट-पश्चिम से नरेंद्र मोदी ने 2002 में अपना पहला चुनाव लड़ा था। पिछले चुनाव में गुजरात के CM रहे विजय रूपाणी ने यहां से 53 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। इस बार उनकी जगह भाजपा ने दर्शिता शाह को मैदान में उतारा। यहां कांग्रेस से मनसखभाई और AAP से दिनेश जोशी लड़ रहे थे।
3. जामनगर नॉर्थ से भाजपा की रीवाबा जडेजा आगे: यहां क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रीवाबा भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। कांग्रेस से दिग्गज नेता बिपेंद्र सिंह जडेजा और AAP के कर्सन करमोर चुनाव लड़ रहे हैं। खास बात यह है कि रीवाबा की ननद नयनाबा उनके खिलाफ प्रचार कर रही थीं। वे जामनगर जिला कांग्रेस की महामंत्री हैं। रीवाबा के ससुर अनिरुद्ध जडेजा भी कांग्रेस कैंडिडेट के समर्थन में ही प्रचार कर रहे थे।
चुनाव प्रचार के दौरान क्रिकेटर रवींद्र जडेजा के साथ भाजपा कैंडिडेट रीवाबा जडेजा।
4. वीरमगाम (अहमदाबाद) से भाजपा के हार्दिक पटेल आगे: कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हार्दिक पटेल वीरमगाम सीट से कैंडिडेट थे। पिछले दो टर्म से इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। 2002 और 2007 में यह सीट जीतने वाली कांग्रेस ने पुराने दिग्गज लाखाभाई भारवाड़ को टिकट दिया था। AAP ने अमर सिंह ठाकोर को चुनाव में उतारा था।
5. मोरबी से भाजपा के अमृतिया जीते: कांति अमृतिया साल भाजपा के टिकट पर मोरबी से पांच बार जीत चुके हैं। 2017 में उन्हें कांग्रेस के बृजेश मेरजा ने हराया था। चुनाव के बाद मेरजा विधायकी छोड़कर भाजपा में आ गए थे। इस वजह से 2018 में उपचुनाव हुए। इसमें मेरजा ही जीते। इस बार भाजपा ने उनका टिकट काटकर एक बार फिर अमृतिया को मैदान में उतारा। मोरबी पुल हादसे के वक्त वे लोगों की जान बचाने के लिए मच्छू नदी में कूदे थे। कांग्रेस ने जयंति पटेल और AAP ने पंकज रणसरिया को टिकट दिया था।
6. मणिनगर (अहमदाबाद): गुजरात के CM रहते हुए मोदी 2007 और 2012 के चुनाव अहमदाबाद की मणिनगर की सीट से जीते थे। इस सीट पर पिछले 8 चुनाव से भाजपा का कब्जा है। पार्टी ने यहां से अमूल भट्ट को टिकट दिया। AAP ने विपुलभाई पटेल और कांग्रेस ने सीएम राजपूत को मैदान में उतारा था।
गुजरात में जैसे-जैसे भाजपा के पक्ष में रुझान आ रहे हैं, समर्थकों की संख्या भी बढ़ती जा रही है।
7. नारणपुरा (अहमदाबाद): अहमदाबाद की नारणपुरा विधानसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद 2012 में अस्तित्व में आई। पहली बार यहां से अमित शाह ने बड़ी जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2017 में बीजेपी के कौशिकभाई पटेल ने यह सीट जीती। इस बार भाजपा ने जितेंद्र भाई पटेल को उतारा था। कांग्रेस से सोनल पटेल और AAP से पंकज पटेल मैदान में थे।.
8. खंभालिया (द्वारका) से AAP के ईशुदान गढ़वी हारे: खंभालिया सीट इसलिए खास है, क्योंकि यहां AAP के CM कैंडिडेट ईशुदान गढ़वी चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने मुलुभाई हरदासभाई बेरा और कांग्रेस ने सिटिंग MLA विक्रम माडम को टिकट दिया है। उन्होंने 2017 में भाजपा कैंडिडेट को 11 हजार 46 वोटों से हराया था। इस सीट पर रोचक बात यह है कि ओवैसी की AIMIM ने भी यहां अपना कैंडिडेट उतारा है। ओवैसी की नजर मछुआरों की मुस्लिम आबादी पर है।
9. बायड (अरावली): यहां से पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के बेटे महेंद्र वाघेला मैदान में हैं। महेंद्र सिंह ने 2012 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था। उन्होंने 2017 का चुनाव नहीं लड़ा था और भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, तीन महीने बाद ही वे कांग्रेस में लौट आए थे। यहां भाजपा ने भीखीबेन परमार और AAP ने चुनीभाई पटेल को टिकट दिया है। इनके अलावा AAP के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया की सीट कतारगाम (सूरत) और कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी वडगाम (बनासकांठा) के चुनाव नतीजों पर भी लोगों की नजर रहेगी। वहीं, सूरत की वराछा से पाटीदार आंदोलन के नेता अल्पेश कथीरिया और वडोदरा की वाघोडिया सीट से भाजपा के बागी मधु श्रीवास्तव के नाम भी चर्चा में हैं।
गुजरात में सबसे पहले डाक मत पत्रों की गिनती की गई। इसके बाद EVM से काउंटिंग शुरू हुई।
दिव्य भास्कर के पोल में भाजपा की जीत
गुजरात में सेकेंड फेज की वोटिंग के बाद भास्कर के गुजराती ऐप 'दिव्य भास्कर' ने एग्जिट पोल किया था। इस पोल में भास्कर के 100 पत्रकारों के अलावा तहसील और जिलों के पांच-पांच पत्रकारों-विशेषज्ञों-राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने 182 सीटों पर हार-जीत को लेकर बात की। दिव्य भास्कर के इस पोल के मुताबिक भाजपा कांग्रेस से बड़े अंतर से जीतती नजर आ रही है।
पोल ऑफ पोल्स में सातवीं बार भाजपा सरकार
देश की पांच बड़ी एजेंसियों ने भी गुजरात में 5 दिसंबर को सेकेंड फेज के चुनाव के बाद एग्जिट पोल किए थे। इन सभी में 27 साल से सत्ता पर काबिज भाजपा रिकॉर्ड 7वीं बार भी सरकार बनाती दिख रही है। नीचे दिए ग्राफिक में आप पांचों पोल्स का महापोल देख सकते हैं...
62 साल के गुजरात में 35 साल कांग्रेस राज
गुजरात में अब तक बनी सरकारों की बात करें, तो 1960 में राज्य बनने के बाद से 1975 तक यहां कांग्रेस की सरकार रही। 1975 में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनी, लेकिन अगले ही चुनाव यानी 1980 में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी कर ली।
पिछले 27 साल से भाजपा सत्ता पर काबिज
गुजरात में 1975 के 15 साल बाद यानी 1990 में एक बार फिर गैर कांग्रेसी सरकार बनी, लेकिन रियल टर्निंग पॉइंट आया 1995 में... जब भाजपा ने पहली बार अपनी दम पर सरकार बनाई। तब केशुभाई पटेल राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। 2001 में भाजपा ने पटेल को हटाकर नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया।
इसके बाद 2002, 2007 और 2012 में नरेंद्र मोदी की अगुआई में भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीते। हालांकि, राज्य में पिछला यानी 2017 का चुनाव भी भाजपा ने मोदी के चेहरे पर ही लड़ा था, लेकिन सरकार बचने के बावजूद उसकी सीटें घट गई थीं।
दक्षिण गुजरात में सबसे ज्यादा 70% वोटिंग
गुजरात को सियासी जानकार चार हिस्सों में बांटकर देखते हैं। ये हैं मध्य, उत्तर, दक्षिण और सौराष्ट्र-कच्छ। इन सभी रीजन में सबसे ज्यादा वोटिंग दक्षिण गुजरात में हुई। यहां वोटिंग का आंकड़ा 70.38% रहा। गुजरात के इन चारों रीजन में वोटर्स की संख्या, महिला-पुरुष मतदाताओं के आंकड़े और वोटिंग परसेंट नीचे दिए ग्राफिक में देख सकते हैं...
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गुजरात का गणित:इस बार 5% कम वोटिंग, 5 विधानसभा चुनावों में 3 बार वोट प्रतिशत गिरा तो BJP की सीटें घटीं राज्य में इस बार दोनों फेज में 64.3% वोटिंग हुई। यह पिछली बार के 69.2% से करीब 5% कम है। बीते पांच में से तीन चुनाव में वोट प्रतिशत गिरने पर भाजपा को नुकसान और कांग्रेस को फायदा हुआ था। हालांकि, 2012 में वोटिंग 13% बढ़ने के बावजूद भाजपा को दो सीटों का घाटा हुआ था।
गुजरात चुनाव फर्स्ट फेज में 63.31% मतदान:ये आंकड़ा पिछली बार से 5.49% कम; 10 साल में भी सबसे कम वोटिंग गुजरात में 19 जिलों की 89 सीटों के लिए मैदान में उतरे 788 प्रत्याशियों की किस्मत 1 दिसंबर को ईवीएम में कैद हो गई। पहले चरण में 63.31 फीसदी लोगों ने मतदान किया। यह आंकड़ा 2017 में हुए चुनाव से 5.20% कम रहा। इतना ही नहीं इस बार 10 साल की सबसे कम वोटिंग हुई। गुजरात चुनाव के सेकेंड फेज में 64.39% वोटिंग:ग्रामीण इलाकों में आंकड़ा बेहतर, साबरकांठा में सबसे ज्यादा वोट पड़े चुनाव के इस फेज में 14 जिलों की 93 सीटों के लिए 5 दिसंबर को 65.39% वोट पड़े। औसत की बात करें तो सबसे ज्यादा 70.90% मतदान साबरकांठा में और सबसे कम 55.21% मतदान अहमदाबाद में दर्ज किया गया।
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01 September 2021 11:01 AM
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