18 May 2022 12:12 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार पीबीएम बच्चा हॉस्पिटल की नर्सरी में 40 नवजात शिशु भर्ती हैं तथा 50 बच्चे आईसीयू में है। हालात यह है कि दोनों ही जगह उनकी माताओं काे बाहर बरामदे में जमीन पर सोना पड़ता है। क्योंकि इस भीषण गर्मी में उनके लिए बेड ताे दूर पंखे और कूलर तक के इंतजाम नहीं है। इस वजह से मंगलवार काे दाे महिलाओं की तबीयत बिगड़ गई।
बच्चा हॉस्पिटल की नर्सरी फर्स्ट फ्लाेर पर है, जहां प्रीमैच्याेर और बीमार नवजात बच्चाें काे रखा जाता है। बच्चाें के कारण उनकी माताओं काे भी वहां रहना पड़ता है। स्थिति ये है कि इन माताओं के लिए बेड तक नहीं है। इस भीषण गर्मी से बचने के लिए पंखे और कूलर तक नहीं लगा रखे। उधर आईसीयू की छत भी खपरेल की है, जिसमें छन-छन कर गर्म हवा के थपेड़े विचलित कर देते हैं। डाॅक्टर कहते हैं कि प्रसूताओं काे डिलीवरी के बाद बिस्तर पर ही लेटना चाहिए। जमीन पर लेटने से मना करते हैं। इससे उन्हें पीड़ा हाेती है और स्वास्थ्य काे भी हानि पहंचती है। लेकिन संभाग के सबसे बड़े पीबीएम हाॅस्पिटल में ही इस एडवाइजरी की अनदेखी हाे रही हैं।
भास्कर टीम जब माैके पर पहुंची ताे 40 प्रसूताएं जमीन पर लेटी मिलीं। कुछ पीड़ा से कराह रही थीं। दाे की गर्मी से तबीयत बिगड़ी हुई थी। उनका कहना था कि प्राइवेट में पैसे लगते हैं। पीबीएम में निशुल्क इलाज मिलता है इसलिए यहां आना पड़ता है। सरकार ने सभी जांच फ्री कर दी, लेकिन प्रसूताओं की पीड़ा की तरफ भी ध्यान देना चाहिए।
हमने इस संबंध में जनाना हाॅस्पिटल की सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट से बात की तो उन्होंने बताया कि प्रसव के बाद प्रसूता काे सुरक्षित वातारण चाहिए। उसे अपने स्वास्थ्य का बहुत ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। डाॅक्टर्स ने बताया कि सबसे ज्यादा परेशानी सिजेरियन डिलीवरी वाली प्रसूताओं काे उठानी पड़ती है। उनके इंफेक्शन फैलने का खतरा रहता है। नर्सरी में भर्ती नवजात की माताओं के लिए अलग से वार्ड हाेना चाहिए जहां वे आराम कर सकें।
सुपरिटेंडेंट डॉ. पीके सैनी बोले-प्रसूताओं को भी सुविधाएं देंगे
Q बच्चा हॉस्पिटल की नर्सरी और आईसीयू में भर्ती बच्चों की मांओं के लिए हॉस्पिटल में बेड की व्यवस्था नहीं है, उन्हें गर्मी में जमीन पर लेटना पड़ रहा है।
A भर्ती होने वाले बच्चों और प्रसूताओं के बेहतर स्वास्थ्य को लेकर हॉस्पिटल में लगातार सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। बाहर से आने वाली प्रसूताओं के लिए भी बेहतर इंतजाम होंगे।
Q छोटी जगह में 30-40 प्रसूताओं के एक साथ घंटों लेटे रहने से उन्हें इंफेक्शन हो सकता है, जो नर्सरी और आईसीयू में भर्ती बच्चों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
A यह सही है कि प्रसूताओं को स्वच्छ वातावरण में रहना चाहिए। बच्चा हॉस्पिटल में माताओं के लिए स्वच्छ वातावरण और बेड मिले इस संबंध में संभावनाओं की तलाश की जाएगी।
Q कई वार्डों में कूलर और एयरकंडीशनर भी बंद पड़े हैं, कब तक चालू हो जाएंगे।
A बच्चा हॉस्पिटल का राउंड लेकर वहां की व्यवस्थाओं को देखा जाएगा, कमियां पाए जाने पर उन्हें जल्द ही दूर किया जाएगा। बच्चा हॉस्पिटल के कई वार्डों में नए एयरकंडीशनर भी लगाए हैं, जो बंद है उन्हें चालू किया जाएगा।
4 दिन से जमीन पर लेटी हूं
पिथरासर निवासी सोनिया ने बताया कि 15 दिन पहले गांव में डिलीवरी हुई थी। बच्चे को निमोनिया होने पर हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। लेकिन यहां प्रसूताओं के लेटने के लिए बेड नहीं है। ऐसे में जमीन पर ही लेटना पड़ता है।
बच्चा भर्ती, जमीन पर लेटना मजबूरी
860 खैरूवाला निवसी साबी बानो बताती है कि 4 दिन पहले बच्चा हुआ था। तबीयत खराब होने पर बच्चे को नर्सरी में भर्ती करवाना पड़ा। ऐसे में मजबूरी मेें जमीन पर लेटना पड़ रहा है।
वार्ड में एसी भी खराब, वार्ड इंचार्ज ने कहा- शिकायत लिखी है, कब चालू हाेंगे पता नहीं
बच्चा हॉस्पिटल के 35 नंबर वार्ड में भर्ती बच्चों और प्रसूताओं को भी सिस्टम की बदइंतजामी का सामना करना पड़ रहा है। यहां पांच एयर कंडीशनर लगे हैं, लेकिन सभी खराब पड़े हैं। प्रसूताओं को मजबूरन गर्मी में रहना पड़ रहा है। भर्ती प्रसूता सुमन ने बताया कि गर्मी से पसीना आता है और खुजली होने लगी है। बहुत पीड़ा हाेती है। वार्ड में के पंखों हैं। एसी चलाने के लिए वार्ड इंचार्ज से कहा ताे बालीं- शिकायत पुस्तिका में लिख दिया है, कब चालू होंगे पता नहीं। इस वार्ड में 15 बेड ही है। कई बार मरीज ज्यादा हाेने पर प्रसूताओं को जमीन पर लेटना पड़ता है।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार पीबीएम बच्चा हॉस्पिटल की नर्सरी में 40 नवजात शिशु भर्ती हैं तथा 50 बच्चे आईसीयू में है। हालात यह है कि दोनों ही जगह उनकी माताओं काे बाहर बरामदे में जमीन पर सोना पड़ता है। क्योंकि इस भीषण गर्मी में उनके लिए बेड ताे दूर पंखे और कूलर तक के इंतजाम नहीं है। इस वजह से मंगलवार काे दाे महिलाओं की तबीयत बिगड़ गई।
बच्चा हॉस्पिटल की नर्सरी फर्स्ट फ्लाेर पर है, जहां प्रीमैच्याेर और बीमार नवजात बच्चाें काे रखा जाता है। बच्चाें के कारण उनकी माताओं काे भी वहां रहना पड़ता है। स्थिति ये है कि इन माताओं के लिए बेड तक नहीं है। इस भीषण गर्मी से बचने के लिए पंखे और कूलर तक नहीं लगा रखे। उधर आईसीयू की छत भी खपरेल की है, जिसमें छन-छन कर गर्म हवा के थपेड़े विचलित कर देते हैं। डाॅक्टर कहते हैं कि प्रसूताओं काे डिलीवरी के बाद बिस्तर पर ही लेटना चाहिए। जमीन पर लेटने से मना करते हैं। इससे उन्हें पीड़ा हाेती है और स्वास्थ्य काे भी हानि पहंचती है। लेकिन संभाग के सबसे बड़े पीबीएम हाॅस्पिटल में ही इस एडवाइजरी की अनदेखी हाे रही हैं।
भास्कर टीम जब माैके पर पहुंची ताे 40 प्रसूताएं जमीन पर लेटी मिलीं। कुछ पीड़ा से कराह रही थीं। दाे की गर्मी से तबीयत बिगड़ी हुई थी। उनका कहना था कि प्राइवेट में पैसे लगते हैं। पीबीएम में निशुल्क इलाज मिलता है इसलिए यहां आना पड़ता है। सरकार ने सभी जांच फ्री कर दी, लेकिन प्रसूताओं की पीड़ा की तरफ भी ध्यान देना चाहिए।
हमने इस संबंध में जनाना हाॅस्पिटल की सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट से बात की तो उन्होंने बताया कि प्रसव के बाद प्रसूता काे सुरक्षित वातारण चाहिए। उसे अपने स्वास्थ्य का बहुत ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। डाॅक्टर्स ने बताया कि सबसे ज्यादा परेशानी सिजेरियन डिलीवरी वाली प्रसूताओं काे उठानी पड़ती है। उनके इंफेक्शन फैलने का खतरा रहता है। नर्सरी में भर्ती नवजात की माताओं के लिए अलग से वार्ड हाेना चाहिए जहां वे आराम कर सकें।
सुपरिटेंडेंट डॉ. पीके सैनी बोले-प्रसूताओं को भी सुविधाएं देंगे
Q बच्चा हॉस्पिटल की नर्सरी और आईसीयू में भर्ती बच्चों की मांओं के लिए हॉस्पिटल में बेड की व्यवस्था नहीं है, उन्हें गर्मी में जमीन पर लेटना पड़ रहा है।
A भर्ती होने वाले बच्चों और प्रसूताओं के बेहतर स्वास्थ्य को लेकर हॉस्पिटल में लगातार सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। बाहर से आने वाली प्रसूताओं के लिए भी बेहतर इंतजाम होंगे।
Q छोटी जगह में 30-40 प्रसूताओं के एक साथ घंटों लेटे रहने से उन्हें इंफेक्शन हो सकता है, जो नर्सरी और आईसीयू में भर्ती बच्चों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
A यह सही है कि प्रसूताओं को स्वच्छ वातावरण में रहना चाहिए। बच्चा हॉस्पिटल में माताओं के लिए स्वच्छ वातावरण और बेड मिले इस संबंध में संभावनाओं की तलाश की जाएगी।
Q कई वार्डों में कूलर और एयरकंडीशनर भी बंद पड़े हैं, कब तक चालू हो जाएंगे।
A बच्चा हॉस्पिटल का राउंड लेकर वहां की व्यवस्थाओं को देखा जाएगा, कमियां पाए जाने पर उन्हें जल्द ही दूर किया जाएगा। बच्चा हॉस्पिटल के कई वार्डों में नए एयरकंडीशनर भी लगाए हैं, जो बंद है उन्हें चालू किया जाएगा।
4 दिन से जमीन पर लेटी हूं
पिथरासर निवासी सोनिया ने बताया कि 15 दिन पहले गांव में डिलीवरी हुई थी। बच्चे को निमोनिया होने पर हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। लेकिन यहां प्रसूताओं के लेटने के लिए बेड नहीं है। ऐसे में जमीन पर ही लेटना पड़ता है।
बच्चा भर्ती, जमीन पर लेटना मजबूरी
860 खैरूवाला निवसी साबी बानो बताती है कि 4 दिन पहले बच्चा हुआ था। तबीयत खराब होने पर बच्चे को नर्सरी में भर्ती करवाना पड़ा। ऐसे में मजबूरी मेें जमीन पर लेटना पड़ रहा है।
वार्ड में एसी भी खराब, वार्ड इंचार्ज ने कहा- शिकायत लिखी है, कब चालू हाेंगे पता नहीं
बच्चा हॉस्पिटल के 35 नंबर वार्ड में भर्ती बच्चों और प्रसूताओं को भी सिस्टम की बदइंतजामी का सामना करना पड़ रहा है। यहां पांच एयर कंडीशनर लगे हैं, लेकिन सभी खराब पड़े हैं। प्रसूताओं को मजबूरन गर्मी में रहना पड़ रहा है। भर्ती प्रसूता सुमन ने बताया कि गर्मी से पसीना आता है और खुजली होने लगी है। बहुत पीड़ा हाेती है। वार्ड में के पंखों हैं। एसी चलाने के लिए वार्ड इंचार्ज से कहा ताे बालीं- शिकायत पुस्तिका में लिख दिया है, कब चालू होंगे पता नहीं। इस वार्ड में 15 बेड ही है। कई बार मरीज ज्यादा हाेने पर प्रसूताओं को जमीन पर लेटना पड़ता है।
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08 March 2024 09:56 PM
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