20 December 2021 03:37 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
बीकानेर। जोग संजोग के सवान्दाता अवंतिका से मिली जानकारी के अनुसार शहर में जगह जगह पर खुले चैंबर जानलेवा बन चुके हैं। बीती रात राजपूत हॉस्टल के सामने अधखुले चैंबर से हुए हादसे में एक युवक की मौत हो गई। मृतक का नाम सत्तासर हाउस मॉर्डन मार्केट निवासी प्रद्युम्न सिंह पुत्र स्व ललित सिंह बताया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि बीती रात प्रद्युम्न सिंह मोटरसाइकिल पर सवार होकर राजपूत हॉस्टल के आगे से गुजर रहा था। इसी दौरान यहां के एक अधखुले चैंबर से असंतुलित होकर बाइक सहित नीचे गिर गया। हॉस्टल के छात्रों ने घायल को ट्रोमा सेंटर पहुंचाया। रात 12 बजे उसे छुट्टी दे दी गई, लेकिन अल सुबह तबीयत फिर बिगड़ गई। परिजन उसे ट्रोमा सेंटर लाए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बता दें कि शहर में जगह जगह चैंबर इसी तरह खुले अथवा अधखुले पड़े हैं। सीवर लाइन के काम के दौरान भी इसी तरह चैंबर खुले छोड़ दिए जाते हैं। गढ्ढ़े कर दिए जाते हैं मगर इन चैंबरों व गड्ढों के आस पास बैरिकेट्स नहीं लगाए जाते। शहरभर में बहुत से ऐसे इलाके हैं जहां कई महीनों से चैंबर खुले पड़े हैं, पूरे रास्ते पर ही खतरनाक गढ्ढ़े हो रखे हैं। ऐसा नहीं है कि निगम को इन समस्याओं की जानकारी नहीं है। निगम समस्याओं की जानकारी होने के बावजूद काम नहीं करता। यही हाल सीवर लाइन से जुड़े मामले में है। जनप्रतिनिधि इस पूरे मसले में मौन धारण किए हुए हैं।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
बीकानेर। जोग संजोग के सवान्दाता अवंतिका से मिली जानकारी के अनुसार शहर में जगह जगह पर खुले चैंबर जानलेवा बन चुके हैं। बीती रात राजपूत हॉस्टल के सामने अधखुले चैंबर से हुए हादसे में एक युवक की मौत हो गई। मृतक का नाम सत्तासर हाउस मॉर्डन मार्केट निवासी प्रद्युम्न सिंह पुत्र स्व ललित सिंह बताया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि बीती रात प्रद्युम्न सिंह मोटरसाइकिल पर सवार होकर राजपूत हॉस्टल के आगे से गुजर रहा था। इसी दौरान यहां के एक अधखुले चैंबर से असंतुलित होकर बाइक सहित नीचे गिर गया। हॉस्टल के छात्रों ने घायल को ट्रोमा सेंटर पहुंचाया। रात 12 बजे उसे छुट्टी दे दी गई, लेकिन अल सुबह तबीयत फिर बिगड़ गई। परिजन उसे ट्रोमा सेंटर लाए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बता दें कि शहर में जगह जगह चैंबर इसी तरह खुले अथवा अधखुले पड़े हैं। सीवर लाइन के काम के दौरान भी इसी तरह चैंबर खुले छोड़ दिए जाते हैं। गढ्ढ़े कर दिए जाते हैं मगर इन चैंबरों व गड्ढों के आस पास बैरिकेट्स नहीं लगाए जाते। शहरभर में बहुत से ऐसे इलाके हैं जहां कई महीनों से चैंबर खुले पड़े हैं, पूरे रास्ते पर ही खतरनाक गढ्ढ़े हो रखे हैं। ऐसा नहीं है कि निगम को इन समस्याओं की जानकारी नहीं है। निगम समस्याओं की जानकारी होने के बावजूद काम नहीं करता। यही हाल सीवर लाइन से जुड़े मामले में है। जनप्रतिनिधि इस पूरे मसले में मौन धारण किए हुए हैं।
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