07 July 2022 01:05 PM
जोग संजोग टाइम्स,
अतिक्रमण तोड़ने का अभियान चला रहा नगर निगम एक बार फिर तुलसी सर्किल स्थित गौशाला पहुंच गया है। यहां करोड़ों रुपए की जमीन पर बनी गौशाला को अवैध बताते हुए तोड़ दिया गया है। इसी मुद्दे पर नगर निगम मेयर सुशीला राजपुरोहित और कमिश्नर गोपालराम बिरदा पहले भी आमने सामने हो चुके हैं।
बुधवार सुबह नगर निगम की टीम फिर से यहां पहुंची और अतिक्रमण को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। निगम का दावा है कि ये जमीन निगम के अधिकार क्षेत्र में है। बिना अनुमति के यहां पर गौशाला का निर्माण किया गया। इससे निगम की करोड़ों रुपए की संपत्ति पर कब्जा हुआ साथ ही शहर के मास्टर प्लान के मुताबिक भी काम नहीं हो रहा। ऐसे में अतिक्रमण को तोड़ दिया गया।
मेयर विरोध में
निगम मेयर सुशीला राजपुरोहित ने अतिक्रमण तोड़ने का पहले विरोध किया था। तब मेयर कहा था कि बिना नोटिस दिए ही दीवार का तोड़ा गया है वहीं मेयर स्तर पर स्वीकृति नहीं लेने का आरोप भी कमिश्नर पर लगाया गया था। एक बार फिर इसी परिसर को तोड़ने के लिए मेयर से स्वीकृति ली गई है या नहीं? इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं है।
अर्से से रहती है गायें
इस परिसर में लंबे अर्से से गायें रहती है, जिन्हें पिछले दिनों अतिक्रमण तोड़ने के दौरान शिफ्ट किया गया। शेष रही गायों को अब यहां से शिफ्ट करना पड़ेगा। गौ भक्तों ने निगम की इस कार्रवाई का विरोध किया है। गायों का पुख्ता प्रबंध होने के बाद ही यहां से अतिक्रमण तोड़ना चाहिए था।
जोग संजोग टाइम्स,
अतिक्रमण तोड़ने का अभियान चला रहा नगर निगम एक बार फिर तुलसी सर्किल स्थित गौशाला पहुंच गया है। यहां करोड़ों रुपए की जमीन पर बनी गौशाला को अवैध बताते हुए तोड़ दिया गया है। इसी मुद्दे पर नगर निगम मेयर सुशीला राजपुरोहित और कमिश्नर गोपालराम बिरदा पहले भी आमने सामने हो चुके हैं।
बुधवार सुबह नगर निगम की टीम फिर से यहां पहुंची और अतिक्रमण को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। निगम का दावा है कि ये जमीन निगम के अधिकार क्षेत्र में है। बिना अनुमति के यहां पर गौशाला का निर्माण किया गया। इससे निगम की करोड़ों रुपए की संपत्ति पर कब्जा हुआ साथ ही शहर के मास्टर प्लान के मुताबिक भी काम नहीं हो रहा। ऐसे में अतिक्रमण को तोड़ दिया गया।
मेयर विरोध में
निगम मेयर सुशीला राजपुरोहित ने अतिक्रमण तोड़ने का पहले विरोध किया था। तब मेयर कहा था कि बिना नोटिस दिए ही दीवार का तोड़ा गया है वहीं मेयर स्तर पर स्वीकृति नहीं लेने का आरोप भी कमिश्नर पर लगाया गया था। एक बार फिर इसी परिसर को तोड़ने के लिए मेयर से स्वीकृति ली गई है या नहीं? इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं है।
अर्से से रहती है गायें
इस परिसर में लंबे अर्से से गायें रहती है, जिन्हें पिछले दिनों अतिक्रमण तोड़ने के दौरान शिफ्ट किया गया। शेष रही गायों को अब यहां से शिफ्ट करना पड़ेगा। गौ भक्तों ने निगम की इस कार्रवाई का विरोध किया है। गायों का पुख्ता प्रबंध होने के बाद ही यहां से अतिक्रमण तोड़ना चाहिए था।
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