04 February 2023 02:06 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर कांग्रेस में जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों को लेकर हलचल फिर तेज हो गई है। ब्लॉक अध्यक्षों की अधिकांश नियुक्ति होने के बाद जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पर नजर है। खबर है कि जिलाध्यक्षों की एक सूची तैयार हो गई और वो कभी भी जारी कर दी जाएगी, लेकिन उसमें बीकानेर शामिल नहीं है।
सूत्र बताते हैं कि फिलहाल ऐसे जिलाध्यक्षों के नाम तय किए गए हैं, जहां ज्यादा विवाद नहीं है। जिसमें नागाैर, चूरू, हनुमानगढ़ जैसे जिले शामिल हैं। बीकानेर शहर और देहात में जिलाध्यक्ष काे लेकर कशमकश जारी है। सबसे ज्यादा विवाद बीकानेर देहात में है। यहां रामेश्वर डूडी अपने खेमे का अध्यक्ष चाहते हैं।
दूसरी ओर पूर्व मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल, कैबिनेट मंत्री गाेविंद मेघवाल और पूर्व विधायक मंगलाराम गाेदारा ताे एक नाम पर सहमत हैं, लेकिन काेलायत विधायक भंवर सिंह भाटी दाेनाें पालाें काे भराेसा दे रहे हैं। हालांकि सही जगह भाटी अपनी राय रख चुके हैं, लेकिन वो राय पब्लिकली सामने नहीं आई। देहात में लड़ाई अब दो युवाओं के बीच ही है। जिसमें एक देहात के पूर्व महासचिव रह चुके और एक यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष।
शहर में भी अध्यक्ष की नियुक्ति होने की चर्चा है, लेकिन अभी तक मौजूदा शहर कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलोत का इस्तीफा ही मंजूर नहीं हुआ। अगर गहलोत का इस्तीफा मंजूर होता है तो यहां नए अध्यक्ष पर भी मुहर लग सकती है।
बावजूद इसके अगर यहां नया अध्यक्ष तय हुआ तो बड़ा आधार विधानसभा चुनाव में जातीय संतुलन होगा। डॉ. बीडी कल्ला जिस वर्ग से आते हैं और उनकाे टिकट मिलेगा ताे इस वर्ग का अध्यक्ष हाेना मुश्किल है। पूर्व में भी अगर कन्हैयालाल झंवर या यशपाल गहलाेत में किसी काे टिकट मिला ताे ऐसे वर्ग से अध्यक्ष तय हाेगा जिसे कहीं और भागीदारी का माैका ना मिला हाे।
ये सारे निर्णय ऊपर के नेताओं के हैं। मैंने इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद नामंजूर हाेगा या नहीं हाेगा। पार्टी जाे भी कहेगी मैं उसका पालन करूंगा। मुझे पार्टी ने दाे विधानसभाओं से टिकट दिया और बाद में वापस ले लिया पर मैं पार्टी के हर फैसले के साथ रहा, आज भी और आगे भी रहूंगा।
-यशपाल गहलाेत, शहर कांग्रेस अध्यक्ष
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर कांग्रेस में जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों को लेकर हलचल फिर तेज हो गई है। ब्लॉक अध्यक्षों की अधिकांश नियुक्ति होने के बाद जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पर नजर है। खबर है कि जिलाध्यक्षों की एक सूची तैयार हो गई और वो कभी भी जारी कर दी जाएगी, लेकिन उसमें बीकानेर शामिल नहीं है।
सूत्र बताते हैं कि फिलहाल ऐसे जिलाध्यक्षों के नाम तय किए गए हैं, जहां ज्यादा विवाद नहीं है। जिसमें नागाैर, चूरू, हनुमानगढ़ जैसे जिले शामिल हैं। बीकानेर शहर और देहात में जिलाध्यक्ष काे लेकर कशमकश जारी है। सबसे ज्यादा विवाद बीकानेर देहात में है। यहां रामेश्वर डूडी अपने खेमे का अध्यक्ष चाहते हैं।
दूसरी ओर पूर्व मंत्री वीरेन्द्र बेनीवाल, कैबिनेट मंत्री गाेविंद मेघवाल और पूर्व विधायक मंगलाराम गाेदारा ताे एक नाम पर सहमत हैं, लेकिन काेलायत विधायक भंवर सिंह भाटी दाेनाें पालाें काे भराेसा दे रहे हैं। हालांकि सही जगह भाटी अपनी राय रख चुके हैं, लेकिन वो राय पब्लिकली सामने नहीं आई। देहात में लड़ाई अब दो युवाओं के बीच ही है। जिसमें एक देहात के पूर्व महासचिव रह चुके और एक यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष।
शहर में भी अध्यक्ष की नियुक्ति होने की चर्चा है, लेकिन अभी तक मौजूदा शहर कांग्रेस अध्यक्ष यशपाल गहलोत का इस्तीफा ही मंजूर नहीं हुआ। अगर गहलोत का इस्तीफा मंजूर होता है तो यहां नए अध्यक्ष पर भी मुहर लग सकती है।
बावजूद इसके अगर यहां नया अध्यक्ष तय हुआ तो बड़ा आधार विधानसभा चुनाव में जातीय संतुलन होगा। डॉ. बीडी कल्ला जिस वर्ग से आते हैं और उनकाे टिकट मिलेगा ताे इस वर्ग का अध्यक्ष हाेना मुश्किल है। पूर्व में भी अगर कन्हैयालाल झंवर या यशपाल गहलाेत में किसी काे टिकट मिला ताे ऐसे वर्ग से अध्यक्ष तय हाेगा जिसे कहीं और भागीदारी का माैका ना मिला हाे।
ये सारे निर्णय ऊपर के नेताओं के हैं। मैंने इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद नामंजूर हाेगा या नहीं हाेगा। पार्टी जाे भी कहेगी मैं उसका पालन करूंगा। मुझे पार्टी ने दाे विधानसभाओं से टिकट दिया और बाद में वापस ले लिया पर मैं पार्टी के हर फैसले के साथ रहा, आज भी और आगे भी रहूंगा।
-यशपाल गहलाेत, शहर कांग्रेस अध्यक्ष
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