14 May 2022 05:21 PM
जोग संजोग टाइम्स,
लॉकडाउन के बीच वन विभाग ने प्रदेश में वन्यजीवों की आंकलन के आदेश जारी कर दिए हैं। पिछले 2 वर्ष से कोरोना के चलते गणना नहीं हो पाई थी। ग्रीष्म ऋतु की पूर्णिमा को यानी 16 मई को सुबह 8:00 बजे से 17 मई सुबह 8:00 बजे तक वाटर होल पद्धति से वन्यजीवों की गणना की जाएगी। 30 मई तक वन्यजीव के आंकड़े संकलित कर भेजे जाएंगे। जिसको लेकर शनिवार को वन्य जीव विभाग में एक प्रशिक्षण आयोजित किया गया। जिसमें बताया गया कि वन्यजीव संख्या आंकलन वर्ष 2022 के लिए बीट को इकाई मानकर बीट वाइज आंकलन किया जाएगा। इस बार भी कई स्थानों पर कैमेरा ट्रैप पद्दति से तो कई स्थानों पर वोलेंटियर की मदद से गणना की जाएगी। वन्यजीवों की संख्या का सटीक आंकलन करना चुंकी बहुत जटिल प्रक्रिया है, इसलिए इसका पद्द्ति का नाम वन्यजीव गणना के बजाए वन्यजीव आंकलन और वाइल्डलाइफ सेंसस की जगह वाइल्डलाइफ एस्टिमेशन दिया गया है। वन्यजीव आंकलन जेठ पूर्णिमा यानी 16 मई को सुबह 8 बजे से 17 मई को सुबह 8 बजे तक 24 घंटे के लिए किया जाएगा। निर्देशों के अनुसार, वन्यजीव की प्रजाति एवं लिंग का सही निर्धारण हो सके इसके लिए मोबाइल और कैमरे से फोटो खींचकर विशेषज्ञ से पहचान करवाना सुनश्चित करना होगा। इससे पूर्व स्टाफ एवं वोलेंटियर को वन्यजीव आंकलन हेतु प्रॉपर ट्रेंनिंग भी दी जाएगी। वन्यजीवों में मुख्यत: बाघ, बघेरा, जरख, सियार, जंगली बिल्ली, मरु बिल्ली, भारतीय लोमड़ी, रेगिस्तानी लोमड़ी, भेडिय़ा, भालू, सियागोश, चिंकारा, सांभर, चौसिंघा, कृष्ण मृग, जंगली सुअर, सेही, उडऩ गिलहरी, गोंडावन, सारस, गिद्ध की प्रदेश में पाई जाने वाली सभी प्रजातियां, उल्लू की प्रदेश में पाई जाने वाली सभी प्रजातियां आदि शामिल हैं।
जोग संजोग टाइम्स,
लॉकडाउन के बीच वन विभाग ने प्रदेश में वन्यजीवों की आंकलन के आदेश जारी कर दिए हैं। पिछले 2 वर्ष से कोरोना के चलते गणना नहीं हो पाई थी। ग्रीष्म ऋतु की पूर्णिमा को यानी 16 मई को सुबह 8:00 बजे से 17 मई सुबह 8:00 बजे तक वाटर होल पद्धति से वन्यजीवों की गणना की जाएगी। 30 मई तक वन्यजीव के आंकड़े संकलित कर भेजे जाएंगे। जिसको लेकर शनिवार को वन्य जीव विभाग में एक प्रशिक्षण आयोजित किया गया। जिसमें बताया गया कि वन्यजीव संख्या आंकलन वर्ष 2022 के लिए बीट को इकाई मानकर बीट वाइज आंकलन किया जाएगा। इस बार भी कई स्थानों पर कैमेरा ट्रैप पद्दति से तो कई स्थानों पर वोलेंटियर की मदद से गणना की जाएगी। वन्यजीवों की संख्या का सटीक आंकलन करना चुंकी बहुत जटिल प्रक्रिया है, इसलिए इसका पद्द्ति का नाम वन्यजीव गणना के बजाए वन्यजीव आंकलन और वाइल्डलाइफ सेंसस की जगह वाइल्डलाइफ एस्टिमेशन दिया गया है। वन्यजीव आंकलन जेठ पूर्णिमा यानी 16 मई को सुबह 8 बजे से 17 मई को सुबह 8 बजे तक 24 घंटे के लिए किया जाएगा। निर्देशों के अनुसार, वन्यजीव की प्रजाति एवं लिंग का सही निर्धारण हो सके इसके लिए मोबाइल और कैमरे से फोटो खींचकर विशेषज्ञ से पहचान करवाना सुनश्चित करना होगा। इससे पूर्व स्टाफ एवं वोलेंटियर को वन्यजीव आंकलन हेतु प्रॉपर ट्रेंनिंग भी दी जाएगी। वन्यजीवों में मुख्यत: बाघ, बघेरा, जरख, सियार, जंगली बिल्ली, मरु बिल्ली, भारतीय लोमड़ी, रेगिस्तानी लोमड़ी, भेडिय़ा, भालू, सियागोश, चिंकारा, सांभर, चौसिंघा, कृष्ण मृग, जंगली सुअर, सेही, उडऩ गिलहरी, गोंडावन, सारस, गिद्ध की प्रदेश में पाई जाने वाली सभी प्रजातियां, उल्लू की प्रदेश में पाई जाने वाली सभी प्रजातियां आदि शामिल हैं।
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