31 December 2022 03:14 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,साल 2022 खत्म होने को है, इस साल महंगाई ने लोगों को खूब सताया। 2022 में पहली बार घरेलू गैस सिलेंडर 1,000 रुपए के पार निकल गया। वहीं आटा इस साल 26 रुपए से बढ़कर 32 रुपए किलो पर पहुंच गया है। इसी तरह हर घर में रोजाना उपयोग होने वाले सामान जैसे तेल, दूध और चावल जैसी चीजों के दाम भी इस साल बढ़े हैं।
यहां हम आपको बता रहे हैं कि डेली यूज की चीजों के दाम साल 2022 में कितने घटे या बढ़े हैं। महंगाई कैसे बढ़ती और घटती है और रिजर्व बैंक इसे कैसे कंट्रोल करता है...
साल 2022 खत्म होने को है, इस साल महंगाई ने लोगों को खूब सताया। 2022 में पहली बार घरेलू गैस सिलेंडर 1,000 रुपए के पार निकल गया। वहीं आटा इस साल 26 रुपए से बढ़कर 32 रुपए किलो पर पहुंच गया है। इसी तरह हर घर में रोजाना उपयोग होने वाले सामान जैसे तेल, दूध और चावल जैसी चीजों के दाम भी इस साल बढ़े हैं।
यहां हम आपको बता रहे हैं कि डेली यूज की चीजों के दाम साल 2022 में कितने घटे या बढ़े हैं। महंगाई कैसे बढ़ती और घटती है और रिजर्व बैंक इसे कैसे कंट्रोल करता है...
महंगाई बढ़ने के कारण क्या है?
महंगाई के बढ़ने का सीधा-सीधा मतलब आपके कमाए पैसों का मूल्य कम होना है। उदाहरण के लिए, यदि महंगाई दर 7% है, तो आपके कमाए 100 रुपए का मूल्य 93 रुपए होगा। ऐसे कई फैक्टर हैं जो किसी इकोनॉमी में कीमतों या महंगाई को बढ़ा सकते हैं। आमतौर पर, महंगाई प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ने, प्रोडक्ट और सर्विसेज की डिमांड में तेजी या सप्लाई में कमी के कारण होती है। महंगाई बढ़ने के 6 बड़े कारण होते हैं:
कमजोर करेंसी और जंग ने बढ़ाई महंगाई
भारत में महंगाई के कारणों की बात करें तो डॉलर की तुलना में रुपया कमजोर होकर 80 के स्तर के पार पहुंच गया है। डॉलर महंगा होने से भारत का आयात और महंगा होता जा रहा है और इससे घरेलू बाजार में चीजों के दाम भी बढ़ रहे हैं। वहीं कोविड के बाद से सप्लाई चेन अभी तक पूरी तरह से पटरी पर नहीं आई है, जिसने महंगाई को बढ़ाया है। इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण क्रूड ऑयल और खाने-पीने के सामानों के दाम बढ़े हैं।
महंगाई कंट्रोल करने के टूल
1. मॉनेटरी पॉलिसी
सेंट्रल बैंक के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। इससे डिमांड में कमी आती है और महंगाई घटती है।
2. इनकम टैक्स में बढ़ोतरी
महंगाई को को कम करने के लिए, सरकार करों (जैसे आयकर और GST) को बढ़ा सकती है और खर्च में कटौती कर सकती है। इससे सरकार की बजट स्थिति में सुधार होता है और अर्थव्यवस्था में मांग को कम करने में मदद मिलती है।
3. फिक्स्ड एक्सचेंज रेट मैकेनिज्म
एक देश निश्चित विनिमय दर तंत्र में शामिल होकर महंगाई को कम रखने की कोशिश कर सकता है। तर्क यह है कि यदि किसी करेंसी का मूल्य निश्चित (या सेमी-फिक्स्ड) है तो यह महंगाई को कम रखने में मदद करता है।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,साल 2022 खत्म होने को है, इस साल महंगाई ने लोगों को खूब सताया। 2022 में पहली बार घरेलू गैस सिलेंडर 1,000 रुपए के पार निकल गया। वहीं आटा इस साल 26 रुपए से बढ़कर 32 रुपए किलो पर पहुंच गया है। इसी तरह हर घर में रोजाना उपयोग होने वाले सामान जैसे तेल, दूध और चावल जैसी चीजों के दाम भी इस साल बढ़े हैं।
यहां हम आपको बता रहे हैं कि डेली यूज की चीजों के दाम साल 2022 में कितने घटे या बढ़े हैं। महंगाई कैसे बढ़ती और घटती है और रिजर्व बैंक इसे कैसे कंट्रोल करता है...
साल 2022 खत्म होने को है, इस साल महंगाई ने लोगों को खूब सताया। 2022 में पहली बार घरेलू गैस सिलेंडर 1,000 रुपए के पार निकल गया। वहीं आटा इस साल 26 रुपए से बढ़कर 32 रुपए किलो पर पहुंच गया है। इसी तरह हर घर में रोजाना उपयोग होने वाले सामान जैसे तेल, दूध और चावल जैसी चीजों के दाम भी इस साल बढ़े हैं।
यहां हम आपको बता रहे हैं कि डेली यूज की चीजों के दाम साल 2022 में कितने घटे या बढ़े हैं। महंगाई कैसे बढ़ती और घटती है और रिजर्व बैंक इसे कैसे कंट्रोल करता है...
महंगाई बढ़ने के कारण क्या है?
महंगाई के बढ़ने का सीधा-सीधा मतलब आपके कमाए पैसों का मूल्य कम होना है। उदाहरण के लिए, यदि महंगाई दर 7% है, तो आपके कमाए 100 रुपए का मूल्य 93 रुपए होगा। ऐसे कई फैक्टर हैं जो किसी इकोनॉमी में कीमतों या महंगाई को बढ़ा सकते हैं। आमतौर पर, महंगाई प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ने, प्रोडक्ट और सर्विसेज की डिमांड में तेजी या सप्लाई में कमी के कारण होती है। महंगाई बढ़ने के 6 बड़े कारण होते हैं:
कमजोर करेंसी और जंग ने बढ़ाई महंगाई
भारत में महंगाई के कारणों की बात करें तो डॉलर की तुलना में रुपया कमजोर होकर 80 के स्तर के पार पहुंच गया है। डॉलर महंगा होने से भारत का आयात और महंगा होता जा रहा है और इससे घरेलू बाजार में चीजों के दाम भी बढ़ रहे हैं। वहीं कोविड के बाद से सप्लाई चेन अभी तक पूरी तरह से पटरी पर नहीं आई है, जिसने महंगाई को बढ़ाया है। इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण क्रूड ऑयल और खाने-पीने के सामानों के दाम बढ़े हैं।
महंगाई कंट्रोल करने के टूल
1. मॉनेटरी पॉलिसी
सेंट्रल बैंक के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। इससे डिमांड में कमी आती है और महंगाई घटती है।
2. इनकम टैक्स में बढ़ोतरी
महंगाई को को कम करने के लिए, सरकार करों (जैसे आयकर और GST) को बढ़ा सकती है और खर्च में कटौती कर सकती है। इससे सरकार की बजट स्थिति में सुधार होता है और अर्थव्यवस्था में मांग को कम करने में मदद मिलती है।
3. फिक्स्ड एक्सचेंज रेट मैकेनिज्म
एक देश निश्चित विनिमय दर तंत्र में शामिल होकर महंगाई को कम रखने की कोशिश कर सकता है। तर्क यह है कि यदि किसी करेंसी का मूल्य निश्चित (या सेमी-फिक्स्ड) है तो यह महंगाई को कम रखने में मदद करता है।
RELATED ARTICLES
11 March 2023 07:36 PM
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com