27 September 2021 10:12 AM
नई दिल्ली। जेएनएन। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को और मजबूत करने के लिए आज यानि सोमवार, 27 सितंबर को किसान संगठनों ने भारत बंद आह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेतृत्व के तहत 40 किसान संगठनों ने 27 सितंबर को भारत बंद करने की लोगों से अपील की है। भारत बंद का आह्वान सुबह 06 बजे से शाम 04 बजे तक किया गया है। विपक्षी दल भी अब कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की जंग में शामिल होंने के संकेत दिए हैं। कांग्रेस और माकपा से लेकर राकांपा और तृणमूल कांग्रेस सरीखे विपक्षी दलों ने किसान संगठनों के 27 सितंबर को बुलाए गए भारत बंद के समर्थन का एलान कर इस मुद्दे पर सरकार की राजनीतिक घेरेबंदी पर फोकस बढ़ाने के इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। अब तक किसान संगठनों को नैतिक समर्थन दे रहे विपक्षी खेमे के कई दलों ने तो इस बंद के समर्थन में सडक़ पर उतरने का भी एलान कर दिया है।
दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन के भी 26 सितंबर को 10 महीने हो जाएंगे। किसानों का कहना है कि भारत बंद से उनका यह किसान आंदोलन और मजबूत होगा। एसकेएम ने कहा है कि समाज के विभिन्न वर्गों को देश के विभिन्न हिस्सों में किसान संगठनों द्वारा किसानों के समर्थन और एकजुटता के लिए संपर्क किया जा रहा है, जो भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक आंदोलन से साथ जुड़े हैं।
नई दिल्ली। जेएनएन। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को और मजबूत करने के लिए आज यानि सोमवार, 27 सितंबर को किसान संगठनों ने भारत बंद आह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेतृत्व के तहत 40 किसान संगठनों ने 27 सितंबर को भारत बंद करने की लोगों से अपील की है। भारत बंद का आह्वान सुबह 06 बजे से शाम 04 बजे तक किया गया है। विपक्षी दल भी अब कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की जंग में शामिल होंने के संकेत दिए हैं। कांग्रेस और माकपा से लेकर राकांपा और तृणमूल कांग्रेस सरीखे विपक्षी दलों ने किसान संगठनों के 27 सितंबर को बुलाए गए भारत बंद के समर्थन का एलान कर इस मुद्दे पर सरकार की राजनीतिक घेरेबंदी पर फोकस बढ़ाने के इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। अब तक किसान संगठनों को नैतिक समर्थन दे रहे विपक्षी खेमे के कई दलों ने तो इस बंद के समर्थन में सडक़ पर उतरने का भी एलान कर दिया है।
दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन के भी 26 सितंबर को 10 महीने हो जाएंगे। किसानों का कहना है कि भारत बंद से उनका यह किसान आंदोलन और मजबूत होगा। एसकेएम ने कहा है कि समाज के विभिन्न वर्गों को देश के विभिन्न हिस्सों में किसान संगठनों द्वारा किसानों के समर्थन और एकजुटता के लिए संपर्क किया जा रहा है, जो भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक आंदोलन से साथ जुड़े हैं।
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