09 April 2022 12:39 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
बीकानेर - बाजार में प्रशासन की लापरवाही इतनी बढ़ गई है कि वह सिर्फ वनवे के रूपरेखा तैयार करने में लगा है, आने जाने वाले रास्तों में इतने खड्डे भरे हुए हैं कि आम आदमी बाइक,साइकिल या व्यक्ति पैदल भी जाए तो भी उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है फड़ बाज़ार जेसी जगहो पर (जो की बीकानेर का मेन मार्केट की गिनती में आता हे उसमें भी गलियों में इतना ज्यादा कीचड़ भर गया है की व्यवस्था आमजन को ही करनी पड़ रही है आस पास के गाँवो से लोग यह ख़रीदारी करने आते हे उनके साथ आए दिन घटनायें घटित हो जाती हे ऐसी ही एक बात कुछ दिन पहले की हे जब एक बुजुर्ग जो कि आसपास के गांव से आए हुए थे वह गिर गए थे और उनको काफी चोट आई आए दिन ऐसी घटना घटित होती है अक्सर प्रशासन की लापरवाही देखी जाती है, प्रशासन सिर्फ एक तरफ़ा ट्रेफ़िक के कार्य पर निगरानी रख रहा है ,बीकानेर के आधे से ज्यादा बाजारो ओर बस्तीया जहाँ सड़के खंडित पड़ी हैं उसमें प्रशासन का क्या विचार है पार्षद को जब कॉल किया जाता है कि सर आप नाले सही करवा दो या खड्डे सही करवा दो तो बोलते हैं कि बजट नहीं आया और झूठा आश्वासन देते रहते हैं क्या नगर निगम की यही जिम्मेवारी है पार्षद का स्टैंडर्ड टैग लेकर पूरे बिकानेर में घूमते हैं बीकानेर में व्यवस्था मे क्या योगदान दे रहे हैं सरकार जब अपना कार्य नहीं करती है आवाज उठाना अपना धर्म और कर्तव्य है, अक्सर देखा जाता है जब कोई अधिकारी या प्रशासनिक नेता कोई भी दौरे पर आते हैं तो रातों रात सड़कों का निर्माण हो जाता है तो आमजन की सुविधा के लिए फिर क्या प्रस्ताव है,
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
बीकानेर - बाजार में प्रशासन की लापरवाही इतनी बढ़ गई है कि वह सिर्फ वनवे के रूपरेखा तैयार करने में लगा है, आने जाने वाले रास्तों में इतने खड्डे भरे हुए हैं कि आम आदमी बाइक,साइकिल या व्यक्ति पैदल भी जाए तो भी उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है फड़ बाज़ार जेसी जगहो पर (जो की बीकानेर का मेन मार्केट की गिनती में आता हे उसमें भी गलियों में इतना ज्यादा कीचड़ भर गया है की व्यवस्था आमजन को ही करनी पड़ रही है आस पास के गाँवो से लोग यह ख़रीदारी करने आते हे उनके साथ आए दिन घटनायें घटित हो जाती हे ऐसी ही एक बात कुछ दिन पहले की हे जब एक बुजुर्ग जो कि आसपास के गांव से आए हुए थे वह गिर गए थे और उनको काफी चोट आई आए दिन ऐसी घटना घटित होती है अक्सर प्रशासन की लापरवाही देखी जाती है, प्रशासन सिर्फ एक तरफ़ा ट्रेफ़िक के कार्य पर निगरानी रख रहा है ,बीकानेर के आधे से ज्यादा बाजारो ओर बस्तीया जहाँ सड़के खंडित पड़ी हैं उसमें प्रशासन का क्या विचार है पार्षद को जब कॉल किया जाता है कि सर आप नाले सही करवा दो या खड्डे सही करवा दो तो बोलते हैं कि बजट नहीं आया और झूठा आश्वासन देते रहते हैं क्या नगर निगम की यही जिम्मेवारी है पार्षद का स्टैंडर्ड टैग लेकर पूरे बिकानेर में घूमते हैं बीकानेर में व्यवस्था मे क्या योगदान दे रहे हैं सरकार जब अपना कार्य नहीं करती है आवाज उठाना अपना धर्म और कर्तव्य है, अक्सर देखा जाता है जब कोई अधिकारी या प्रशासनिक नेता कोई भी दौरे पर आते हैं तो रातों रात सड़कों का निर्माण हो जाता है तो आमजन की सुविधा के लिए फिर क्या प्रस्ताव है,
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