30 March 2022 11:51 AM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून व्यवस्था गहलोत सरकार के लिए सिरदर्द बनी हुई है। विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के कई विधायक भी कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर चुके हैं। बढ़ते अपराधों को लेकर विधानसभा सत्र में भी गहलोत सरकार जमकर विपक्ष के निशाने पर रही है, अब यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कानून व्यवस्था की सुध लेना शुरू कर दिया है।सीएम गहलोत ने जहां मंगलवार शाम को गृह विभाग की समीक्षा बैठक लेकर अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति से समझौता नहीं करने के निर्देश दिए तो वहीं आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तमाम जिलों के पुलिस अधीक्षकों और आईजी रेंज की बैठक बुलाई है।दोपहर 12 बजे वर्चुअल होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव, पुलिस महानिदेशक एम एल लाठर, मुख्य सचिव उषा शर्मा, एसीएस होम अभय कुमार सहित कई अन्य अधिकारी शामिल होंगे।
जिलेवार अपराधों का फीडबैक लेंगे मुख्यमंत्री
सूत्रों की माने तो आज होने वाली वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तमाम जिलों के पुलिस अधीक्षकों से जिलेवार अपराधों पर फीडबैक लेंगे और भू माफियाओं, तस्करों, ड्रग माफिया, संगठित अपराध, गैंगस्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश देंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा से लगते जिला में विशेष चौकसी बरतने के निर्देश भी दिए जाएंगे।
6 माह के कामकाज का रिपोर्ट लेंगे मुख्यमंत्री
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज होने वाली वर्चुअल बैठक में तमाम पुलिस अधीक्षकों और आईजी रेंज से बीते 6 माह में हुए अपराधों और उन पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है उनको लेकर रिपोर्ट कार्ड लेंगे। चर्चा यह भी है कि जिन जिलों का रिपोर्ट कार्ड बेहतर नहीं होगा वहां पर पुलिस अधीक्षकों को मुख्यमंत्री की नाराजगी का सामना भी करना पड़ सकता है।
सत्ता पक्ष के विधायक भी बने सरकार के लिए सिरदर्द
इधर सत्तापक्ष के विधायक भी सरकार के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा के पुत्र पर जहां दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ है तो वहीं बाड़ी से कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा पर सरकारी कार्मिकों के साथ मारपीट करने का आरोप लगा है।नगर से कांग्रेस विधायक वाजिब अली के स्वागत में ताबड़तोड़ हुई फायरिंग के मामले में भी गहलोत सरकार की जमकर किरकिरी हुई है। लोगों में चर्चा इस बात की है अगर सत्ता पक्ष के विधायक ही कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहे हैं तो फिर आमजन पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
पुलिस को निर्देश राजनीतिक दबाव में नहीं आएं
इससे पहले कल हुई गृह विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तमाम अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि राजनीतिक दबाव में नहीं आएं, चाहें सत्तापक्ष से जुड़े लोग हो या फिर विपक्ष से जुड़े लोग हो, किसी के भी खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। गौरतलब है कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस साल की शुरुआत में महिला अत्याचारों के मामलों में बढ़ोत्तरी के बाद दो बार गृह विभाग की समीक्षा बैठक करके कामकाज की समीक्षा कर चुके हैं।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून व्यवस्था गहलोत सरकार के लिए सिरदर्द बनी हुई है। विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के कई विधायक भी कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर चुके हैं। बढ़ते अपराधों को लेकर विधानसभा सत्र में भी गहलोत सरकार जमकर विपक्ष के निशाने पर रही है, अब यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कानून व्यवस्था की सुध लेना शुरू कर दिया है।सीएम गहलोत ने जहां मंगलवार शाम को गृह विभाग की समीक्षा बैठक लेकर अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति से समझौता नहीं करने के निर्देश दिए तो वहीं आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तमाम जिलों के पुलिस अधीक्षकों और आईजी रेंज की बैठक बुलाई है।दोपहर 12 बजे वर्चुअल होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव, पुलिस महानिदेशक एम एल लाठर, मुख्य सचिव उषा शर्मा, एसीएस होम अभय कुमार सहित कई अन्य अधिकारी शामिल होंगे।
जिलेवार अपराधों का फीडबैक लेंगे मुख्यमंत्री
सूत्रों की माने तो आज होने वाली वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तमाम जिलों के पुलिस अधीक्षकों से जिलेवार अपराधों पर फीडबैक लेंगे और भू माफियाओं, तस्करों, ड्रग माफिया, संगठित अपराध, गैंगस्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश देंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा से लगते जिला में विशेष चौकसी बरतने के निर्देश भी दिए जाएंगे।
6 माह के कामकाज का रिपोर्ट लेंगे मुख्यमंत्री
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज होने वाली वर्चुअल बैठक में तमाम पुलिस अधीक्षकों और आईजी रेंज से बीते 6 माह में हुए अपराधों और उन पर अब तक क्या कार्रवाई हुई है उनको लेकर रिपोर्ट कार्ड लेंगे। चर्चा यह भी है कि जिन जिलों का रिपोर्ट कार्ड बेहतर नहीं होगा वहां पर पुलिस अधीक्षकों को मुख्यमंत्री की नाराजगी का सामना भी करना पड़ सकता है।
सत्ता पक्ष के विधायक भी बने सरकार के लिए सिरदर्द
इधर सत्तापक्ष के विधायक भी सरकार के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा के पुत्र पर जहां दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ है तो वहीं बाड़ी से कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा पर सरकारी कार्मिकों के साथ मारपीट करने का आरोप लगा है।नगर से कांग्रेस विधायक वाजिब अली के स्वागत में ताबड़तोड़ हुई फायरिंग के मामले में भी गहलोत सरकार की जमकर किरकिरी हुई है। लोगों में चर्चा इस बात की है अगर सत्ता पक्ष के विधायक ही कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहे हैं तो फिर आमजन पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
पुलिस को निर्देश राजनीतिक दबाव में नहीं आएं
इससे पहले कल हुई गृह विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तमाम अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि राजनीतिक दबाव में नहीं आएं, चाहें सत्तापक्ष से जुड़े लोग हो या फिर विपक्ष से जुड़े लोग हो, किसी के भी खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। गौरतलब है कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस साल की शुरुआत में महिला अत्याचारों के मामलों में बढ़ोत्तरी के बाद दो बार गृह विभाग की समीक्षा बैठक करके कामकाज की समीक्षा कर चुके हैं।
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