02 August 2021 03:37 PM
बीकानेर के नापासर में चूंगी चौकी के पास एक कार पेड़ से जा टकराई। इस हादसे में दो युवक घायल हो गए थे, जिसमें एक ने पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में दम तोड़ दिया। महज 25 साल के युवा व्यापारी वीरेंद्र पांडिया की मौत के बाद से कस्बे में शोक की लहर है। दरअसल, रविवार रात वीरेंद्र और उसका साथी कार से कहीं जा रहे थे। कार असंतुलित होकर एक पेड़ से जा टकराई। रास्ते से गुजर रहे लोगों ने उन्हें संभाला और तुरंत बीकानेर के पीबीएम अस्पताल ले गए। यहां ट्रोमा सेंटर में दोनों को गंभीर हालात में भर्ती किया गया। सुबह होते होते वीरेंद्र पांडिया ने दम तोड़ दिया। वहीं दूसरा साथी रामस्वरूप माली अभी गंभीर हालात में है। नापासर थानाधिकारी जगदीश पांडर ने सूचना मिलने के साथ ही हेडकांस्टेबल गोकुल चंद को मौके पर भेजा। जहां से पुलिस ने ही घायलों को 108 एम्बुलेंस भेजा। ग्रामीणों ने घायलों को बाहर निकालकर पुलिस का सहयोग किया। कार में लाइफ जैकेट भी लगी थी लेकिन कोई काम नहीं आए। दुर्घटनाग्रस्त कार देखने पर पता चलता है कि बैलून खुले थे लेकिन वो वीरेंद्र की जान बचाने में नाकाम रहे। संभव है कि कार की गति इतनी तेज थी कि वो काम नहीं कर सके यहां ज्वैलरी शो रूम चला रहा वीरेंद्र हंसमुख स्वभाव का था और सभी व्यापारियों के साथ घुला मिला था। कई सामाजिक कार्यों में शामिल रहने के कारण आम लोगों का उसके प्रति विशेष लगाव था। अचानक उसकी मौत के बाद से कस्बे में हर कोई दुखी है। रविवार सुबह से ही बाजार बंद है और सड़कों पर आवाजाही बहुत कम है। बाजार बंद होने के कारण बाजार में लोग कम दिख रहे हैं। पांडिया के घर के आगे भीड़ एकत्र हो रही है लेकिन सन्नाटा पसरा हुआ है। नापासर में होने वाले सामाजिक आयोजनों में वीरेंद्र बढ़चढ़कर हिस्सा लेते थे और सहयोग भी करते थे। ऐसे में उनकी मौत से हर कोई दुखी नजर आया।
बीकानेर के नापासर में चूंगी चौकी के पास एक कार पेड़ से जा टकराई। इस हादसे में दो युवक घायल हो गए थे, जिसमें एक ने पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में दम तोड़ दिया। महज 25 साल के युवा व्यापारी वीरेंद्र पांडिया की मौत के बाद से कस्बे में शोक की लहर है। दरअसल, रविवार रात वीरेंद्र और उसका साथी कार से कहीं जा रहे थे। कार असंतुलित होकर एक पेड़ से जा टकराई। रास्ते से गुजर रहे लोगों ने उन्हें संभाला और तुरंत बीकानेर के पीबीएम अस्पताल ले गए। यहां ट्रोमा सेंटर में दोनों को गंभीर हालात में भर्ती किया गया। सुबह होते होते वीरेंद्र पांडिया ने दम तोड़ दिया। वहीं दूसरा साथी रामस्वरूप माली अभी गंभीर हालात में है। नापासर थानाधिकारी जगदीश पांडर ने सूचना मिलने के साथ ही हेडकांस्टेबल गोकुल चंद को मौके पर भेजा। जहां से पुलिस ने ही घायलों को 108 एम्बुलेंस भेजा। ग्रामीणों ने घायलों को बाहर निकालकर पुलिस का सहयोग किया। कार में लाइफ जैकेट भी लगी थी लेकिन कोई काम नहीं आए। दुर्घटनाग्रस्त कार देखने पर पता चलता है कि बैलून खुले थे लेकिन वो वीरेंद्र की जान बचाने में नाकाम रहे। संभव है कि कार की गति इतनी तेज थी कि वो काम नहीं कर सके यहां ज्वैलरी शो रूम चला रहा वीरेंद्र हंसमुख स्वभाव का था और सभी व्यापारियों के साथ घुला मिला था। कई सामाजिक कार्यों में शामिल रहने के कारण आम लोगों का उसके प्रति विशेष लगाव था। अचानक उसकी मौत के बाद से कस्बे में हर कोई दुखी है। रविवार सुबह से ही बाजार बंद है और सड़कों पर आवाजाही बहुत कम है। बाजार बंद होने के कारण बाजार में लोग कम दिख रहे हैं। पांडिया के घर के आगे भीड़ एकत्र हो रही है लेकिन सन्नाटा पसरा हुआ है। नापासर में होने वाले सामाजिक आयोजनों में वीरेंद्र बढ़चढ़कर हिस्सा लेते थे और सहयोग भी करते थे। ऐसे में उनकी मौत से हर कोई दुखी नजर आया।
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