17 June 2022 04:05 PM
जोग संजोग टाइम्स,
हमेशा अपने बयानों और चुंभन भरे भाषण से विवादों में रहने वाले आपदा प्रबंधन मंत्री गोविन्दराम मेघवाल आज फिर चर्चाओं में रहे। जिला कलेक्ट्रेट पर शहर व देहात कांग्रेस के संयुक्त धरना प्रदर्शन में अपने भाषण के दौरान बात ही बात में अपने ही नेताओं को चुंभन दे गये। उन्होंने सबसे पहले शहर व देहात अध्यक्षों को आड़े हाथों लेते हुए नसीहत दे डाली कि आगामी धरना-प्रदर्शन से पहले दोनों एक जाजम पर बैठकर बैठक कर लें। ताकि पाडांल में जो अव्यवस्था हुई है वो आगे न हो। उनका इशारा पांडाल छोटा होना तथा यहां कूलर की व्यवस्था न होने की ओर था। मेघवाल ने कहा कि यदि फंड की कोई समस्या है तो शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला और उर्जा मंत्री भंवरसिंह है ना। ये नहीं तो आपदा मंत्री तो आपके साथ है ही। इतना ही नहीं मेघवाल ने भीड़ को लेकर भी तंज कसते हुए कहा कि नेतागण अपने अपने समर्थकों के साथ तो आएं ही साथ ही उनकी जानकारी भी रहे कि कौन कितने लाया है ताकि किसी का काम करने पर पता तो चले कि इसका काम करना है या नहीं। वैसे कोई मंत्री काम के लिये मना तो नहीं करते फिर भी जानकारी तो होनी चाहिए। इस दौरान फिर उन्होंने डॉ कल्ला व भाटी के होने का हवाला देते हुए कहा इनके पास जायज काम लाओगे तो जरूर होगा।
ऐसे लोगे क्या परीक्षा
मेघवाल ने पांडाल छोटे होने का हवाला देते हुए कहा कि अभी संघर्ष लंबा है,ऐसे लोगे का क्या परीक्षा अध्यक्ष जी। आगे जब कभी आन्दोलन,धरना प्रदर्शन हो तो भीड़ पांच से दस हजार होनी चाहिए और उनके अनुकुल ही व्यवस्था की जानी चाहिए।
एक बार जुबान फिसली
मेघवाल के भाषण के दौरान तानाशाही शासन कि बात चलते हुए कांग्रेस के 200 वर्षों तक राज करने की बात कह डाली। हाथों हाथ अपनी गलती का आभास होते ही उन्होंने माफी मांगते हुए अंग्रेजों का हवाला देते हुए उनकी तुलना केन्द्र सरकार से की। भाषण में उन्होंने भाजपा की केन्द्र सरकार को जमकर आड़े हाथ लिया। साथ ही कांग्रेस को ही सर्वधर्म व सर्वसमाज की पार्टी बताते हुए कहा कि कांग्रेस की केन्द्र में सरकार से पहले यह अग्निपरीक्षा है इसे पास करना पड़ेगा।
जोग संजोग टाइम्स,
हमेशा अपने बयानों और चुंभन भरे भाषण से विवादों में रहने वाले आपदा प्रबंधन मंत्री गोविन्दराम मेघवाल आज फिर चर्चाओं में रहे। जिला कलेक्ट्रेट पर शहर व देहात कांग्रेस के संयुक्त धरना प्रदर्शन में अपने भाषण के दौरान बात ही बात में अपने ही नेताओं को चुंभन दे गये। उन्होंने सबसे पहले शहर व देहात अध्यक्षों को आड़े हाथों लेते हुए नसीहत दे डाली कि आगामी धरना-प्रदर्शन से पहले दोनों एक जाजम पर बैठकर बैठक कर लें। ताकि पाडांल में जो अव्यवस्था हुई है वो आगे न हो। उनका इशारा पांडाल छोटा होना तथा यहां कूलर की व्यवस्था न होने की ओर था। मेघवाल ने कहा कि यदि फंड की कोई समस्या है तो शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला और उर्जा मंत्री भंवरसिंह है ना। ये नहीं तो आपदा मंत्री तो आपके साथ है ही। इतना ही नहीं मेघवाल ने भीड़ को लेकर भी तंज कसते हुए कहा कि नेतागण अपने अपने समर्थकों के साथ तो आएं ही साथ ही उनकी जानकारी भी रहे कि कौन कितने लाया है ताकि किसी का काम करने पर पता तो चले कि इसका काम करना है या नहीं। वैसे कोई मंत्री काम के लिये मना तो नहीं करते फिर भी जानकारी तो होनी चाहिए। इस दौरान फिर उन्होंने डॉ कल्ला व भाटी के होने का हवाला देते हुए कहा इनके पास जायज काम लाओगे तो जरूर होगा।
ऐसे लोगे क्या परीक्षा
मेघवाल ने पांडाल छोटे होने का हवाला देते हुए कहा कि अभी संघर्ष लंबा है,ऐसे लोगे का क्या परीक्षा अध्यक्ष जी। आगे जब कभी आन्दोलन,धरना प्रदर्शन हो तो भीड़ पांच से दस हजार होनी चाहिए और उनके अनुकुल ही व्यवस्था की जानी चाहिए।
एक बार जुबान फिसली
मेघवाल के भाषण के दौरान तानाशाही शासन कि बात चलते हुए कांग्रेस के 200 वर्षों तक राज करने की बात कह डाली। हाथों हाथ अपनी गलती का आभास होते ही उन्होंने माफी मांगते हुए अंग्रेजों का हवाला देते हुए उनकी तुलना केन्द्र सरकार से की। भाषण में उन्होंने भाजपा की केन्द्र सरकार को जमकर आड़े हाथ लिया। साथ ही कांग्रेस को ही सर्वधर्म व सर्वसमाज की पार्टी बताते हुए कहा कि कांग्रेस की केन्द्र में सरकार से पहले यह अग्निपरीक्षा है इसे पास करना पड़ेगा।
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