05 March 2022 11:04 AM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
मिली जानकारी के अनुसार विद्यार्थियों में पर्यावरण की समझ विकसित करने और अनुपयोगी सामग्री का उपयोग करने को लेकर अब हरित विद्यालय स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम का संचालन होगा। इसके तहत प्रदेश की एक हजार स्कूलें चयनित की गई है ,जहां वर्ष पर्यन्त विभिन्न् आयोजन होंगे। भारत सरकार की ओर से स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार सत्र 2021-22 को लेकर अभियान चलाया जाएगा। समग्र शिक्षा परियोजना में स्टार्स अन्तर्गत प्रदेश के अधिकतम नामांकन वाले एक हजार राउमावि चयनित किए गए हैं जहां हरित विद्यालय एवं स्वच्छ विद्यालय योजना शुरू की गई है। योजना के तहत पौधरोपण व संरक्षण, पेयजल स्वच्छता व जल संरक्षण, कचरा प्रबंधन, पर्यावरा संरक्षण का महत्व को लेकर विभिन्न् आयोजन होंगे।कार्यक्रम के तहत विद्यालय में पौधरोपण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जलवायु के अनुसार विद्यालय प्रबंधन पौधों का चयन कर लगाएगा और इसका संरक्षण करने का दायित्व विद्यार्थियों को दिया जाएगा। वहीं शिक्षक, एसएमसी सदस्य सहित आमजन को भी जोडा जाएगा। साथ ही यूथ व इको क्लब की भी भागीदारी होगी।
इसके पीछे उद्देश्य अधिक से अधिक पौधों का संरक्षण करना है।
अनुपयोगी बोतलों की बनेगी बाड़
अनुपयोगी प्लास्टिक की बोतलों से पौधों के आसपास बाड़ बनाई जा सकती है। वहीं बूंद बूंद सिंचाई में भी इसका उपयोग किया जाएगा। बोतलों में रेत भर कर ईंट की तरह उपयोग किया जाएगा। पेयजल को लेकर वर्षा जल संरक्षण के साथ गंदे जल का पुन उपयोग करने आदि का कार्य भी होगा।
हर कक्षाकक्ष में डस्टबिन
बच्चों को स्वच्छता का संदेश कक्षा में ही मिले इसके लिए हर कक्षा में छोटे डस्टबिन रखे जाएंगे जिसमें बच्चे कचरा डाल सकेंगे। वहीं, स्कूल में गीले व सूखे कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन होंगे। गीले कचरे के निस्तारण को लेकर कम्पोस्ट पिट का निर्माण स्कूल में होगा जिससे खाद बनेगी। जिसका उपयोग स्कूल के गार्डन, पौधों में किया जाएगा।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
मिली जानकारी के अनुसार विद्यार्थियों में पर्यावरण की समझ विकसित करने और अनुपयोगी सामग्री का उपयोग करने को लेकर अब हरित विद्यालय स्वच्छ विद्यालय कार्यक्रम का संचालन होगा। इसके तहत प्रदेश की एक हजार स्कूलें चयनित की गई है ,जहां वर्ष पर्यन्त विभिन्न् आयोजन होंगे। भारत सरकार की ओर से स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार सत्र 2021-22 को लेकर अभियान चलाया जाएगा। समग्र शिक्षा परियोजना में स्टार्स अन्तर्गत प्रदेश के अधिकतम नामांकन वाले एक हजार राउमावि चयनित किए गए हैं जहां हरित विद्यालय एवं स्वच्छ विद्यालय योजना शुरू की गई है। योजना के तहत पौधरोपण व संरक्षण, पेयजल स्वच्छता व जल संरक्षण, कचरा प्रबंधन, पर्यावरा संरक्षण का महत्व को लेकर विभिन्न् आयोजन होंगे।कार्यक्रम के तहत विद्यालय में पौधरोपण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जलवायु के अनुसार विद्यालय प्रबंधन पौधों का चयन कर लगाएगा और इसका संरक्षण करने का दायित्व विद्यार्थियों को दिया जाएगा। वहीं शिक्षक, एसएमसी सदस्य सहित आमजन को भी जोडा जाएगा। साथ ही यूथ व इको क्लब की भी भागीदारी होगी।
इसके पीछे उद्देश्य अधिक से अधिक पौधों का संरक्षण करना है।
अनुपयोगी बोतलों की बनेगी बाड़
अनुपयोगी प्लास्टिक की बोतलों से पौधों के आसपास बाड़ बनाई जा सकती है। वहीं बूंद बूंद सिंचाई में भी इसका उपयोग किया जाएगा। बोतलों में रेत भर कर ईंट की तरह उपयोग किया जाएगा। पेयजल को लेकर वर्षा जल संरक्षण के साथ गंदे जल का पुन उपयोग करने आदि का कार्य भी होगा।
हर कक्षाकक्ष में डस्टबिन
बच्चों को स्वच्छता का संदेश कक्षा में ही मिले इसके लिए हर कक्षा में छोटे डस्टबिन रखे जाएंगे जिसमें बच्चे कचरा डाल सकेंगे। वहीं, स्कूल में गीले व सूखे कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन होंगे। गीले कचरे के निस्तारण को लेकर कम्पोस्ट पिट का निर्माण स्कूल में होगा जिससे खाद बनेगी। जिसका उपयोग स्कूल के गार्डन, पौधों में किया जाएगा।
RELATED ARTICLES
© Copyright 2021-2025, All Rights Reserved by Jogsanjog Times| Designed by amoadvisor.com