28 July 2021 01:59 PM

इंदौर । फेरी लगाने वाले सुनील ने बताया, ‘महाराष्ट्र के 150 लाेग इंदौर समेत आसपास के इलाकों में घर-घर जाकर बाल इकट्ठा करते हैं। 10 ग्राम बाल 20 रुपए तक में खरीदते हैं। 6 जुलाई 2021 को इंदौर रेलवे स्टेशन से कोलकाता-हावड़ा के लिए 22 बोरे बाल बुक कराए थे, जिसका बिल्टी नंबर 63498 था। इसमें तय समय पर सिर्फ 3 बोरे ही हावड़ा पहुंचे, जबकि 19 बोरी चोरी हो गए। इसके बाद फेरीवाले सुनील और उसके दोस्त इंदौर में FIR कराने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि बिल्टी में नकली बालों का जिक्र है और कीमतें भी कम लिखी गई हैं।
ऐसे समझिए झड़ने वाले बाल का कारोबार
पहला स्टेज- फेरी वाले घर-घर जाकर बाल इकट्ठा करते हैं। बाल झड़े होने चाहिए और उनकी लंबाई 8 इंच से कम नहीं होनी चाहिए। क्वालिटी के हिसाब से 10 ग्राम के 20 रुपए तक देते हैं। एक दिन में एक आदमी 200 से 250 ग्राम ही बाल जुटा पाता है।
दूसरा स्टेज- बाल को एक जगह इकट्ठा करते हैं। यहां से उन्हें क्वालिटी के हिसाब से अलग-अलग करते हैं। फिर बोरियों में भरकर ट्रेन से पश्चिम बंगाल के हावड़ा भेजा जाता है। एक किलो बाल क्वालिटी के हिसाब से 5 हजार रुपए तक में बेचते हैं।
तीसरा स्टेज- कोलकाता से 90% बाल विग बनाने के लिए चीन भेजे जाते हैं। 10% बालों का विग कोलकाता में ही बनाया जाता है।
एक साल की मेहनत थी जो चोरी हो गई
सुनील का कहना है कि हम कई सालों से बाल हावड़ा भेजने का काम कर रहे हैं, लेकिन इस बार रेलवे के पार्सल विभाग की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है। पुलिस भी हमारी मदद नहीं कर रही है। 22 बोरे में 1000 किलो से ज्यादा बाल थे। यह हमारी 1 साल की कमाई थी, जिस पर पानी फिर चुका है।
बालों के इस कारोबार में 150 से ज्यादा लोग इंदौर समेत आसपास के इलाकों में सक्रिय हैं। सभी लोग गली-गली घूमकर बाल खरीदते हैं। ये बाल के बदले नगद रुपए देते हैं। इस कारण से इनकी जमापूंजी भी खत्म हो गई है। इन लोगों को खाने-पीने की भी दिक्कत आ गई है। इधर, इंदौर RPF के प्रभारी हरीश कुमार का कहना है कि हमने कोलकाता के हावड़ा पार्सल विभाग से संपर्क किया है। अगर हमें हावड़ा में बाल की बोरियां न मिलने की सूचना मिल जाती है, तो मामला दर्ज किया जाएगा।
व्यापारी मोहम्मद हसन ने बताया कि मध्यप्रदेश से अभी 5 से 6% बाल ही आ रहे हैं। यहां के बालों की क्वालिटी भी उतनी बेहतर नहीं है। ये रुखे और कमजोर होते हैं। बाजार में गुजरात के बालों की मांग सबसे अधिक है। वहां के बाल मजबूत और चमकदार होते हैं। अभी कोरोना के चलते व्यवसाय में मंदी छाई हुई है। एक अनुमान के मुताबिक, पूरे मध्यप्रदेश से हर साल 50 करोड़ रुपए के बाल का कारोबार होता है।
कोलकाता के व्यापारी मोहम्मद हसन बताते हैं कि उनके पास मध्यप्रदेश के अलावा बिहार और राजस्थान से बाल आते हैं। कोलकाता से 90% बाल चीन भेजे जाते हैं। पहले फेरी वाले को बाल देने पर वे पिन, टॉफी जैसी चीजें देते थे। शहरों में अब बालों के बदले में लोग सिर्फ रुपए ही लेते हैं। हालांकि, गांव में आज भी सामान के बदले कोई भी बाल दे देता है।
इंदौर । फेरी लगाने वाले सुनील ने बताया, ‘महाराष्ट्र के 150 लाेग इंदौर समेत आसपास के इलाकों में घर-घर जाकर बाल इकट्ठा करते हैं। 10 ग्राम बाल 20 रुपए तक में खरीदते हैं। 6 जुलाई 2021 को इंदौर रेलवे स्टेशन से कोलकाता-हावड़ा के लिए 22 बोरे बाल बुक कराए थे, जिसका बिल्टी नंबर 63498 था। इसमें तय समय पर सिर्फ 3 बोरे ही हावड़ा पहुंचे, जबकि 19 बोरी चोरी हो गए। इसके बाद फेरीवाले सुनील और उसके दोस्त इंदौर में FIR कराने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि बिल्टी में नकली बालों का जिक्र है और कीमतें भी कम लिखी गई हैं।
ऐसे समझिए झड़ने वाले बाल का कारोबार
पहला स्टेज- फेरी वाले घर-घर जाकर बाल इकट्ठा करते हैं। बाल झड़े होने चाहिए और उनकी लंबाई 8 इंच से कम नहीं होनी चाहिए। क्वालिटी के हिसाब से 10 ग्राम के 20 रुपए तक देते हैं। एक दिन में एक आदमी 200 से 250 ग्राम ही बाल जुटा पाता है।
दूसरा स्टेज- बाल को एक जगह इकट्ठा करते हैं। यहां से उन्हें क्वालिटी के हिसाब से अलग-अलग करते हैं। फिर बोरियों में भरकर ट्रेन से पश्चिम बंगाल के हावड़ा भेजा जाता है। एक किलो बाल क्वालिटी के हिसाब से 5 हजार रुपए तक में बेचते हैं।
तीसरा स्टेज- कोलकाता से 90% बाल विग बनाने के लिए चीन भेजे जाते हैं। 10% बालों का विग कोलकाता में ही बनाया जाता है।
एक साल की मेहनत थी जो चोरी हो गई
सुनील का कहना है कि हम कई सालों से बाल हावड़ा भेजने का काम कर रहे हैं, लेकिन इस बार रेलवे के पार्सल विभाग की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है। पुलिस भी हमारी मदद नहीं कर रही है। 22 बोरे में 1000 किलो से ज्यादा बाल थे। यह हमारी 1 साल की कमाई थी, जिस पर पानी फिर चुका है।
बालों के इस कारोबार में 150 से ज्यादा लोग इंदौर समेत आसपास के इलाकों में सक्रिय हैं। सभी लोग गली-गली घूमकर बाल खरीदते हैं। ये बाल के बदले नगद रुपए देते हैं। इस कारण से इनकी जमापूंजी भी खत्म हो गई है। इन लोगों को खाने-पीने की भी दिक्कत आ गई है। इधर, इंदौर RPF के प्रभारी हरीश कुमार का कहना है कि हमने कोलकाता के हावड़ा पार्सल विभाग से संपर्क किया है। अगर हमें हावड़ा में बाल की बोरियां न मिलने की सूचना मिल जाती है, तो मामला दर्ज किया जाएगा।
व्यापारी मोहम्मद हसन ने बताया कि मध्यप्रदेश से अभी 5 से 6% बाल ही आ रहे हैं। यहां के बालों की क्वालिटी भी उतनी बेहतर नहीं है। ये रुखे और कमजोर होते हैं। बाजार में गुजरात के बालों की मांग सबसे अधिक है। वहां के बाल मजबूत और चमकदार होते हैं। अभी कोरोना के चलते व्यवसाय में मंदी छाई हुई है। एक अनुमान के मुताबिक, पूरे मध्यप्रदेश से हर साल 50 करोड़ रुपए के बाल का कारोबार होता है।
कोलकाता के व्यापारी मोहम्मद हसन बताते हैं कि उनके पास मध्यप्रदेश के अलावा बिहार और राजस्थान से बाल आते हैं। कोलकाता से 90% बाल चीन भेजे जाते हैं। पहले फेरी वाले को बाल देने पर वे पिन, टॉफी जैसी चीजें देते थे। शहरों में अब बालों के बदले में लोग सिर्फ रुपए ही लेते हैं। हालांकि, गांव में आज भी सामान के बदले कोई भी बाल दे देता है।
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