23 August 2021 12:10 PM

बीकानेर। जिले के श्रीडूंगरगढ़ इलाके में करंट से होने वाली मौतों का सिलसिला जारी है और प्रशासन सुधार की जगह मुआवजा देकर कर्तव्यों की इतिश्री कर लेता है। विद्युत निगम की लापरवाही ओर अव्यवस्था से आज फिर एक 28 वर्षीय युवक ने करंट से प्राण गवां दिए है। क्षेत्र के गांव देराजसर में युवा लालाराम जाट की मौत अपने कृषि कुंए पर करंट लगने से हो गई है। सोमावर अलसुबह करीब 4 बजे हुए इस हादसे में करंट की चपेट में आये लालाराम को परिजन उपचार के लिए बीकानेर ले गए। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। बता देवें कि गांव देराजसर में ही एक माह पहले गत 24 जुलाई को भी किसान गोविंद राम जाट ने करंट से प्राण गवांए थे। विद्युत विभाग किसानों और फसलों के लिए साक्षात यमराज बन गया है। क्योंकि गांव देराजसर के फीडर 2ए में तो पिछले 10 दिनों से सप्लाई बाधित है। बारिश के बिना दम तोड़ रही फसलों को बचाने के लिए किसान जुगत भिड़ाने की कोशिशो में हादसों के शिकार हो रहे हैं। यहां पर 150 वोल्टेज के साथ सप्लाई हो रही है और इस कारण कुंआ चले तो मोटर जल जाती है और ना चलाए तो फसल जल रही है। विदित रहे कि घरों में जहां सामान्य 2 से 5 एचपी का लोड होता है वहां सप्लाई 220 वोल्ट के साथ होती है। और कुंओं पर जहां 60 एचपी का लोड है वहां 150 वोल्ट के साथ हो रही बिजली सप्लाई ही हादसों की जिम्मेदार है। विद्युत विभाग से ग्रामीण 10 दिनों से वोल्टेज व लाइट पूरी देने की मांग के लिए संघर्ष कर रहें है।
बीकानेर। जिले के श्रीडूंगरगढ़ इलाके में करंट से होने वाली मौतों का सिलसिला जारी है और प्रशासन सुधार की जगह मुआवजा देकर कर्तव्यों की इतिश्री कर लेता है। विद्युत निगम की लापरवाही ओर अव्यवस्था से आज फिर एक 28 वर्षीय युवक ने करंट से प्राण गवां दिए है। क्षेत्र के गांव देराजसर में युवा लालाराम जाट की मौत अपने कृषि कुंए पर करंट लगने से हो गई है। सोमावर अलसुबह करीब 4 बजे हुए इस हादसे में करंट की चपेट में आये लालाराम को परिजन उपचार के लिए बीकानेर ले गए। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। बता देवें कि गांव देराजसर में ही एक माह पहले गत 24 जुलाई को भी किसान गोविंद राम जाट ने करंट से प्राण गवांए थे। विद्युत विभाग किसानों और फसलों के लिए साक्षात यमराज बन गया है। क्योंकि गांव देराजसर के फीडर 2ए में तो पिछले 10 दिनों से सप्लाई बाधित है। बारिश के बिना दम तोड़ रही फसलों को बचाने के लिए किसान जुगत भिड़ाने की कोशिशो में हादसों के शिकार हो रहे हैं। यहां पर 150 वोल्टेज के साथ सप्लाई हो रही है और इस कारण कुंआ चले तो मोटर जल जाती है और ना चलाए तो फसल जल रही है। विदित रहे कि घरों में जहां सामान्य 2 से 5 एचपी का लोड होता है वहां सप्लाई 220 वोल्ट के साथ होती है। और कुंओं पर जहां 60 एचपी का लोड है वहां 150 वोल्ट के साथ हो रही बिजली सप्लाई ही हादसों की जिम्मेदार है। विद्युत विभाग से ग्रामीण 10 दिनों से वोल्टेज व लाइट पूरी देने की मांग के लिए संघर्ष कर रहें है।
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