15 March 2022 06:17 PM
जोग संजोग टाइम्स ,बीकानेर
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उईके ने प्रगति शिक्षा केंद्र परिसर में आज गोविन्दलाल वोरा की आदमकद मूर्ति के अनावरण किया। इस दौरान राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि वोरा न सिर्फ पत्रकारिता के पुरोधा थे, बल्कि सामाजिक, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी उन्होंने अपनी अमूल्य सेवाएं दी. उन्हें विषम परिस्थितियों में भी निष्पक्ष और निडर पत्रकारिता के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने युवा पत्रकारों के प्रति विश्वास जताते हुए कहा कि वोरा की पत्रकारिता से प्रेरणा लेकर वे सदा शोषित पीडि़त लोगों के अधिकारों के लिए कार्य करें।राज्यपाल ने अरुण वोरा, राजीव वोरा से कहा की मोतीलाल वोरा ने कहा था कि स्व. गोविन्दलाल वोरा की मूर्ति का अनावरण मुझसे कराएं और वे भी इसमें शामिल होंगें, आज मैंने मूर्ति का अनावरण किया तो निश्चित रूप से उनकी आत्मा को शांति मिली होगी कि उनकी इच्छा पूरी हुई।
स्वागत भाषण में राजीव वोरा ने कहा मुझे जितना भी वोरा जी के सानिध्य में काम करने का मौका मिला, जो कुछ भी उनसे सीखा उससे जीवन को सौम्यता, धीरजता के साथ आगे ले जाने की प्रेरणा लगातार मिलती है।विधायक अरुण वोरा ने कहा कि गोविन्दलाल वोरा जैसा व्यक्तित्व जो जमीन से जुड़कर मिलनसारिता, अनुशासनिक जीवन के साथ पत्रकारिता जगत में इस मुकाम पर पहुंचे. संघर्ष उनकी मौलिक पत्रकारिता का मूल आधार था। गौरीशंकर अग्रवाल ने स्व. मोतीलाल वोरा व स्व. गोविन्दलाल वोरा से जुड़े अपने संस्मरण व संबंधों को याद करते हुए कहा कि दोनों ही सरलता, सहजता तथा सज्जनता की मिसाल थे. वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैय्यर ने वोरा की समीपता और अपनी मित्रता का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि एक मायने में वे पत्रकारिता में मेरे गुरु और मार्गदर्शक थे। इस अवसर पर अब्दुल गनी,राजकुमार नारायणी,धीरज बाकलीवाल, अशोक पुरोहित, उमाशंकर व्यास, अजय तिवारी, तथा वोरा परिवार, प्रगति शिक्षा केंद्र के सदस्य, विद्यार्थी, पालकगण व पत्रकारगण उपस्थित थे। मंच पर उनके साथ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, पूर्व राज्यसभा सदस्य श्रीगोपाल व्यास, दुर्ग विधायक अरुण वोरा, वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैय्यर मौजूद थे।
जोग संजोग टाइम्स ,बीकानेर
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उईके ने प्रगति शिक्षा केंद्र परिसर में आज गोविन्दलाल वोरा की आदमकद मूर्ति के अनावरण किया। इस दौरान राज्यपाल अनुसुईया उइके ने कहा कि वोरा न सिर्फ पत्रकारिता के पुरोधा थे, बल्कि सामाजिक, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में भी उन्होंने अपनी अमूल्य सेवाएं दी. उन्हें विषम परिस्थितियों में भी निष्पक्ष और निडर पत्रकारिता के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने युवा पत्रकारों के प्रति विश्वास जताते हुए कहा कि वोरा की पत्रकारिता से प्रेरणा लेकर वे सदा शोषित पीडि़त लोगों के अधिकारों के लिए कार्य करें।राज्यपाल ने अरुण वोरा, राजीव वोरा से कहा की मोतीलाल वोरा ने कहा था कि स्व. गोविन्दलाल वोरा की मूर्ति का अनावरण मुझसे कराएं और वे भी इसमें शामिल होंगें, आज मैंने मूर्ति का अनावरण किया तो निश्चित रूप से उनकी आत्मा को शांति मिली होगी कि उनकी इच्छा पूरी हुई।
स्वागत भाषण में राजीव वोरा ने कहा मुझे जितना भी वोरा जी के सानिध्य में काम करने का मौका मिला, जो कुछ भी उनसे सीखा उससे जीवन को सौम्यता, धीरजता के साथ आगे ले जाने की प्रेरणा लगातार मिलती है।विधायक अरुण वोरा ने कहा कि गोविन्दलाल वोरा जैसा व्यक्तित्व जो जमीन से जुड़कर मिलनसारिता, अनुशासनिक जीवन के साथ पत्रकारिता जगत में इस मुकाम पर पहुंचे. संघर्ष उनकी मौलिक पत्रकारिता का मूल आधार था। गौरीशंकर अग्रवाल ने स्व. मोतीलाल वोरा व स्व. गोविन्दलाल वोरा से जुड़े अपने संस्मरण व संबंधों को याद करते हुए कहा कि दोनों ही सरलता, सहजता तथा सज्जनता की मिसाल थे. वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैय्यर ने वोरा की समीपता और अपनी मित्रता का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि एक मायने में वे पत्रकारिता में मेरे गुरु और मार्गदर्शक थे। इस अवसर पर अब्दुल गनी,राजकुमार नारायणी,धीरज बाकलीवाल, अशोक पुरोहित, उमाशंकर व्यास, अजय तिवारी, तथा वोरा परिवार, प्रगति शिक्षा केंद्र के सदस्य, विद्यार्थी, पालकगण व पत्रकारगण उपस्थित थे। मंच पर उनके साथ पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, पूर्व राज्यसभा सदस्य श्रीगोपाल व्यास, दुर्ग विधायक अरुण वोरा, वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैय्यर मौजूद थे।
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