19 January 2022 11:57 AM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार नवीन अशदायी पेशन योजना शोषण कि पराकाष्ठ भवर पुरोहित वरिष्ठ उपाध्यक्ष एकीकृत महासंघ बीकानेर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष केसर सिंह चम्पावत ने राज्य के मुख्यमंत्री श्रीमान अशोक गहलोत को पत्र लिखकर 01 जनवरी 2004के पश्चात नियुक्त कार्मिको को पुरानी पेंशन दिए जाने कि मांग कि है चम्पावत ने बताया कि कारपोरेटर पद्धति पर आधारित नवीन अंशदायी पेंशन योजना एन.पी.एस. शेयर मार्केट की तर्ज पर होने से शोषण का प्रतीक है इस कारण प्रदेश के कार्मिको में भारी आक्रोश एव असंतोष व्याप्त है एकीकृत महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भंवर पुरोहित ने कहा कि एनपीएस कार्मिकों की राजकीय सेवा के यदि 15 वर्षों के पश्चात सेवानिवृत्त होने पर मिलने वाली पेंशन की राशि मात्र ढाई से तीन हजार ही बन पाती है यह शोषण की पराकाष्ठा है । उन्होंने यह भी अवगत कराया कि एनपीएस के अंतर्गत अंशदान जहां केंद्र सरकार द्वारा कार्मिकों के 10% के साथ सरकार का अंश 14 % किया गया है वहीं राज्य सरकार द्वारा यह दर 10 % ही दी जा रही है यहां भी 4 % की कटौती कर शोषण किया जा रहा है । जब मंत्रियों, सांसदों , विधायकों आदि को पुरानी पेंशन प्रणाली के अनुसार पेंशनो का लाभ दिया जाता है तो 60 वर्ष की आयु तक राजकीय सेवा करने वाले कार्मिकों को इससे वंचित किया जाना न्यायोचित नहीं है ।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार नवीन अशदायी पेशन योजना शोषण कि पराकाष्ठ भवर पुरोहित वरिष्ठ उपाध्यक्ष एकीकृत महासंघ बीकानेर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष केसर सिंह चम्पावत ने राज्य के मुख्यमंत्री श्रीमान अशोक गहलोत को पत्र लिखकर 01 जनवरी 2004के पश्चात नियुक्त कार्मिको को पुरानी पेंशन दिए जाने कि मांग कि है चम्पावत ने बताया कि कारपोरेटर पद्धति पर आधारित नवीन अंशदायी पेंशन योजना एन.पी.एस. शेयर मार्केट की तर्ज पर होने से शोषण का प्रतीक है इस कारण प्रदेश के कार्मिको में भारी आक्रोश एव असंतोष व्याप्त है एकीकृत महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भंवर पुरोहित ने कहा कि एनपीएस कार्मिकों की राजकीय सेवा के यदि 15 वर्षों के पश्चात सेवानिवृत्त होने पर मिलने वाली पेंशन की राशि मात्र ढाई से तीन हजार ही बन पाती है यह शोषण की पराकाष्ठा है । उन्होंने यह भी अवगत कराया कि एनपीएस के अंतर्गत अंशदान जहां केंद्र सरकार द्वारा कार्मिकों के 10% के साथ सरकार का अंश 14 % किया गया है वहीं राज्य सरकार द्वारा यह दर 10 % ही दी जा रही है यहां भी 4 % की कटौती कर शोषण किया जा रहा है । जब मंत्रियों, सांसदों , विधायकों आदि को पुरानी पेंशन प्रणाली के अनुसार पेंशनो का लाभ दिया जाता है तो 60 वर्ष की आयु तक राजकीय सेवा करने वाले कार्मिकों को इससे वंचित किया जाना न्यायोचित नहीं है ।
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