29 April 2022 11:29 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
बीकानेर एक पिता को अपने पुत्र की जान बचाने के लिये रुपये होते हुए लोगो के आगे हाथ फैलाना पड़ा बैंक की भूमिका सन्दिग्ध नजर आती दिखाई दे रही आखिर देखे माजरा क्या है।
*फर्जी हस्ताक्षर करके 19 लाख 88 हजार रुपये का कर दिया बैंक ने भुगतान*एक व्यक्ति जीवन भर रूपये कमाता है।की उसके बच्चे पढ़ सके लिख सके और किसी भी समय उसके काम आ सके लेकिन आज बीकानेर की शाखा जस्सूसर गेट के अंदर एस बी आई अपने आप मे बैंकों के नमो में ब्रांड बैंक आज सुबह 11 बजे की बात है बीकानेर में जोधपुर विधुत वितरण निगम लिमिटेड से रिटायर्ड महावीर प्रसाद के बच्चे का इलाज जयपुर की दुलर्भ जी अस्पताल में चल रहा है बच्चा मौत और जिंदगी की जंग लड़ रहा है।ऐसे में जब दुर्लभ जी मे इलाज के लिये दो लाख रुपये की बात की गई तो महावीर प्रसाद सारस्वत बोले कि ठीक भिजवा रहा हु जब महावीर प्रसाद की बच्ची रिंकी बैंक पहुंची और दो लाख रुपये जयपुर ट्रांसफर करने के लिये बैंक सिस्टम के अनुसार बोला तो बैंक के कैशियर उमाशंकर सुथार ने तुरन्त महावीर प्रसाद जी की पुत्री को बोले आपके खाते में 1700 रुपये है ये सुनकर बच्ची हैरान हो गई और अपने घर पर फोन किया इतने में महावीर प्रसाद जी आये उन्होंने डायरी देखी तो उसमें रिटायरमेंट का तकरीबन 20 लाख से ऊपर रुपये जमा थे और डायरी एंट्री करवाई गई तो 19 लाख 88 हजार रुपये निकले हुए थे तब तक महावीर प्रसाद हक्के- बक्के हो गए जाने उनके पैरों तले जमीन खिसक गई जब हमारे सवांदाता से बात हुई तो महावीर प्रसाद ने बताया की वो खुद कभी भी खाते को देखते है या चेक से भी रुपये निकालते है तो बच्चो को बोलते है जब बैंक बच्चे 20 हजार रुपये भी लेने जाते है तो बैंक पहले महावीर जी के नम्बर पर बात करता और जो चेक लेकर जाता उसकी आई डी मांगता उसके बाद बैंक स्टाफ पेमेंट करता इसको लेकर जब महावीर प्रसाद जी से पुछा आपने किसी को चेक दिया है लेकिन उनका कहना भी यही था बच्चो के अलावा में कभी किसी को चेक देता ही नही और 19 लाख 88 हजार रुपये 27/4/22 को जब निकले तो ना तो बैंक ने कोई फोन किया ना कोई सूचना दी जब इस बात का पता लगा तो सी सी टीवी फुटेज चेक करने का कहा तो बैंक शाखा के मैनेजर ने कहा आप मुकदमा दर्ज कराओ जबकि ऐसी घटना पर बैंक मुकदमा दर्ज करवाता है कस्टमर कराए ना कराए बो बाद कि बात है 11 बजे बोला सी सी टीवी फुटेज के लिये जो बैंक मैनेजर ने सुबोध कौशिक बोले बुलाते है सी सी टीवी चेक करवाने के लिये जबकि एस बी आई इतनी बड़ी शाखा और टेक्निकल अधिकारी ना होना हैरानी वाली बात है जब हमारे सवांदाता ने कहा सर एक बच्चे की जिंदगी ओर मोत का सवाल है आप सी सी टी वी चेक करावे उल्टा मैनेजर मीडिया को ही बोल रहे है आप न्यूरोसेस ना फैलाये मीडिया ने जब कहा की आप सी सी टीवी फुटेज दिखाए तो सी सी टीवी फुटेज देखने के लिये बोले आप अपना मोबाइल लेकर आओ उल्टा वो भी कस्टमर को बोला जा रहा मोके पर नयाशहर पुलिश के जवान आये उन्होंने कहा दिखाए आप तब भी कस्टमर ने कहा सर्वर से दिखाए लेकिन मैनेजर ने कहा सर्वर से नही दिखा सकते ऑडिटर आये हुए है ऑडिटर से जब बोला की हम बात कर लेते है लेकिन फिर भी सर्वर से ना दिखाकर एक पेन ड्राइव में डाल कर दिखाया गया उसमे एक लड़की को कैशियर पेमेंट देते हुए बताया जा रहा है और लड़की का चेहरा बिल्कुल ढका हुआ नजर आ रहा है। जिसकी पहचान कस्टमर कय्या बैंक के कार्मिक भी नही कर पा रहे है।मैनेजर कौशिक से जब पूछा आपका क्या कहना है तो बोले में कुछ नही कह सकता हायर ऑथरिटी के बगेर पूछे नम्बर मांगे हायर ऑथराइज्ड के तो वो भी नही थे बैंक में काफी कस्टमरों ने इस बात का विरोध भी किया कि आज इसके साथ हुआ है कल किसी ओर के साथ होगा आप बैंक की बात को बाहर ना ले जाये क्यो ना ले जाये कस्टमरों ने भी नाराजगी जाहिर की अभी भी बैंक मैनेजर से बार बार पूछा जा रहा एंटर ओर निकलने का समय बताये लेकिन नही बता रहे खबर लिखे जाने तक बैंक द्वरा कोई भी कारवाई नही की जा रही कस्टमर को मैनेजर कौशिक एव कैशियर उमाशंकर सुथार द्वरा गुमराह किया जा रहा है खबर लिखे जाने तक पुलिश ने एक प्रर्थना पत्र मांगा फिर भी बैंक द्वरा अभी तक कोई सन्तोष जनक जवाब नही दिया गया महावीर प्रसाद जी ने बताया लोगो के आगे मुझे हाथ फैलाने पड़े बच्चे के इलाज के लिये रिस्तेदारो से रुपये भिजवाये अगर समय पर रुपये ना भेजे जाते तो पता नही क्या होता मेंनजर साहब सी सी टी वी फुटेज आप भी नही देख सकते अगर बैंक के केश में गड़बड़ हो जाये तो मैनेजर का जवाब मोन्नमैनेजर साहब सभी बैंक ऐसे ही दिखाते है जवाब मोन्न आपने एच ओ डी के नम्बर देवे मोन्नआपके नम्बर देवे में मीडिया में नम्बर नही दे सकताकैशियर साहब आपके नम्बर मैनेजर साहब से लेवे वो नही दे रहे तो में भी नही दे सकता,
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
बीकानेर एक पिता को अपने पुत्र की जान बचाने के लिये रुपये होते हुए लोगो के आगे हाथ फैलाना पड़ा बैंक की भूमिका सन्दिग्ध नजर आती दिखाई दे रही आखिर देखे माजरा क्या है।
फर्जी हस्ताक्षर करके 19 लाख 88 हजार रुपये का कर दिया बैंक ने भुगतान
एक व्यक्ति जीवन भर रूपये कमाता है।की उसके बच्चे पढ़ सके लिख सके और किसी भी समय उसके काम आ सके लेकिन आज बीकानेर की शाखा जस्सूसर गेट के अंदर एस बी आई अपने आप मे बैंकों के नमो में ब्रांड बैंक आज सुबह 11 बजे की बात है बीकानेर में जोधपुर विधुत वितरण निगम लिमिटेड से रिटायर्ड महावीर प्रसाद के बच्चे का इलाज जयपुर की दुलर्भ जी अस्पताल में चल रहा है बच्चा मौत और जिंदगी की जंग लड़ रहा है।ऐसे में जब दुर्लभ जी मे इलाज के लिये दो लाख रुपये की बात की गई तो महावीर प्रसाद सारस्वत बोले कि ठीक भिजवा रहा हु जब महावीर प्रसाद की बच्ची रिंकी बैंक पहुंची और दो लाख रुपये जयपुर ट्रांसफर करने के लिये बैंक सिस्टम के अनुसार बोला तो बैंक के कैशियर उमाशंकर सुथार ने तुरन्त महावीर प्रसाद जी की पुत्री को बोले आपके खाते में 1700 रुपये है ये सुनकर बच्ची हैरान हो गई और अपने घर पर फोन किया इतने में महावीर प्रसाद जी आये उन्होंने डायरी देखी तो उसमें रिटायरमेंट का तकरीबन 20 लाख से ऊपर रुपये जमा थे और डायरी एंट्री करवाई गई तो 19 लाख 88 हजार रुपये निकले हुए थे तब तक महावीर प्रसाद हक्के- बक्के हो गए जाने उनके पैरों तले जमीन खिसक गई जब हमारे सवांदाता से बात हुई तो महावीर प्रसाद ने बताया की वो खुद कभी भी खाते को देखते है या चेक से भी रुपये निकालते है तो बच्चो को बोलते है जब बैंक बच्चे 20 हजार रुपये भी लेने जाते है तो बैंक पहले महावीर जी के नम्बर पर बात करता और जो चेक लेकर जाता उसकी आई डी मांगता उसके बाद बैंक स्टाफ पेमेंट करता इसको लेकर जब महावीर प्रसाद जी से पुछा आपने किसी को चेक दिया है लेकिन उनका कहना भी यही था बच्चो के अलावा में कभी किसी को चेक देता ही नही और 19 लाख 88 हजार रुपये 27/4/22 को जब निकले तो ना तो बैंक ने कोई फोन किया ना कोई सूचना दी जब इस बात का पता लगा तो सी सी टीवी फुटेज चेक करने का कहा तो बैंक शाखा के मैनेजर ने कहा आप मुकदमा दर्ज कराओ जबकि ऐसी घटना पर बैंक मुकदमा दर्ज करवाता है कस्टमर कराए ना कराए बो बाद कि बात है 11 बजे बोला सी सी टीवी फुटेज के लिये जो बैंक मैनेजर ने सुबोध कौशिक बोले बुलाते है सी सी टीवी चेक करवाने के लिये जबकि एस बी आई इतनी बड़ी शाखा और टेक्निकल अधिकारी ना होना हैरानी वाली बात है जब हमारे सवांदाता ने कहा सर एक बच्चे की जिंदगी ओर मोत का सवाल है आप सी सी टी वी चेक करावे उल्टा मैनेजर मीडिया को ही बोल रहे है आप न्यूरोसेस ना फैलाये मीडिया ने जब कहा की आप सी सी टीवी फुटेज दिखाए तो सी सी टीवी फुटेज देखने के लिये बोले आप अपना मोबाइल लेकर आओ उल्टा वो भी कस्टमर को बोला जा रहा मोके पर नयाशहर पुलिश के जवान आये उन्होंने कहा दिखाए आप तब भी कस्टमर ने कहा सर्वर से दिखाए लेकिन मैनेजर ने कहा सर्वर से नही दिखा सकते ऑडिटर आये हुए है ऑडिटर से जब बोला की हम बात कर लेते है लेकिन फिर भी सर्वर से ना दिखाकर एक पेन ड्राइव में डाल कर दिखाया गया उसमे एक लड़की को कैशियर पेमेंट देते हुए बताया जा रहा है और लड़की का चेहरा बिल्कुल ढका हुआ नजर आ रहा है। जिसकी पहचान कस्टमर कय्या बैंक के कार्मिक भी नही कर पा रहे है।मैनेजर कौशिक से जब पूछा आपका क्या कहना है तो बोले में कुछ नही कह सकता हायर ऑथरिटी के बगेर पूछे नम्बर मांगे हायर ऑथराइज्ड के तो वो भी नही थे बैंक में काफी कस्टमरों ने इस बात का विरोध भी किया कि आज इसके साथ हुआ है कल किसी ओर के साथ होगा आप बैंक की बात को बाहर ना ले जाये क्यो ना ले जाये कस्टमरों ने भी नाराजगी जाहिर की अभी भी बैंक मैनेजर से बार बार पूछा जा रहा एंटर ओर निकलने का समय बताये लेकिन नही बता रहे खबर लिखे जाने तक बैंक द्वरा कोई भी कारवाई नही की जा रही कस्टमर को मैनेजर कौशिक एव कैशियर उमाशंकर सुथार द्वरा गुमराह किया जा रहा है खबर लिखे जाने तक पुलिश ने एक प्रर्थना पत्र मांगा फिर भी बैंक द्वरा अभी तक कोई सन्तोष जनक जवाब नही दिया गया महावीर प्रसाद जी ने बताया लोगो के आगे मुझे हाथ फैलाने पड़े बच्चे के इलाज के लिये रिस्तेदारो से रुपये भिजवाये अगर समय पर रुपये ना भेजे जाते तो पता नही क्या होता मेंनजर साहब सी सी टी वी फुटेज आप भी नही देख सकते अगर बैंक के केश में गड़बड़ हो जाये तो मैनेजर का जवाब मोन्नमैनेजर साहब सभी बैंक ऐसे ही दिखाते है जवाब मोन्न आपने एच ओ डी के नम्बर देवे मोन्नआपके नम्बर देवे में मीडिया में नम्बर नही दे सकताकैशियर साहब आपके नम्बर मैनेजर साहब से लेवे वो नही दे रहे तो में भी नही दे सकता,
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