06 March 2022 12:55 PM

जोग संजोग टाइम्स ,बीकानेर
देर रात यूक्रेन से 47 जने पहुंचे पाली:बोले; सायरन तो कभी एयरक्रॉफ्ट की आवाज सून दिल कांप उठता था, हर समय डर रहता था कहीं हमारी बिल्डिंग पर न गिर जाए बम
पाली शहर के ट्रांसपोर्ट नगर ओवरब्रिज के निकट स्थित हाइवे रसोई रेस्टारेंट के बाहर भारत माता के जैकारे लगाते हुए स्टूडेंट।
यूक्रेन से 47 जने इंडियन काग्रो फ्लाइट से सकुशल इंडिया पहुंचे। जो गाजियाबाद उतरे। यहां से आगे का सफर बस से तय करते हुए शनिवार देर रात को पाली पहुंचे। उनकी बस पाली सिटी के ट्रांसपोर्ट नगर अंडरब्रिज के पास हाइवे पर बनी हाइवे रसोई रेस्टारेंट पर खाना खाने रूकी। वहां के हालात कैसे थे। उन्होंने वहां कैसे दिन गुजराते, किस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा। अब घर जाते हुए कैसा लग रहा हैं। इसको लेकर बातचीत की तो कई जने तो बोल पड़े कि अभी तक के जीवन की सबसे कड़वी यादों में से एक हैं। जिसे वे भूलना चाहते हैं। बोले कि यूक्रेन में जो दिन बीते हैं उन्हें याद करते ही डर लगता हैं। कभी खतरा होने के सायरन बजते तो कभी एयरक्रॉफ्ट तो कभी बम धमाके की आवाज सून दिल कांप उठता था। खुशी हैं कि सकुशल इंडिया पहुंच गए ओर अब घर जा रहे हैं। बस में 40 स्टूडेंट थे जो यूक्रेन में एमबीबीएस कर रहे थे तथा 07 जने वर्क परमिट पर वहां रह रहे थे। सभी गुजरात के रहने वाले हैं। यहां उन्होंने भारत सरकार की सराहना की तथा भारत माता के जैकारे लगाएं।
पाली में रेस्टारेंट पर बस रूकने पर खाना खाने के बाद आराम करते कुछ स्टूडेंट।
पाली में रेस्टारेंट पर बस रूकने पर खाना खाने के बाद आराम करते कुछ स्टूडेंट।
स्टूडेंट ने कुछ यह बताए यूक्रेन के हाल व अपनी परेशानी
गुजरात के कच्छ के रहने वाले 23 वर्षीय प्रियकांत पुत्र शिवजी भाई ने बताया कि वे यूक्रेन में खारकीव में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे। उनका पांचवा साल चल रहा था। रूस से उनके शहर का बॉर्डर महज 35 किलोमीटर का था। ऐसे में यहां हालत अन्य शहरों से ज्यादा खराब थे। रूस की फायरिंग रेंज में था। पहले तो रूस ने यूक्रेन के मिलर्टी एरिया, हाइवे, हवाई पट्टी को निशाना बनाया। लेकिन बाद में रहवासी इलाको को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया। उनकी यूनिविसिटी को भी नुकसान पहुंचा। जिस फ्लेट में रहते थे उसे भी नुकसान पहुंचा। हालात ज्यादा खराब हुए तो ट्रेन से लिव आए वहां से पौलेंड आए। यहां रहने वाले इंडियन ने उनके खाने-पीने की व्यवस्था की। यहां से इंडिया की कार्गो फ्लाइट से गाजियाबाद पहुंचे। जहां हमें अपने राज्य की बस मिली। उसमें बैठकर अब गुजरात जा रहे हैं। सच कहे पिछले कुछ दिन काफी मुशिकल से बीत। गुजरात कच्छ के ही रहने वाले 22 वर्षीय निलेश पुत्र शिवजी भाई ने बताया कि यूक्रेन के खारकीव में एबीबीएस की 5वें एयर में पढ़ता था। खारकीव रूस के फायरिंग रेंज में था। रूस के हमले से यहां काफी नुकसान पहुंचा। पूरा शहर खंडहर में बदल गया। ज्यादातर स्टूडेंट खारकीव में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले थे। यूक्रेन से लौटे दर्शित ठाकुर ने बताया कि उनके घर से कुछ ही दूरी पर बम गिर रहे थे। रूस ने बाद में रहवासी इलाकों को टारगेट किया। जिससे काफी डर गए थे। पिछले कुछ दिनों में कभी सायरन व बम धमाकों की आवाज सून-सूनकर डर सा लगता था कि घर जा सकेंगे या नहीं। भारत सरकार का धन्यवाद कि उन्हें अब घर तक पहुंचा रहे हैं। कुछ ऐसी ही हालत यूक्रेन से लौटे दर्शन पटेल, विजय, सुमित, रिव आदि ने बताए।
पाली के ट्रांसपोर्ट नगर के निकट हाइवे पर हाइवे रसोई रेस्टोरेंट पर खाना खाते यूक्रेन से आए स्टूडेंट।
पाली के ट्रांसपोर्ट नगर के निकट हाइवे पर हाइवे रसोई रेस्टोरेंट पर खाना खाते यूक्रेन से आए स्टूडेंट।
बस में कुल 47 जने पहुंचे इंडिया
दर्शित ठाकुर पुत्र निलेश ठाकुर, दर्शन पटेल पुत्र मुकेश भाई, विजय पुत्र कांतिभाई, रवि पुत्र किशोर भाई सूरत, कुश शर्मा, निलेश पुत्र शिवजी भाई, पार्थ पटेल लुणावाड़ा, प्रियकांत कच्छ गुजरात, अक्षय कुमार अहदाबाद, प्रवीण चौधरी बनसाकांठा, केतन पुत्र दिनेश भाई सहित 40 स्टूडेंट व 07 अन्य जने बस में सवार थे।
जोग संजोग टाइम्स ,बीकानेर
देर रात यूक्रेन से 47 जने पहुंचे पाली:बोले; सायरन तो कभी एयरक्रॉफ्ट की आवाज सून दिल कांप उठता था, हर समय डर रहता था कहीं हमारी बिल्डिंग पर न गिर जाए बम
पाली शहर के ट्रांसपोर्ट नगर ओवरब्रिज के निकट स्थित हाइवे रसोई रेस्टारेंट के बाहर भारत माता के जैकारे लगाते हुए स्टूडेंट।
यूक्रेन से 47 जने इंडियन काग्रो फ्लाइट से सकुशल इंडिया पहुंचे। जो गाजियाबाद उतरे। यहां से आगे का सफर बस से तय करते हुए शनिवार देर रात को पाली पहुंचे। उनकी बस पाली सिटी के ट्रांसपोर्ट नगर अंडरब्रिज के पास हाइवे पर बनी हाइवे रसोई रेस्टारेंट पर खाना खाने रूकी। वहां के हालात कैसे थे। उन्होंने वहां कैसे दिन गुजराते, किस तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा। अब घर जाते हुए कैसा लग रहा हैं। इसको लेकर बातचीत की तो कई जने तो बोल पड़े कि अभी तक के जीवन की सबसे कड़वी यादों में से एक हैं। जिसे वे भूलना चाहते हैं। बोले कि यूक्रेन में जो दिन बीते हैं उन्हें याद करते ही डर लगता हैं। कभी खतरा होने के सायरन बजते तो कभी एयरक्रॉफ्ट तो कभी बम धमाके की आवाज सून दिल कांप उठता था। खुशी हैं कि सकुशल इंडिया पहुंच गए ओर अब घर जा रहे हैं। बस में 40 स्टूडेंट थे जो यूक्रेन में एमबीबीएस कर रहे थे तथा 07 जने वर्क परमिट पर वहां रह रहे थे। सभी गुजरात के रहने वाले हैं। यहां उन्होंने भारत सरकार की सराहना की तथा भारत माता के जैकारे लगाएं।
पाली में रेस्टारेंट पर बस रूकने पर खाना खाने के बाद आराम करते कुछ स्टूडेंट।
पाली में रेस्टारेंट पर बस रूकने पर खाना खाने के बाद आराम करते कुछ स्टूडेंट।
स्टूडेंट ने कुछ यह बताए यूक्रेन के हाल व अपनी परेशानी
गुजरात के कच्छ के रहने वाले 23 वर्षीय प्रियकांत पुत्र शिवजी भाई ने बताया कि वे यूक्रेन में खारकीव में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे। उनका पांचवा साल चल रहा था। रूस से उनके शहर का बॉर्डर महज 35 किलोमीटर का था। ऐसे में यहां हालत अन्य शहरों से ज्यादा खराब थे। रूस की फायरिंग रेंज में था। पहले तो रूस ने यूक्रेन के मिलर्टी एरिया, हाइवे, हवाई पट्टी को निशाना बनाया। लेकिन बाद में रहवासी इलाको को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया। उनकी यूनिविसिटी को भी नुकसान पहुंचा। जिस फ्लेट में रहते थे उसे भी नुकसान पहुंचा। हालात ज्यादा खराब हुए तो ट्रेन से लिव आए वहां से पौलेंड आए। यहां रहने वाले इंडियन ने उनके खाने-पीने की व्यवस्था की। यहां से इंडिया की कार्गो फ्लाइट से गाजियाबाद पहुंचे। जहां हमें अपने राज्य की बस मिली। उसमें बैठकर अब गुजरात जा रहे हैं। सच कहे पिछले कुछ दिन काफी मुशिकल से बीत। गुजरात कच्छ के ही रहने वाले 22 वर्षीय निलेश पुत्र शिवजी भाई ने बताया कि यूक्रेन के खारकीव में एबीबीएस की 5वें एयर में पढ़ता था। खारकीव रूस के फायरिंग रेंज में था। रूस के हमले से यहां काफी नुकसान पहुंचा। पूरा शहर खंडहर में बदल गया। ज्यादातर स्टूडेंट खारकीव में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले थे। यूक्रेन से लौटे दर्शित ठाकुर ने बताया कि उनके घर से कुछ ही दूरी पर बम गिर रहे थे। रूस ने बाद में रहवासी इलाकों को टारगेट किया। जिससे काफी डर गए थे। पिछले कुछ दिनों में कभी सायरन व बम धमाकों की आवाज सून-सूनकर डर सा लगता था कि घर जा सकेंगे या नहीं। भारत सरकार का धन्यवाद कि उन्हें अब घर तक पहुंचा रहे हैं। कुछ ऐसी ही हालत यूक्रेन से लौटे दर्शन पटेल, विजय, सुमित, रिव आदि ने बताए।
पाली के ट्रांसपोर्ट नगर के निकट हाइवे पर हाइवे रसोई रेस्टोरेंट पर खाना खाते यूक्रेन से आए स्टूडेंट।
पाली के ट्रांसपोर्ट नगर के निकट हाइवे पर हाइवे रसोई रेस्टोरेंट पर खाना खाते यूक्रेन से आए स्टूडेंट।
बस में कुल 47 जने पहुंचे इंडिया
दर्शित ठाकुर पुत्र निलेश ठाकुर, दर्शन पटेल पुत्र मुकेश भाई, विजय पुत्र कांतिभाई, रवि पुत्र किशोर भाई सूरत, कुश शर्मा, निलेश पुत्र शिवजी भाई, पार्थ पटेल लुणावाड़ा, प्रियकांत कच्छ गुजरात, अक्षय कुमार अहदाबाद, प्रवीण चौधरी बनसाकांठा, केतन पुत्र दिनेश भाई सहित 40 स्टूडेंट व 07 अन्य जने बस में सवार थे।
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