17 June 2024 06:46 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
बीकानेर। जिले के नोखा के जसरासर थाना क्षेत्र में पुलिस व पीडि़तों के बीच हाथपाई का विडियो सामने आया है। जिसमें कभी थानाधिकारी तो कभी पीडि़त पक्ष आपस में एक दूसरे से मारपीट करते नजर आ रहे है। हालांकि इसको लेकर दोनों ही पक्षों के अपने अपने तर्क है। किन्तु विडियो में पीडि़त पक्ष भी थानाधिकारी की कॉलर व गला पकड़ते दिखाई दे रहा है तो थानाधिकारी भी कॉलर पकडऩे वाले शख्स का गला दबोचते देखे जा सकते है। इतना ही नहीं थानाधिकारी वृद्व महिला का हाथ भी मरोड़ते विडियो में दिख रहे है। ऐसे में सोशल मीडिया में अलग अलग तरह की बहस भी छिड़ी हुई है। पुलिस ने इस मामले में एक महिला सहित पांच जनों को डिटेन कर उनके विरूद्व धारा 332,353 व3 पीडीपीपी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि पुलिस जहां पीडि़त पक्ष की ओर से जबरदस्ती तारबंदी करने की बात कह रही है तो वहीं पीडि़त मूलाराम का दावा है कि यह जमीन उनकी है। पुलिस ने जबरन इस पर तारबंदी कर रखी थी। बताया जा रहा है कि पीडि़त पक्ष की ओर से पूर्व में ही थानाधिकारी की शिकायत उच्चाधिकारियों को कर रखी है। इस प्रकरण को लेकर प्रार्थी मूलाराम ने राजस्थान उच्च न्यायालय में वाद भी दायर कर रखा है। जिस पर मूलाराम को कोर्ट को यथास्थिति का आदेश भी दे रखा है।
ये है पूरा मामला
जानकारी मिली है कि जो भूमि थाने के लिये आवंटित की गई है। उसका पट्टा भी संदेह के घेरे में है और पट्टे को लेकर अनेक सवाल खड़े हुए है। बताया जा रहा है कि सरपच रामनिवास तर्ड की ओर से आनन फानन में 20 अगस्त 23 को पट्टा जारी कर दिया। लेकिन जिस भूखंड का पट्टा थाने के लिये जारी किया गया है वह स्थानीय निवासी मूलाराम की है। जिसका बैयनामा राजस्थान पंचायत अधिनियम एक्ट के तहत 1960 में बना हुआ है। इसको लेकर मूला राम तर्ड ने विकास अधिकारी नोखा को शिकायती पत्र देकर उनकी पुश्तैनी भूमि पर गैर क ानूनी रू प से ग्राम पंचायत जसरासर सरपंच रामनिवास तर्ड,ग्राम सेवक बजरंगलाल तर्ड द्वारा जारी पट्टे को निरस्त करने की मांग की। जिसके बाद एक चार सदस्यों की कमेटी बनाकर मामले की जांच के आदेश दिए गये।
शिकायत के बाद बनी जांच कमेटी
परिवादी की ओर से जब पंचायत समिति नोखा के विकास अधिकारी को इसकी शिकायत दर्ज करवाई गई तो नोखा पंचायत समिति के ततकालीन विकास अधिकारी ने 23 मई 2024 को चार सहायक विकास अधिकारियों की कमेटी का गठन कर इसकी रिपोर्ट देने के आदेश दिए। इस कमेटी में सहायक विकास अधिकारी रमेश दाधीच,दशरथ सिह,गोपालदान,शिवनारायण विश्रोई शामिल रहे। जिन्होंने परिवादी के जमीन के पडोसियों के बयानों व मौका स्थल का मुआयना कर अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि पंचायत समिति जसरासर ने आनन फानन में पट्टा बनाया है। जिसमें न तो पडोसियों के बयान लिये गये और न ही नियमानुसार प्रक्रिया को अपनाया गया। ग्राम पंचायत द्वारा जो की इंच पैमाना का माप दिया गया है,उसके अनुसार जारी किये गये पट्टे के माप में अंतर होने के कारण संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। चारों सहायक विकास अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अगर पूर्ण प्रक्रिया को अपनाया जाता तो मूलाराम के कुटुम्ब में जितने परिवार पीढिय़ों से निवास करते आ रहे है। उनका प्राथमिकता के आधार पर न्यूनतम आवश्यकता के आधार पर भूमि आंवटित होने के बाद अगर शेष भूमि रहती तो किसी अन्य व्यक्ति या संस्था को आंवटित की जा सकती थी। ग्राम पंचायत की ओर से पुलिस थाना को आवंटित 11046.21 वर्ग गज की विस्तृत भूमि ओर इसका आकार ओर दक्षिण की तरफ झूठे बताये गये रास्ते पर बने मकान के बावजूद मकान न होने के तथ्य पट्टे की सत्यता पर सवालिया निशान उठाते है।
प्रार्थी ने उच्च न्यायालय में लगाई रिट
इस मामले को लेकर 64 वर्षीय मूलाराम ने राजस्थान उच्च न्यायालय में वाद दायर किया। जिसमें पंचायत राज सचिव,जिला कलक्टर बीकानेर,विकास अधिकारी नोखा,ग्राम पंचायत जसरासर सरपंच तथा नोखा तहसीलदार को जबाबदेही बनाते हुए जांच के आदेश दिए है।
नियमानुसार जारी नहीं हुआ पट्टा
शिकायतकर्ता मूलाराम का कहना है कि ग्राम पंचायत ने जो पट्टा जारी किया है। उसमें राजस्थान पंचायतीराज अधिनियमों की उपेक्षा की गई है। नियमानुसार पालिका अधिनियमों के तहत किसी भी प्रकार का पट्टा जारी करने से पहले आपति विज्ञापन पंजीकृत दैनिक समाचार पत्र में साया करना आवश्यक है। जिसमें किसी प्रकार की आपति आने पर उसका निस्तारण भी जरूरी है। साथ ही इसके लिये संबंधित भूमि का मौका मुआयना कर आस पडोस के निवासियों के कलमबद्व बयान भी आवश्यक है। साथ ही आपति नोटिस भी चस्पा किया जाना जरूरी है। किन्तु ग्राम पंचायत स्तर पर ऐसा कुछ नहीं किया गया। शिकायतकर्ता ने बताया कि थानाधिकारी संदीप उन्हें व उनके परिजनों को डरा धमका रहे है।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
बीकानेर। जिले के नोखा के जसरासर थाना क्षेत्र में पुलिस व पीडि़तों के बीच हाथपाई का विडियो सामने आया है। जिसमें कभी थानाधिकारी तो कभी पीडि़त पक्ष आपस में एक दूसरे से मारपीट करते नजर आ रहे है। हालांकि इसको लेकर दोनों ही पक्षों के अपने अपने तर्क है। किन्तु विडियो में पीडि़त पक्ष भी थानाधिकारी की कॉलर व गला पकड़ते दिखाई दे रहा है तो थानाधिकारी भी कॉलर पकडऩे वाले शख्स का गला दबोचते देखे जा सकते है। इतना ही नहीं थानाधिकारी वृद्व महिला का हाथ भी मरोड़ते विडियो में दिख रहे है। ऐसे में सोशल मीडिया में अलग अलग तरह की बहस भी छिड़ी हुई है। पुलिस ने इस मामले में एक महिला सहित पांच जनों को डिटेन कर उनके विरूद्व धारा 332,353 व3 पीडीपीपी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि पुलिस जहां पीडि़त पक्ष की ओर से जबरदस्ती तारबंदी करने की बात कह रही है तो वहीं पीडि़त मूलाराम का दावा है कि यह जमीन उनकी है। पुलिस ने जबरन इस पर तारबंदी कर रखी थी। बताया जा रहा है कि पीडि़त पक्ष की ओर से पूर्व में ही थानाधिकारी की शिकायत उच्चाधिकारियों को कर रखी है। इस प्रकरण को लेकर प्रार्थी मूलाराम ने राजस्थान उच्च न्यायालय में वाद भी दायर कर रखा है। जिस पर मूलाराम को कोर्ट को यथास्थिति का आदेश भी दे रखा है।
ये है पूरा मामला
जानकारी मिली है कि जो भूमि थाने के लिये आवंटित की गई है। उसका पट्टा भी संदेह के घेरे में है और पट्टे को लेकर अनेक सवाल खड़े हुए है। बताया जा रहा है कि सरपच रामनिवास तर्ड की ओर से आनन फानन में 20 अगस्त 23 को पट्टा जारी कर दिया। लेकिन जिस भूखंड का पट्टा थाने के लिये जारी किया गया है वह स्थानीय निवासी मूलाराम की है। जिसका बैयनामा राजस्थान पंचायत अधिनियम एक्ट के तहत 1960 में बना हुआ है। इसको लेकर मूला राम तर्ड ने विकास अधिकारी नोखा को शिकायती पत्र देकर उनकी पुश्तैनी भूमि पर गैर क ानूनी रू प से ग्राम पंचायत जसरासर सरपंच रामनिवास तर्ड,ग्राम सेवक बजरंगलाल तर्ड द्वारा जारी पट्टे को निरस्त करने की मांग की। जिसके बाद एक चार सदस्यों की कमेटी बनाकर मामले की जांच के आदेश दिए गये।
शिकायत के बाद बनी जांच कमेटी
परिवादी की ओर से जब पंचायत समिति नोखा के विकास अधिकारी को इसकी शिकायत दर्ज करवाई गई तो नोखा पंचायत समिति के ततकालीन विकास अधिकारी ने 23 मई 2024 को चार सहायक विकास अधिकारियों की कमेटी का गठन कर इसकी रिपोर्ट देने के आदेश दिए। इस कमेटी में सहायक विकास अधिकारी रमेश दाधीच,दशरथ सिह,गोपालदान,शिवनारायण विश्रोई शामिल रहे। जिन्होंने परिवादी के जमीन के पडोसियों के बयानों व मौका स्थल का मुआयना कर अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि पंचायत समिति जसरासर ने आनन फानन में पट्टा बनाया है। जिसमें न तो पडोसियों के बयान लिये गये और न ही नियमानुसार प्रक्रिया को अपनाया गया। ग्राम पंचायत द्वारा जो की इंच पैमाना का माप दिया गया है,उसके अनुसार जारी किये गये पट्टे के माप में अंतर होने के कारण संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। चारों सहायक विकास अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अगर पूर्ण प्रक्रिया को अपनाया जाता तो मूलाराम के कुटुम्ब में जितने परिवार पीढिय़ों से निवास करते आ रहे है। उनका प्राथमिकता के आधार पर न्यूनतम आवश्यकता के आधार पर भूमि आंवटित होने के बाद अगर शेष भूमि रहती तो किसी अन्य व्यक्ति या संस्था को आंवटित की जा सकती थी। ग्राम पंचायत की ओर से पुलिस थाना को आवंटित 11046.21 वर्ग गज की विस्तृत भूमि ओर इसका आकार ओर दक्षिण की तरफ झूठे बताये गये रास्ते पर बने मकान के बावजूद मकान न होने के तथ्य पट्टे की सत्यता पर सवालिया निशान उठाते है।
प्रार्थी ने उच्च न्यायालय में लगाई रिट
इस मामले को लेकर 64 वर्षीय मूलाराम ने राजस्थान उच्च न्यायालय में वाद दायर किया। जिसमें पंचायत राज सचिव,जिला कलक्टर बीकानेर,विकास अधिकारी नोखा,ग्राम पंचायत जसरासर सरपंच तथा नोखा तहसीलदार को जबाबदेही बनाते हुए जांच के आदेश दिए है।
नियमानुसार जारी नहीं हुआ पट्टा
शिकायतकर्ता मूलाराम का कहना है कि ग्राम पंचायत ने जो पट्टा जारी किया है। उसमें राजस्थान पंचायतीराज अधिनियमों की उपेक्षा की गई है। नियमानुसार पालिका अधिनियमों के तहत किसी भी प्रकार का पट्टा जारी करने से पहले आपति विज्ञापन पंजीकृत दैनिक समाचार पत्र में साया करना आवश्यक है। जिसमें किसी प्रकार की आपति आने पर उसका निस्तारण भी जरूरी है। साथ ही इसके लिये संबंधित भूमि का मौका मुआयना कर आस पडोस के निवासियों के कलमबद्व बयान भी आवश्यक है। साथ ही आपति नोटिस भी चस्पा किया जाना जरूरी है। किन्तु ग्राम पंचायत स्तर पर ऐसा कुछ नहीं किया गया। शिकायतकर्ता ने बताया कि थानाधिकारी संदीप उन्हें व उनके परिजनों को डरा धमका रहे है।
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11 November 2022 12:46 PM
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