17 May 2024 02:34 PM
बीकानेर संभाग में चारों ओर अभी चोरों का ही बोल बोला है कभी घरों में, चोरी कभी चैन स्केचिंग, कभी बाइक चोरी ,कहीं विद्यार्थियों के पेपर चोरी, कहीं बड़ी गाड़ियां चोरी ,कभी ऑनलाइन चोरी, अब तो भगवान भी सुरक्षित नहीं अर्थात मंदिरों में भी चोरी,आखिर इन चोरियों के जिम्मेदार किसे माने ? जनता को । कि उनकी लापरवाही से चोरी होती है। आम जनता का जवाब नकारात्मक ही होगा क्योंकि जनता पुलिस पर सबसे अधिक विश्वास करती है, जनता सीएलजी मेंबर बनकर चोरों की गुप्त सूचनाएं भी देती है, जनता अपने घरों व घरों के बाहर कैमरे लगाकर पुलिस को फुटेज भी प्रदान करती है ,व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों के आगे कैमरे लगाकर हर अपराधिक गतिविधि की सूचना या सहयोग प्रदान करते है ताकि अपराधी पकड़े जा सके ।इसमें लापरवाही जनता की नहीं पुलिस की सबसे ज्यादा रहती है पुलिस के नाक के नीचे से चोरियां होती है पुलिसकुछ नहीं कर पाती संभाग के सबसे बड़े अस्पताल पीबीएम में आए दिन बाइकों की चोरियां होती है चोर कैमरा में कैद भी हो जाते हैं लेकिन पुलिस उन्हें पकड़ने में नाकाम रहती है बीकानेर के बड़े मॉल, कोर्ट परिसर, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, रतन बिहारी पार्क ,पब्लिक पार्क व सभी सार्वजनिक स्थानों से आए दिन अलग-अलग प्रकार की चोरियां की सूचना मिलती है लेकिन पुलिस इन्हें पकड़ने में हमेशा नाकाम रहती है इस नाकामी का प्रतिशत देखा जाए तो 90% से ऊपर होता है कई लोग तो अपनी चोरी की रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करवाते कुछ चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवाने जाते हैं तो उनकी रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करते उन्हें झूठा कह देते हैं । यदि एक दो केसों में सफलता मिल भी जाती है तो पुलिस उनका श्रेय प्राप्त करने के लिए चोरों को नकाब पहना कर उनके साथ फोटो खिंचवाना इनकी फितरत बन गया है और स्वयं ही अपनी पीठ थपथपाते हैं जबकि वास्तविकता में हजारों में एक दो चोरी में चोर आपस मे लड़कर या जनता की पैनी नजर से उनकी सूचना पुलिस को मिलने पर ही पुलिस उन्हें पकड़ पाती है पुलिस अपनी नाकामी छुपाने के लिए सोशल मीडिया व प्रिंट मीडिया में चोरी के पर्दाफाश की रिपोर्ट छपवाते हैं पुलिस का यही रवैया रहा तो आम जनता का भरोसा पुलिस से उठ जाएगा । अब जनता किस पर विश्वास करें किसे अपनी शिकायत करें यदि पुलिस अपने दायित्व का निर्वहन अच्छी तरह से करें, चोरों के वीडियो फुटेज के आधार पर तुरंत कार्रवाई करें, बाइक चोरी करने व खरीदने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें तो पुलिस का विश्वास बढ़ेगा अधिकांश पुलिस, "बाइक "चोर से बरामद करती है तो क्या सारी बाइके चोर अपने घर पर रखने के लिए चोरी करता था। कभी बाइक खरीदने वाला क्यों नहीं पकड़ा जाता जब चोरी की बाइको के खरीदार ही खत्म हो जाएंगे तो चोरियों पर काफी अंकुश लगेगा । वीडियो फुटेज के आधार पर तत्काल कार्रवाई करें चोर पकड़े जाने पर उनसे सामान बरामद कर फिर मालीक को बुलाकर चोरी का मुकदमा दर्ज करने की बजाय पहले मुकदमा दर्ज कर चोर पकड़े ताकि जनता का विश्वास जीत सके। आर्म एक्ट मे पकड़े जाने वालों में पुलिस की घिसी पिटी भाषा में "पुलिस गाड़ी गश्त के दौरान एक व्यक्ति पुलिस को देखकर भागने लगा तो गस्त दल ने उसे पकड़ा और उसेसे अवैध हथियार बरामद किया" जबकि ऐसा हुआ ही नहीं होता केवल मुखबिर की सूचना पर कि अमुक व्यक्ति के पास हथियार हैं तो पुलिस उसे विश्वास में बुलाकर उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट का मामला बना देती है और हथियार कहां से आया, किसने सप्लाई की, इस बारे में किसी अन्य को मुलजिम नहीं बनाते ।केवल इतना ही बता कर इतिश्री कर लेते हैं कि हथियार चलते हाईवे से ट्रक से खरीदा था यह पुलिस की कार्यवाही नहीं नाकामी है संवाददाता विनोद भाटी की रिपोर्ट जोगसंजोग टाइम्स बीकानेर
जनता इंतजार करती इन सवालों के जवाबों का
1 पीबीएम अस्पताल में चैन स्केचिंग के कई मामलों के फुटेज होने के बावजूद भी चोर क्यों नहीं पकड़े जा सके ?
2 कैमरों के सामने से बाइक चोरी होती है ।फुटेज में चेहरा दिखने के बावजूद भी पुलिस चोरो को पकड़ने में आखिर कामयाब क्यों नही ?
3 बीकानेर जिले में सभी थाना क्षेत्रों से हजारों बाइक व अन्य चोरी के मामले हैं चोर कब पकड़े जाएंगे और बरामदगी आखिर कब होगी ?
4 अभय कमांड के इतने कैमरों के बावजूद भी चोरियों के पर्दाफाश क्यों नहीं ?
बीकानेर संभाग में चारों ओर अभी चोरों का ही बोल बोला है कभी घरों में, चोरी कभी चैन स्केचिंग, कभी बाइक चोरी ,कहीं विद्यार्थियों के पेपर चोरी, कहीं बड़ी गाड़ियां चोरी ,कभी ऑनलाइन चोरी, अब तो भगवान भी सुरक्षित नहीं अर्थात मंदिरों में भी चोरी,आखिर इन चोरियों के जिम्मेदार किसे माने ? जनता को । कि उनकी लापरवाही से चोरी होती है। आम जनता का जवाब नकारात्मक ही होगा क्योंकि जनता पुलिस पर सबसे अधिक विश्वास करती है, जनता सीएलजी मेंबर बनकर चोरों की गुप्त सूचनाएं भी देती है, जनता अपने घरों व घरों के बाहर कैमरे लगाकर पुलिस को फुटेज भी प्रदान करती है ,व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों के आगे कैमरे लगाकर हर अपराधिक गतिविधि की सूचना या सहयोग प्रदान करते है ताकि अपराधी पकड़े जा सके ।इसमें लापरवाही जनता की नहीं पुलिस की सबसे ज्यादा रहती है पुलिस के नाक के नीचे से चोरियां होती है पुलिसकुछ नहीं कर पाती संभाग के सबसे बड़े अस्पताल पीबीएम में आए दिन बाइकों की चोरियां होती है चोर कैमरा में कैद भी हो जाते हैं लेकिन पुलिस उन्हें पकड़ने में नाकाम रहती है बीकानेर के बड़े मॉल, कोर्ट परिसर, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, रतन बिहारी पार्क ,पब्लिक पार्क व सभी सार्वजनिक स्थानों से आए दिन अलग-अलग प्रकार की चोरियां की सूचना मिलती है लेकिन पुलिस इन्हें पकड़ने में हमेशा नाकाम रहती है इस नाकामी का प्रतिशत देखा जाए तो 90% से ऊपर होता है कई लोग तो अपनी चोरी की रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करवाते कुछ चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवाने जाते हैं तो उनकी रिपोर्ट भी दर्ज नहीं करते उन्हें झूठा कह देते हैं । यदि एक दो केसों में सफलता मिल भी जाती है तो पुलिस उनका श्रेय प्राप्त करने के लिए चोरों को नकाब पहना कर उनके साथ फोटो खिंचवाना इनकी फितरत बन गया है और स्वयं ही अपनी पीठ थपथपाते हैं जबकि वास्तविकता में हजारों में एक दो चोरी में चोर आपस मे लड़कर या जनता की पैनी नजर से उनकी सूचना पुलिस को मिलने पर ही पुलिस उन्हें पकड़ पाती है पुलिस अपनी नाकामी छुपाने के लिए सोशल मीडिया व प्रिंट मीडिया में चोरी के पर्दाफाश की रिपोर्ट छपवाते हैं पुलिस का यही रवैया रहा तो आम जनता का भरोसा पुलिस से उठ जाएगा । अब जनता किस पर विश्वास करें किसे अपनी शिकायत करें यदि पुलिस अपने दायित्व का निर्वहन अच्छी तरह से करें, चोरों के वीडियो फुटेज के आधार पर तुरंत कार्रवाई करें, बाइक चोरी करने व खरीदने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें तो पुलिस का विश्वास बढ़ेगा अधिकांश पुलिस, "बाइक "चोर से बरामद करती है तो क्या सारी बाइके चोर अपने घर पर रखने के लिए चोरी करता था। कभी बाइक खरीदने वाला क्यों नहीं पकड़ा जाता जब चोरी की बाइको के खरीदार ही खत्म हो जाएंगे तो चोरियों पर काफी अंकुश लगेगा । वीडियो फुटेज के आधार पर तत्काल कार्रवाई करें चोर पकड़े जाने पर उनसे सामान बरामद कर फिर मालीक को बुलाकर चोरी का मुकदमा दर्ज करने की बजाय पहले मुकदमा दर्ज कर चोर पकड़े ताकि जनता का विश्वास जीत सके। आर्म एक्ट मे पकड़े जाने वालों में पुलिस की घिसी पिटी भाषा में "पुलिस गाड़ी गश्त के दौरान एक व्यक्ति पुलिस को देखकर भागने लगा तो गस्त दल ने उसे पकड़ा और उसेसे अवैध हथियार बरामद किया" जबकि ऐसा हुआ ही नहीं होता केवल मुखबिर की सूचना पर कि अमुक व्यक्ति के पास हथियार हैं तो पुलिस उसे विश्वास में बुलाकर उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट का मामला बना देती है और हथियार कहां से आया, किसने सप्लाई की, इस बारे में किसी अन्य को मुलजिम नहीं बनाते ।केवल इतना ही बता कर इतिश्री कर लेते हैं कि हथियार चलते हाईवे से ट्रक से खरीदा था यह पुलिस की कार्यवाही नहीं नाकामी है संवाददाता विनोद भाटी की रिपोर्ट जोगसंजोग टाइम्स बीकानेर
जनता इंतजार करती इन सवालों के जवाबों का
1 पीबीएम अस्पताल में चैन स्केचिंग के कई मामलों के फुटेज होने के बावजूद भी चोर क्यों नहीं पकड़े जा सके ?
2 कैमरों के सामने से बाइक चोरी होती है ।फुटेज में चेहरा दिखने के बावजूद भी पुलिस चोरो को पकड़ने में आखिर कामयाब क्यों नही ?
3 बीकानेर जिले में सभी थाना क्षेत्रों से हजारों बाइक व अन्य चोरी के मामले हैं चोर कब पकड़े जाएंगे और बरामदगी आखिर कब होगी ?
4 अभय कमांड के इतने कैमरों के बावजूद भी चोरियों के पर्दाफाश क्यों नहीं ?
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