22 August 2022 01:53 PM
जोग संजोग टाइम्स,
राजस्थान के सीमावर्ती जिले बीकानेर में देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र पाकिस्तान का बहावलपुर रहा, जहां रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.1 रही। इसी वजह से भूकंप के झटके राजस्थान के बीकानेर तक आए। भूकंप के झटकों का असर पूरे बीकानेर जिले के बजाय सीमावर्ती क्षेत्र पर पुंगल, खाजूवाला तक सीमित रहा। भूकंप से अब तक किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। भारतीय समयानुसार भूकंप रविवार-सोमवार की रात करीब 2 बजकर 1 मिनट पर आया। इसका केंद्र जमीन से 10 किलाेमीटर अंदर था। भूकंप के केंद्र वाले बहावलपुर की बीकानेर से दूरी लगभग 236 किलोमीटर है। ऐसे में यहां हल्के झटके ही महसूस किए गए। मामूली असर बीकानेर के पुंगल, खाजूवाला और गंगानगर के रावला मंडी के आसपास देखा गया।
6 की तीव्रता वाला भूकंप खतरनाक होता है
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।
ऐसे लगाते हैं भूकंप की तीव्रता का अंदाजा
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है।
जोग संजोग टाइम्स,
राजस्थान के सीमावर्ती जिले बीकानेर में देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र पाकिस्तान का बहावलपुर रहा, जहां रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.1 रही। इसी वजह से भूकंप के झटके राजस्थान के बीकानेर तक आए। भूकंप के झटकों का असर पूरे बीकानेर जिले के बजाय सीमावर्ती क्षेत्र पर पुंगल, खाजूवाला तक सीमित रहा। भूकंप से अब तक किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। भारतीय समयानुसार भूकंप रविवार-सोमवार की रात करीब 2 बजकर 1 मिनट पर आया। इसका केंद्र जमीन से 10 किलाेमीटर अंदर था। भूकंप के केंद्र वाले बहावलपुर की बीकानेर से दूरी लगभग 236 किलोमीटर है। ऐसे में यहां हल्के झटके ही महसूस किए गए। मामूली असर बीकानेर के पुंगल, खाजूवाला और गंगानगर के रावला मंडी के आसपास देखा गया।
6 की तीव्रता वाला भूकंप खतरनाक होता है
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।
ऐसे लगाते हैं भूकंप की तीव्रता का अंदाजा
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है।
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