01 June 2022 02:45 PM
जोग संजोग टाइम्स,
संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा 2021 का रिजल्ट जारी कर दिया है। जिसमें राजस्थान के छात्रों का भी दबदबा रहा है। टॉप 10 से लेकर टॉप 100 तक प्रदेश के कई छात्र सिविल सर्विस एग्जाम में जगह बनाने में कामयाब रहे हैं। लेकिन सिविल सर्विसेस परीक्षा पास करने तक का सफर इतना आसान नहीं था। इस दौरान जहां कुछ छात्रों ने खेती कर सिविल सर्विसेज की तैयारी की। वहीं कुछ ने लाखों रुपए का पैकेज छोड़ खुद को पढ़ाई के लिए 2 साल तक कमरे में बंद कर लिया। कुछ ने परिवार और रिश्तेदारों के ताने सुन खुद को मजबूत किया। जबकि कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने गाना गाकर देश की सबसे बड़ी परीक्षा में सिलेक्शन पा लिया।
3 बार सिलेक्ट नहीं हुआ तो रिश्तेदार देते थे ताने
UPSC की सिविल सेवा परीक्षा में उदयपुर के चिराग मेहता की 312वीं रैंक आई है। उन्होंने बताया कि यह उनका चौथा अटेंड था। इससे पहले वह तीन बार UPSC की परीक्षा में सिलेक्ट नहीं हो पाए थे। उन्होंने बताया कि लगातार एग्जाम में सिलेक्ट नहीं होने के बाद घर वालों को और मुझे रिश्तेदार और पड़ोसी ताने देने लगे थे। जिसके बाद मैंने सोशल गैदरिंग में जाना भी बंद कर दिया था। लोग जब भी मिलते कहते थे कि पढ़ाई छोड़ कही नौकरी करो। लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी, और लगातार मेहनत करता रहा। 2018 से मैंने सोशल मीडिया, टीवी, सोशल गैदरिंग से दूरी बना ली। इसके बाद में लगातार तैयारी में जुटा रहा। उसी का नतीजा है कि आज में सिलेक्ट हो पाया हूं।
गाना गाकर USPCमें सिलेक्ट हुए जयपुर के अजय
यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 144 में रैंक हासिल करने वाले जयपुर के अजय ने बताया कि यह उनका तीसरा अटेम्ट था। इससे पहले भी वह दो बार सिविल सर्विस के लिए परीक्षा दे चुके हैं। जिसमें वह एक बार सिलेक्ट भी हो गए थे। लेकिन उन्हें मनचाही रैंक नहीं मिल पाई थी। जिसके उन्होंने फिर से पढ़ाई शुरू कर दी। अजय ने बताया कि इंटरव्यू के दौरान उनसे दुनिया की सबसे बड़ी समस्या क्या है। जिसके जवाब में उन्होंने बताया कि सभी लोग सबसे पहले खुद के बारे में सोचते हैं। लेकिन जवाब से जज ना खुश हुए। उन्होंने अजय से कहा कि देश में गरीबी सबसे बड़ी समस्या है। जिस पर अजय ने गाना गाया की साथी हाथ बढ़ाना एक अकेला थक जाएगा मिलकर बोझ उठाना। इसके बाद उन्होंने समझाया कि अगर हम सब मिलकर रहेंगे और आगे बढ़ेंगे तो सभी समस्याओं का समाधान हो सकेगा। अजय के इस जवाब से वहां मौजूद जज काफी इंप्रेस हुए थे। उन्होंने अजय की इस सोच की जमकर तारीफ भी की थी। अजय ने बताया कि कोरोना फैलने के साथ ही पढ़ाई पूरी तरह डिस्टर्ब हो गई थी। हर दिन घंटों अस्पताल में बिताने पड़ते थे। लेकिन दीदी कीर्ति राठौड़ ने मेरी पूरी मदद। मैं और दीदी हर दिन अस्पताल से फ्री होकर पढ़ाई करते। उसी का नतीजा है कि आज मैं IAS बन पाया हूं।
तैयारी के लिए 2 साल कमरे में बंद रहा
UPSC की सिविल सर्विस परीक्षा में देशभर में 29वीं रैंक हासिल करने वाले अजमेर के भविष्य देसाई ने बताया कि कॉलेज के शुरुआती दिनों में ही मैंने सिविल सर्विसेज में जाने की ठान ली थी। यही कारण था कि कॉलेज कंप्लीट होने के बाद जब मुझे स्टॉक मार्केटिंग कंपनी ने 55 लाखों रुपए का पैकेज दिया। तो मैंने वहां ज्वाइन नहीं किया। बल्कि 2 साल तक खुद को अपने घर के कमरे में ही बंद कर लिया। इस दौरान मैंने सोशल मीडिया और मोबाइल से भी दूरी बना ली। ताकि मैं अच्छे से सिविल सर्विसेज की तैयारी कर सकूं। इसी का नतीजा है कि मैं पहली बार में एग्जाम क्लियर कर पाया हूं। भविष्य ने बताया कि मैं फॉरेन सर्विसेज में जाकर देश सेवा करना चाहता हूं। उन्होंने बताया कि यूपीएससी एग्जाम क्लियर करना मुश्किल नहीं है। लेकिन इसके लिए हमें फोकस होना जरूरी है। जो स्टूडेंट पूरी मेहनत और फोकस के साथ तैयारी करेगा। वहीं हंड्रेड परसेंट एग्जाम क्लियर कर सकता है।
खेत से IAS तक का सफर
UPSC की सिविल सर्विस परीक्षा में देशभर में श्रीगंगानर के रहने वाले 26 साल के रवि कुमार सिहाग ने देशभर में 18वीं रैंक हासिल की है। लेकिन यह पहला मौका नहीं है, जब रवि ने UPSC एग्जाम को क्लियर किया है। रवि इससे पहले भी साल 2018 में 337वीं रैंक और 2019 में 317वीं रैंक हासिल कर सिविल सेवा परीक्षा पास कर चुके हैं। लेकिन IAS बनने तक का सफर रवि के लिए इतना आसान नहीं था। 2015 तक रवि अपने पिता के साथ खेती करते थे। रवि ने बताया कि जब समझने लगा तब से BA की पढ़ाई पूरी करने तक पिताजी के साथ गांव में खेतों में काम किया है। तब पिताजी खेती, सिंचाई या फिर गांव की समस्या लेकर अक्सर गांव वालों के साथ कलेक्ट्री जाते थे। ताकि कलेक्टर उनकी समस्या का समाधान कर सके। उस वक्त पिताजी और गांव वालो से कलेक्टर की तारीफ सुनकर मैंने ठान लिया था कि मैं भी कलेक्टर बनके लोगों की समस्या का समाधान करूंगा। लेकिन UPSC में अपने शुरुआती अटेंप्ट में कलेक्टर नहीं बन पाया। लेकिन मैने हिम्मत नही हारी और लगातार मेहनत करता गया। इसके बाद अब जाकर बचपन में देखा मेरा सपना पूरा हो गया है।
UPSC की सिविल सर्विस परीक्षा में देशभर जयपुर की तनुश्री मीणा ने 120वीं रैंक हासिल की है। लेकिन एग्जाम पास करने की राह तनुश्री के लिए आसान नहीं थी। वे पांच साल से UPSC की तैयारी कर रही थी। उन्होंने बताया कि तैयारी के दौरान कोरोना पॉजिटिव हुई तो काफी टूट हो गई। लेकिन UPSC ने एग्जाम आगे बढ़ा दिए। तब इतनी खुशी हुई की बता नहीं सकती। फिर से तैयारी शुरू की। आज सलेक्ट हो गई। तनुश्री ने बताया कि बचपन से ही समाज के लिए कुछ करना चाहती थी। इसी सोच के साथ बड़े होकर मम्मी पापा ने आईएएस ऑफिसर बनने की प्रेरणा दी। आज खुशी है कि मैं उनकी उम्मीदों पर खरी उतर पाई हूं। स्कूल की पढ़ाई खत्म होते ही मैंने आईएएस बनने की ठान ली थी। मैंने कॉलेज शुरू होने के साथ ही आईएएस की तैयारियां शुरू कर दी थी। MA पूरा होने के बाद 2018 से ही जयपुर में रहकर तैयारी कर रही थी। उसी का नतीजा है कि आज मैं सेलेक्ट हो पाई हूं।
इस बार सिविल सर्विस एग्जाम के रिजल्ट में राजस्थानी छात्रों का दबदबा रहा है। सीकर के प्रीतम जाखड़ ने जहां देशभर में 9वीं रैंक हासिल कर टॉप टेन में जगह बनाकर राजस्थान का नाम रोशन किया है। वहीं श्रीगंगानगर के रवि सिहाग ने 18वीं रैंक की हासिल की है। जबकि जयपुर के विराटनगर के रहने वाले सुनील धनवंता ने 22वीं रैंक की हासिल की है। इसके साथ ही हनुमानगढ़ के मोहित कासनियां ने 61वीं, बीकानेर की प्रज्ञा जाट ने 91वीं, जमवारामगढ़ प्रहलाद शर्मा ने 104वीं, जयपुर की तनुश्री मीणा ने 120वीं, जयपुर के ईशान सोनी ने 399वीं, सीकर के रामकिशन की 404वीं, जयपुर के ही युवराज मर्मट ने 458वीं, जयपुर के हर्ष चौधरी ने 528वीं और हनुमानगढ़ के परीक्षित सिहाग 529वीं रैंक हासिल कर राजस्थान का नाम रोशन किया है।
जोग संजोग टाइम्स,
संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा 2021 का रिजल्ट जारी कर दिया है। जिसमें राजस्थान के छात्रों का भी दबदबा रहा है। टॉप 10 से लेकर टॉप 100 तक प्रदेश के कई छात्र सिविल सर्विस एग्जाम में जगह बनाने में कामयाब रहे हैं। लेकिन सिविल सर्विसेस परीक्षा पास करने तक का सफर इतना आसान नहीं था। इस दौरान जहां कुछ छात्रों ने खेती कर सिविल सर्विसेज की तैयारी की। वहीं कुछ ने लाखों रुपए का पैकेज छोड़ खुद को पढ़ाई के लिए 2 साल तक कमरे में बंद कर लिया। कुछ ने परिवार और रिश्तेदारों के ताने सुन खुद को मजबूत किया। जबकि कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने गाना गाकर देश की सबसे बड़ी परीक्षा में सिलेक्शन पा लिया।
3 बार सिलेक्ट नहीं हुआ तो रिश्तेदार देते थे ताने
UPSC की सिविल सेवा परीक्षा में उदयपुर के चिराग मेहता की 312वीं रैंक आई है। उन्होंने बताया कि यह उनका चौथा अटेंड था। इससे पहले वह तीन बार UPSC की परीक्षा में सिलेक्ट नहीं हो पाए थे। उन्होंने बताया कि लगातार एग्जाम में सिलेक्ट नहीं होने के बाद घर वालों को और मुझे रिश्तेदार और पड़ोसी ताने देने लगे थे। जिसके बाद मैंने सोशल गैदरिंग में जाना भी बंद कर दिया था। लोग जब भी मिलते कहते थे कि पढ़ाई छोड़ कही नौकरी करो। लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी, और लगातार मेहनत करता रहा। 2018 से मैंने सोशल मीडिया, टीवी, सोशल गैदरिंग से दूरी बना ली। इसके बाद में लगातार तैयारी में जुटा रहा। उसी का नतीजा है कि आज में सिलेक्ट हो पाया हूं।
गाना गाकर USPCमें सिलेक्ट हुए जयपुर के अजय
यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 144 में रैंक हासिल करने वाले जयपुर के अजय ने बताया कि यह उनका तीसरा अटेम्ट था। इससे पहले भी वह दो बार सिविल सर्विस के लिए परीक्षा दे चुके हैं। जिसमें वह एक बार सिलेक्ट भी हो गए थे। लेकिन उन्हें मनचाही रैंक नहीं मिल पाई थी। जिसके उन्होंने फिर से पढ़ाई शुरू कर दी। अजय ने बताया कि इंटरव्यू के दौरान उनसे दुनिया की सबसे बड़ी समस्या क्या है। जिसके जवाब में उन्होंने बताया कि सभी लोग सबसे पहले खुद के बारे में सोचते हैं। लेकिन जवाब से जज ना खुश हुए। उन्होंने अजय से कहा कि देश में गरीबी सबसे बड़ी समस्या है। जिस पर अजय ने गाना गाया की साथी हाथ बढ़ाना एक अकेला थक जाएगा मिलकर बोझ उठाना। इसके बाद उन्होंने समझाया कि अगर हम सब मिलकर रहेंगे और आगे बढ़ेंगे तो सभी समस्याओं का समाधान हो सकेगा। अजय के इस जवाब से वहां मौजूद जज काफी इंप्रेस हुए थे। उन्होंने अजय की इस सोच की जमकर तारीफ भी की थी। अजय ने बताया कि कोरोना फैलने के साथ ही पढ़ाई पूरी तरह डिस्टर्ब हो गई थी। हर दिन घंटों अस्पताल में बिताने पड़ते थे। लेकिन दीदी कीर्ति राठौड़ ने मेरी पूरी मदद। मैं और दीदी हर दिन अस्पताल से फ्री होकर पढ़ाई करते। उसी का नतीजा है कि आज मैं IAS बन पाया हूं।
तैयारी के लिए 2 साल कमरे में बंद रहा
UPSC की सिविल सर्विस परीक्षा में देशभर में 29वीं रैंक हासिल करने वाले अजमेर के भविष्य देसाई ने बताया कि कॉलेज के शुरुआती दिनों में ही मैंने सिविल सर्विसेज में जाने की ठान ली थी। यही कारण था कि कॉलेज कंप्लीट होने के बाद जब मुझे स्टॉक मार्केटिंग कंपनी ने 55 लाखों रुपए का पैकेज दिया। तो मैंने वहां ज्वाइन नहीं किया। बल्कि 2 साल तक खुद को अपने घर के कमरे में ही बंद कर लिया। इस दौरान मैंने सोशल मीडिया और मोबाइल से भी दूरी बना ली। ताकि मैं अच्छे से सिविल सर्विसेज की तैयारी कर सकूं। इसी का नतीजा है कि मैं पहली बार में एग्जाम क्लियर कर पाया हूं। भविष्य ने बताया कि मैं फॉरेन सर्विसेज में जाकर देश सेवा करना चाहता हूं। उन्होंने बताया कि यूपीएससी एग्जाम क्लियर करना मुश्किल नहीं है। लेकिन इसके लिए हमें फोकस होना जरूरी है। जो स्टूडेंट पूरी मेहनत और फोकस के साथ तैयारी करेगा। वहीं हंड्रेड परसेंट एग्जाम क्लियर कर सकता है।
खेत से IAS तक का सफर
UPSC की सिविल सर्विस परीक्षा में देशभर में श्रीगंगानर के रहने वाले 26 साल के रवि कुमार सिहाग ने देशभर में 18वीं रैंक हासिल की है। लेकिन यह पहला मौका नहीं है, जब रवि ने UPSC एग्जाम को क्लियर किया है। रवि इससे पहले भी साल 2018 में 337वीं रैंक और 2019 में 317वीं रैंक हासिल कर सिविल सेवा परीक्षा पास कर चुके हैं। लेकिन IAS बनने तक का सफर रवि के लिए इतना आसान नहीं था। 2015 तक रवि अपने पिता के साथ खेती करते थे। रवि ने बताया कि जब समझने लगा तब से BA की पढ़ाई पूरी करने तक पिताजी के साथ गांव में खेतों में काम किया है। तब पिताजी खेती, सिंचाई या फिर गांव की समस्या लेकर अक्सर गांव वालों के साथ कलेक्ट्री जाते थे। ताकि कलेक्टर उनकी समस्या का समाधान कर सके। उस वक्त पिताजी और गांव वालो से कलेक्टर की तारीफ सुनकर मैंने ठान लिया था कि मैं भी कलेक्टर बनके लोगों की समस्या का समाधान करूंगा। लेकिन UPSC में अपने शुरुआती अटेंप्ट में कलेक्टर नहीं बन पाया। लेकिन मैने हिम्मत नही हारी और लगातार मेहनत करता गया। इसके बाद अब जाकर बचपन में देखा मेरा सपना पूरा हो गया है।
UPSC की सिविल सर्विस परीक्षा में देशभर जयपुर की तनुश्री मीणा ने 120वीं रैंक हासिल की है। लेकिन एग्जाम पास करने की राह तनुश्री के लिए आसान नहीं थी। वे पांच साल से UPSC की तैयारी कर रही थी। उन्होंने बताया कि तैयारी के दौरान कोरोना पॉजिटिव हुई तो काफी टूट हो गई। लेकिन UPSC ने एग्जाम आगे बढ़ा दिए। तब इतनी खुशी हुई की बता नहीं सकती। फिर से तैयारी शुरू की। आज सलेक्ट हो गई। तनुश्री ने बताया कि बचपन से ही समाज के लिए कुछ करना चाहती थी। इसी सोच के साथ बड़े होकर मम्मी पापा ने आईएएस ऑफिसर बनने की प्रेरणा दी। आज खुशी है कि मैं उनकी उम्मीदों पर खरी उतर पाई हूं। स्कूल की पढ़ाई खत्म होते ही मैंने आईएएस बनने की ठान ली थी। मैंने कॉलेज शुरू होने के साथ ही आईएएस की तैयारियां शुरू कर दी थी। MA पूरा होने के बाद 2018 से ही जयपुर में रहकर तैयारी कर रही थी। उसी का नतीजा है कि आज मैं सेलेक्ट हो पाई हूं।
इस बार सिविल सर्विस एग्जाम के रिजल्ट में राजस्थानी छात्रों का दबदबा रहा है। सीकर के प्रीतम जाखड़ ने जहां देशभर में 9वीं रैंक हासिल कर टॉप टेन में जगह बनाकर राजस्थान का नाम रोशन किया है। वहीं श्रीगंगानगर के रवि सिहाग ने 18वीं रैंक की हासिल की है। जबकि जयपुर के विराटनगर के रहने वाले सुनील धनवंता ने 22वीं रैंक की हासिल की है। इसके साथ ही हनुमानगढ़ के मोहित कासनियां ने 61वीं, बीकानेर की प्रज्ञा जाट ने 91वीं, जमवारामगढ़ प्रहलाद शर्मा ने 104वीं, जयपुर की तनुश्री मीणा ने 120वीं, जयपुर के ईशान सोनी ने 399वीं, सीकर के रामकिशन की 404वीं, जयपुर के ही युवराज मर्मट ने 458वीं, जयपुर के हर्ष चौधरी ने 528वीं और हनुमानगढ़ के परीक्षित सिहाग 529वीं रैंक हासिल कर राजस्थान का नाम रोशन किया है।
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27 December 2022 11:12 AM
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