05 May 2022 11:27 AM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार मौसम इस साल से पूरी तरह उलट है। पिछले गर्मी के पूरे सीजन का उच्चतम पारे का रिकाॅर्ड इस साल मई के पहले सप्ताह में ही टूट गया। पिछले साल अलनीनो और लानीना का असर मई तक नहीं रहा लेकिन इस साल मार्च से है और पूरे मई रहेगा, इसलिए इस साल गर्मी कई रिकाॅर्ड तोड़ सकती है। मार्च से गर्मी शुरू हाेने का असर ये है कि अब छह महीने तक गर्मी पड़ेगी।
पिछले साल आधे मार्च तक ठंडक का माहाैल था। पूरा अप्रैल और 20 मई तक तापमान 40 से 43 डिग्री के बीच था। यानी मई के तीसरे सप्ताह तक शहर काे लू का सामना नहीं करना पड़ा। यहां तक पिछले साल नाै तपा भी पूरा नहीं तपा। 25 मई से नाैतपा शुरू हुआ था। फिर भी 31 मई काे पारा वापस 44 डिग्री के नीचे पहुंच गया था।
यानी पूरे नौतपा में ही गर्मी के तेवर ढीले पड़ गए। इस साल अचानक मार्च में होली के बाद ही गर्मी के तेवर बदल गए। बदले भी तो ऐसे कि तीन बार पश्चिमी विक्षोभ आने के बाद भी बारिश की बूंद नहीं गिरी। एक साल में ही अचानक बदले मौसम के पीछे प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में मची हलचल है। अलनीनो और लानीनाे का असर इस साल मार्च से ही शुरू हाे गया। पूरे मई तक रहेगा। बारिश के बाद सितंबर में गर्मी से राहत मिलेगी।
बारिश पर असर का एनालिसिस मई के अंत तक : माैसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा का कहना है कि तापमान औ समुद्र की स्थिति के आधार पर ही बारिश हाेती है। इस साल मार्च से ही समुद्र में हलचल है। इसका कितना असर बारिश पर हाेगा इसका अध्ययन मई के अंत तक पूरा होगा।
अलनीनो से तापमान गर्म और लानीनाे से ठंडा होता है
अलनीनो और लानीना का संबंध प्रशांत महासागर की समुद्री सतह के तापमान में समय-समय पर होने वाले बदलावों से है। जिसका दुनिया भर में मौसम पर प्रभाव पड़ता है। अलनीनो की वजह से तापमान गर्म होता है और लानीना के कारण ठंडा। दोनों आमतौर पर 9-12 महीने तक रहते हैं लेकिन असाधारण मामलों में कई वर्षों तक रह सकते हैं। प्रशांत महासागर के भूमध्यीय क्षेत्र में समुद्र का तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में आये बदलाव के लिए जिम्मेदार समुद्री घटना को अलनीनो कहते हैं। इस बदलाव के कारण समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से बहुत अधिक हो जाता है।
ज्यादा गर्मी का असर जेब और सेहत पर: मार्च से ही भीषण गर्मी की वजह से प्रत्येक घर में बिजली खर्च बढ़ गया। जाे बिल मई और जून में बढ़ा हुआ आता था वाे इस साल अप्रैल में ही आने लगा क्याेंकि 15 मार्च के बाद गर्मी ने पांव पसार लिए। इसके अलावा पानी की खपत बढ़ गई। मार्च के लास्ट वीक में ही कूलर चलने शुरू हाे गए जिससे पानी की खपत बढ़ गई। जंगलाें में हरे चारे की किल्लत हाे गई। खेतों की नमी खत्म हो गई। अस्पतालों में लू के सैकड़ों रोगी पहुंच रहे हैं।
मौसम अपडेट: उत्तर-पूर्वी हवाओं से नरम पड़ी गर्मी; 3 दिन में 70 गिरा पारा
पूर्वी राजस्थान में आए पश्चिमी विक्षोभ के कारण यहां भी गर्मी से राहत मिली है। एक मई को 47.1 डिग्री पारा तीन दिन बाद बुधवार काे 40 पर आ गया। दाे दिन चली तेज हवा ने पारे का मिजाज ठंडा कर दिया।
एक मई को जब इस सीजन का सर्वाधिक 47.1 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था तब लगा कि पूरा मई लू में बीतेगा लेकिन पूर्वी राजस्थान में आए विक्षाेभ का असर पश्चिम तक पहुंच गया। मंगलवार और साेमवार काे हवा की गति छह से 13 किलाेमीटर प्रति घंटा रही। हवा का रुख उत्तर पूर्वी रहा जिसकी वजह से तीन दिन में ही गर्मी का मिजाज ठंडा पड़ गया। एक मई को 47.1, दाे काे 44.2, तीन काे 43 और चार मई काे 40 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। 31 डिग्री पार कर चुका रात का तापमान भी पीछे लाैटने लगा। न्यूनतम तापमान 28.5 डिग्री रिकार्ड किया गया। बुधवार को हवा की गति चार किमी प्रति घंटा रही।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार मौसम इस साल से पूरी तरह उलट है। पिछले गर्मी के पूरे सीजन का उच्चतम पारे का रिकाॅर्ड इस साल मई के पहले सप्ताह में ही टूट गया। पिछले साल अलनीनो और लानीना का असर मई तक नहीं रहा लेकिन इस साल मार्च से है और पूरे मई रहेगा, इसलिए इस साल गर्मी कई रिकाॅर्ड तोड़ सकती है। मार्च से गर्मी शुरू हाेने का असर ये है कि अब छह महीने तक गर्मी पड़ेगी।
पिछले साल आधे मार्च तक ठंडक का माहाैल था। पूरा अप्रैल और 20 मई तक तापमान 40 से 43 डिग्री के बीच था। यानी मई के तीसरे सप्ताह तक शहर काे लू का सामना नहीं करना पड़ा। यहां तक पिछले साल नाै तपा भी पूरा नहीं तपा। 25 मई से नाैतपा शुरू हुआ था। फिर भी 31 मई काे पारा वापस 44 डिग्री के नीचे पहुंच गया था।
यानी पूरे नौतपा में ही गर्मी के तेवर ढीले पड़ गए। इस साल अचानक मार्च में होली के बाद ही गर्मी के तेवर बदल गए। बदले भी तो ऐसे कि तीन बार पश्चिमी विक्षोभ आने के बाद भी बारिश की बूंद नहीं गिरी। एक साल में ही अचानक बदले मौसम के पीछे प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में मची हलचल है। अलनीनो और लानीनाे का असर इस साल मार्च से ही शुरू हाे गया। पूरे मई तक रहेगा। बारिश के बाद सितंबर में गर्मी से राहत मिलेगी।
बारिश पर असर का एनालिसिस मई के अंत तक : माैसम विभाग के निदेशक राधेश्याम शर्मा का कहना है कि तापमान औ समुद्र की स्थिति के आधार पर ही बारिश हाेती है। इस साल मार्च से ही समुद्र में हलचल है। इसका कितना असर बारिश पर हाेगा इसका अध्ययन मई के अंत तक पूरा होगा।
अलनीनो से तापमान गर्म और लानीनाे से ठंडा होता है
अलनीनो और लानीना का संबंध प्रशांत महासागर की समुद्री सतह के तापमान में समय-समय पर होने वाले बदलावों से है। जिसका दुनिया भर में मौसम पर प्रभाव पड़ता है। अलनीनो की वजह से तापमान गर्म होता है और लानीना के कारण ठंडा। दोनों आमतौर पर 9-12 महीने तक रहते हैं लेकिन असाधारण मामलों में कई वर्षों तक रह सकते हैं। प्रशांत महासागर के भूमध्यीय क्षेत्र में समुद्र का तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में आये बदलाव के लिए जिम्मेदार समुद्री घटना को अलनीनो कहते हैं। इस बदलाव के कारण समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से बहुत अधिक हो जाता है।
ज्यादा गर्मी का असर जेब और सेहत पर: मार्च से ही भीषण गर्मी की वजह से प्रत्येक घर में बिजली खर्च बढ़ गया। जाे बिल मई और जून में बढ़ा हुआ आता था वाे इस साल अप्रैल में ही आने लगा क्याेंकि 15 मार्च के बाद गर्मी ने पांव पसार लिए। इसके अलावा पानी की खपत बढ़ गई। मार्च के लास्ट वीक में ही कूलर चलने शुरू हाे गए जिससे पानी की खपत बढ़ गई। जंगलाें में हरे चारे की किल्लत हाे गई। खेतों की नमी खत्म हो गई। अस्पतालों में लू के सैकड़ों रोगी पहुंच रहे हैं।
मौसम अपडेट: उत्तर-पूर्वी हवाओं से नरम पड़ी गर्मी; 3 दिन में 70 गिरा पारा
पूर्वी राजस्थान में आए पश्चिमी विक्षोभ के कारण यहां भी गर्मी से राहत मिली है। एक मई को 47.1 डिग्री पारा तीन दिन बाद बुधवार काे 40 पर आ गया। दाे दिन चली तेज हवा ने पारे का मिजाज ठंडा कर दिया।
एक मई को जब इस सीजन का सर्वाधिक 47.1 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था तब लगा कि पूरा मई लू में बीतेगा लेकिन पूर्वी राजस्थान में आए विक्षाेभ का असर पश्चिम तक पहुंच गया। मंगलवार और साेमवार काे हवा की गति छह से 13 किलाेमीटर प्रति घंटा रही। हवा का रुख उत्तर पूर्वी रहा जिसकी वजह से तीन दिन में ही गर्मी का मिजाज ठंडा पड़ गया। एक मई को 47.1, दाे काे 44.2, तीन काे 43 और चार मई काे 40 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। 31 डिग्री पार कर चुका रात का तापमान भी पीछे लाैटने लगा। न्यूनतम तापमान 28.5 डिग्री रिकार्ड किया गया। बुधवार को हवा की गति चार किमी प्रति घंटा रही।
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02 January 2022 12:52 PM
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