21 June 2022 02:05 PM
जोग संजोग टाइम्स,
मोबाइल रिचार्ज करवाने के चक्कर में बीकानेर पुलिस का एक कांस्टेबल करीब सवा लाख रुपए का चपत लगवा चुका है। मजे की बात है कि साइबर टीम अपने ही साथी का एक रुपया तक रिकवर नहीं कर पाई है। अब सदर पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
पीबीएम अस्पताल की पुलिस चौकी पर तैनात कांस्टेबल जगदीश मेघवाल ने 521 रुपए का रिचार्ज अपने फोन पे से करवाया था। रिचार्ज नहीं होने पर उसने जीओ कस्टमर केयर पर बात की। जहां बताया गया कि उनके पास रुपए आए ही नहीं है, इसलिए जिस माध्यम से रिचार्ज करवाया था, उसी से बात करें। इस पर जगदीश ने सर्च करके फोन पे कस्टमर केयर के नंबर ले लिए। ये फेक नंबर थे, जो गूगल सर्च में भी आसानी से मिलते हैं। जगदीश ने इस नंबर पर फोन करके सारी जानकारी दी। इस पर जगदीश को अल्पेमिक्ष एप्प डाउनलोड करने के लिए कहा गया। इस एप्प के माध्यम से रुपए वापस आना बताया गया। जगदीश ने एप्प डाउनलोड कर लिया और रुपए आने का इंतजार करता रहा। इसके उलट इस एप्प के माध्यम से ठग ने एक लाख 26 हजार रुपए निकाल लिए। रुपए निकलने का मैसेज आया तो घबराए हुए सिपाही ने बैंक से संपर्क किया। वहां से रुपए निकल चुके थे। बाद में साइबर टीम को जानकारी दी। तब तक एक से दूसरे बैंक में ही ठग रुपए ट्रांसफर कर चुका था। आमतौर पर साइबर पुलिस बैंक खाता सीज करके रुपए वापस जमा करवा देती है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हो सका।
जोग संजोग टाइम्स,
मोबाइल रिचार्ज करवाने के चक्कर में बीकानेर पुलिस का एक कांस्टेबल करीब सवा लाख रुपए का चपत लगवा चुका है। मजे की बात है कि साइबर टीम अपने ही साथी का एक रुपया तक रिकवर नहीं कर पाई है। अब सदर पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
पीबीएम अस्पताल की पुलिस चौकी पर तैनात कांस्टेबल जगदीश मेघवाल ने 521 रुपए का रिचार्ज अपने फोन पे से करवाया था। रिचार्ज नहीं होने पर उसने जीओ कस्टमर केयर पर बात की। जहां बताया गया कि उनके पास रुपए आए ही नहीं है, इसलिए जिस माध्यम से रिचार्ज करवाया था, उसी से बात करें। इस पर जगदीश ने सर्च करके फोन पे कस्टमर केयर के नंबर ले लिए। ये फेक नंबर थे, जो गूगल सर्च में भी आसानी से मिलते हैं। जगदीश ने इस नंबर पर फोन करके सारी जानकारी दी। इस पर जगदीश को अल्पेमिक्ष एप्प डाउनलोड करने के लिए कहा गया। इस एप्प के माध्यम से रुपए वापस आना बताया गया। जगदीश ने एप्प डाउनलोड कर लिया और रुपए आने का इंतजार करता रहा। इसके उलट इस एप्प के माध्यम से ठग ने एक लाख 26 हजार रुपए निकाल लिए। रुपए निकलने का मैसेज आया तो घबराए हुए सिपाही ने बैंक से संपर्क किया। वहां से रुपए निकल चुके थे। बाद में साइबर टीम को जानकारी दी। तब तक एक से दूसरे बैंक में ही ठग रुपए ट्रांसफर कर चुका था। आमतौर पर साइबर पुलिस बैंक खाता सीज करके रुपए वापस जमा करवा देती है लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हो सका।
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