20 February 2023 02:56 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
अब कम्पलीट ब्लड काउंट यानी ‘सीबीसी’ की जांच से रिपोर्ट से भी डॉक्टर मरीज का क्लिनिकल एग्जामिनेशन कर उसके रोग का पता लगा सकेंगे। इससे ना केवल मरीज को जल्द इलाज मिल सकेगा, बल्कि मेडिकल कॉलेज का भार भी कम होगा। यह बात रविवार को बीकानेर में आयोजित स्टेट लेवल की हेमेटोलॉजी सेमिनार में एसएमएस अस्पताल जयपुर के वरिष्ठ आचार्य डॉ. सुधीर मेहता ने कही। इस अवसर पर उन्होंने फिजिशियन्स, पीडियेट्रिशियन्स, पैथोलॉजिस्ट प्रशिक्षु डॉक्टर्स से कहा कि सीबीसी रिपोर्ट के साथ आने वाले ग्राफ्स की स्टडी कर खून से संबंधित बीमारियों के निदान एवं उसके कारणों का पता लगाया जा सकता है।
सेमिनार का उद्घाटन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. गुंजन सोनी, एवं सीनियर फिजिशियन डॉ. धनपत कोचर ने किया। कार्यक्रम सचिव डॉ. परमेंद्र सिरोही ने खून के गाढ़ा होने के कारणों एवं उसके लक्षण और उपचार के बारे में जानकारी दी। इसी क्रम में डॉ. प्रकाश सिंह ने खून में ईओसिनोफिल कोशिकाओं के बढ़ने के कारणों एवं उनके इलाज के बारे में बताया। डॉ.पंकज टांटीया ने बताया कि हिमोग्लोबिन एवं प्लेटलेट के ज्यादा या कम होने के कारणों और उससे होने वाले नुकसान के बारे में बताया।
डॉ. राहुल भार्गव ने पोषण की कमी से होने वाले खून की कमी के बारे में बताया। डॉ. जीएस तंवर ने हिमोलैटिक एनिमिया, डॉ. सोनम ने खून चढ़ाने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां, डॉ. बीके गुप्ता एवं डॉ. विष्णु शर्मा ने हिमोफिलिया रोग, डॉ. आयुषी श्रीवास्तव ने तिल्ली (स्पीलीन) बढ़ने को लेकर चर्चा की।
250 डॉक्टर्स ने लिया हिस्सा
कार्यक्रम में लगभग 250 प्रतिभागी डॉक्टर्स ने हिस्सा लिया, जिसमें प्रमुख प्रतिभागी आईएमए के उपाध्यक्ष डॉ. एसएन हर्ष, इंडियन चेस्ट सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एम.साबिर, ट्रॉपिकल न्यूरोलॉजी सोसायटी के संस्थापक सचिव डॉ. धनपत कोचर शामिल थे।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
अब कम्पलीट ब्लड काउंट यानी ‘सीबीसी’ की जांच से रिपोर्ट से भी डॉक्टर मरीज का क्लिनिकल एग्जामिनेशन कर उसके रोग का पता लगा सकेंगे। इससे ना केवल मरीज को जल्द इलाज मिल सकेगा, बल्कि मेडिकल कॉलेज का भार भी कम होगा। यह बात रविवार को बीकानेर में आयोजित स्टेट लेवल की हेमेटोलॉजी सेमिनार में एसएमएस अस्पताल जयपुर के वरिष्ठ आचार्य डॉ. सुधीर मेहता ने कही। इस अवसर पर उन्होंने फिजिशियन्स, पीडियेट्रिशियन्स, पैथोलॉजिस्ट प्रशिक्षु डॉक्टर्स से कहा कि सीबीसी रिपोर्ट के साथ आने वाले ग्राफ्स की स्टडी कर खून से संबंधित बीमारियों के निदान एवं उसके कारणों का पता लगाया जा सकता है।
सेमिनार का उद्घाटन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. गुंजन सोनी, एवं सीनियर फिजिशियन डॉ. धनपत कोचर ने किया। कार्यक्रम सचिव डॉ. परमेंद्र सिरोही ने खून के गाढ़ा होने के कारणों एवं उसके लक्षण और उपचार के बारे में जानकारी दी। इसी क्रम में डॉ. प्रकाश सिंह ने खून में ईओसिनोफिल कोशिकाओं के बढ़ने के कारणों एवं उनके इलाज के बारे में बताया। डॉ.पंकज टांटीया ने बताया कि हिमोग्लोबिन एवं प्लेटलेट के ज्यादा या कम होने के कारणों और उससे होने वाले नुकसान के बारे में बताया।
डॉ. राहुल भार्गव ने पोषण की कमी से होने वाले खून की कमी के बारे में बताया। डॉ. जीएस तंवर ने हिमोलैटिक एनिमिया, डॉ. सोनम ने खून चढ़ाने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां, डॉ. बीके गुप्ता एवं डॉ. विष्णु शर्मा ने हिमोफिलिया रोग, डॉ. आयुषी श्रीवास्तव ने तिल्ली (स्पीलीन) बढ़ने को लेकर चर्चा की।
250 डॉक्टर्स ने लिया हिस्सा
कार्यक्रम में लगभग 250 प्रतिभागी डॉक्टर्स ने हिस्सा लिया, जिसमें प्रमुख प्रतिभागी आईएमए के उपाध्यक्ष डॉ. एसएन हर्ष, इंडियन चेस्ट सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एम.साबिर, ट्रॉपिकल न्यूरोलॉजी सोसायटी के संस्थापक सचिव डॉ. धनपत कोचर शामिल थे।
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