17 February 2022 11:53 AM
मुबंई। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) व्यवस्था में जल्द ही अब तक का सबसे बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। इसके तहत जीएसटी की दरों को सरल बनाया जा सकता है और राज्यों की आमदनी बढ़ाने की भी कोशिश की जा सकती है। जीएसटी व्यवस्था 2017 में लागू हुई थी, जिसके बाद राज्यों को टैक्स रेवेन्यू के नुकसान में हुए भरपाई के लिए केंद्र सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाता था। राज्यों को दिया जाने वाला यह जीएसटी मुआवजा इस साल जून में खत्म हो रहा है।
लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी के नई बदलावों को चरणों में लागू किया जाता है। इन बदलावों में टैक्स छूट में कटौती, जीएसटी टैक्स स्लैब के तहत सिर्फ तीन दरों को लागू करना और कच्चे माल व इंटरमीडियरीज पर टैक्स से जुड़ी विसंगतियों को दूर करना शामिल है।
केंद्र और राज्य सरकारें इन प्रस्तावित सुधारों को चरणबद्ध तरीके से लागू कर सकती हैं, ताकि टैक्स में बदलावों को असर वस्तुओं के खपत पर कम से कम पड़ें।
मुबंई। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) व्यवस्था में जल्द ही अब तक का सबसे बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। इसके तहत जीएसटी की दरों को सरल बनाया जा सकता है और राज्यों की आमदनी बढ़ाने की भी कोशिश की जा सकती है। जीएसटी व्यवस्था 2017 में लागू हुई थी, जिसके बाद राज्यों को टैक्स रेवेन्यू के नुकसान में हुए भरपाई के लिए केंद्र सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाता था। राज्यों को दिया जाने वाला यह जीएसटी मुआवजा इस साल जून में खत्म हो रहा है।
लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी के नई बदलावों को चरणों में लागू किया जाता है। इन बदलावों में टैक्स छूट में कटौती, जीएसटी टैक्स स्लैब के तहत सिर्फ तीन दरों को लागू करना और कच्चे माल व इंटरमीडियरीज पर टैक्स से जुड़ी विसंगतियों को दूर करना शामिल है।
केंद्र और राज्य सरकारें इन प्रस्तावित सुधारों को चरणबद्ध तरीके से लागू कर सकती हैं, ताकि टैक्स में बदलावों को असर वस्तुओं के खपत पर कम से कम पड़ें।
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