05 May 2023 04:51 PM
जोग संजोग टाइम्स,
नेहर खाराजूवाला की नहर वितरक, जहां से इंदिरा गांधी गुजर रही थीं, क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे लाखों लीटर पानी बर्बाद हो गया। जब किसानों को पता चला तो उन्होंने तुरंत मौके पर जाकर नहर को ठीक करा दिया। खबर मिलते ही नहर विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
इंदिरा गांधी जिस नहर से गुजर रही थीं, उसके 140 बीएलडी (बीघा, लगान और डेसीमल) हिस्से में करीब दस फीट दरार आ गई थी, जिससे पानी लगातार बहता रहता था। यह पूगल शाखा का एक हिस्सा है, जहां पेड़ का एक हिस्सा गिर जाने से पानी का बहाव तेज हो गया। इस घटना से नहर का खंड टूट गया और पानी दूसरी ओर खेतों की ओर बहने लगा। जब किसानों को पता चला कि काफी समय से अनावश्यक रूप से पानी बह रहा है, तो उन्होंने एक दूसरे को सूचित किया, एकत्र हुए और मिट्टी से नहर की मरम्मत की। देर रात नहर टूट गई, जिसे शुक्रवार दोपहर फिर से ठीक कर दिया गया। तब तक खेतों में पानी बेकार बह रहा था। सूचना मिलने पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों सहित खाराजूवाला में कार्यपालन यंत्री ओम प्रकाश रैगर भी मौके पर पहुंचे। सूचना मिलने पर कैबिनेट मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने भी नहर विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया।
वर्तमान में नहर बंद होने के कारण नहर में पीने का पानी ही उपलब्ध है। हरिके बैराज के कारण नहर को बंद कर दिया गया था, लेकिन जो पानी पहले से बह रहा था, वह अब भी उपलब्ध है। 30 जून को नहर में पानी वापस आने तक पानी की एक-एक बूंद की कीमत अब आंकी जा रही है।
जोग संजोग टाइम्स,
नेहर खाराजूवाला की नहर वितरक, जहां से इंदिरा गांधी गुजर रही थीं, क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे लाखों लीटर पानी बर्बाद हो गया। जब किसानों को पता चला तो उन्होंने तुरंत मौके पर जाकर नहर को ठीक करा दिया। खबर मिलते ही नहर विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
इंदिरा गांधी जिस नहर से गुजर रही थीं, उसके 140 बीएलडी (बीघा, लगान और डेसीमल) हिस्से में करीब दस फीट दरार आ गई थी, जिससे पानी लगातार बहता रहता था। यह पूगल शाखा का एक हिस्सा है, जहां पेड़ का एक हिस्सा गिर जाने से पानी का बहाव तेज हो गया। इस घटना से नहर का खंड टूट गया और पानी दूसरी ओर खेतों की ओर बहने लगा। जब किसानों को पता चला कि काफी समय से अनावश्यक रूप से पानी बह रहा है, तो उन्होंने एक दूसरे को सूचित किया, एकत्र हुए और मिट्टी से नहर की मरम्मत की। देर रात नहर टूट गई, जिसे शुक्रवार दोपहर फिर से ठीक कर दिया गया। तब तक खेतों में पानी बेकार बह रहा था। सूचना मिलने पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों सहित खाराजूवाला में कार्यपालन यंत्री ओम प्रकाश रैगर भी मौके पर पहुंचे। सूचना मिलने पर कैबिनेट मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने भी नहर विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया।
वर्तमान में नहर बंद होने के कारण नहर में पीने का पानी ही उपलब्ध है। हरिके बैराज के कारण नहर को बंद कर दिया गया था, लेकिन जो पानी पहले से बह रहा था, वह अब भी उपलब्ध है। 30 जून को नहर में पानी वापस आने तक पानी की एक-एक बूंद की कीमत अब आंकी जा रही है।
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