26 May 2023 12:42 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर , बीकानेर के अर्जुनसर की सरकारी स्कूल की छात्रा रेखा ने न सिर्फ बीकानेर बल्कि प्रदेश के टॉप स्टूडेंट्स में अपना नाम दर्ज करवा दिया है। रेखा ने 98 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं, जो अब तक की रिपोर्ट्स में बीकानेर में सर्वाधिक है। रेखा की स्कूल में पढ़ने वाली पारुल और मिनाक्षी के भी 95 प्रतिशत अंक है। खुद रेखा ने हिन्दी इंग्लिश में 99-99 अंकों के साथ ही हिस्ट्री और ज्योग्राफी में 98-98 अंक प्राप्त किए, जबकि पॉलिटिकल साइंस में सबसे कम 96 अंक मिले हैं।
खेत में किसानी करने वाले रणजीत की चार बेटियों में से एक रेखा ने न सिर्फ अर्जुनसर और बीकानेर बल्कि प्रदेश के टॉपर्स में भी अपना नाम दर्ज करवाया है। उसके 98 परसेंट मार्क्स हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में रेखा कहती है कि ये सब तो स्कूल टीचर्स की मेहनत का परिणाम है। अर्जुनसर के सरकारी स्कूल में एक नहीं बल्कि दो-दो सब्जेक्ट लेक्चरर हैं। पॉलिटिकल साइंस, ज्योग्राफी और हिस्ट्री तीनों में सिर्फ स्कूल लेक्चरर ने ही पढ़ाया। किसी तरह का कोई ट्यूशन या कोचिंग नहीं की। हिन्दी और इंग्लिश में 99 मार्क्स आए हैं ये भी टीचर्स की मेहनत है।
अब गांव से बाहर जाना होगा
रेखा बताती है कि अर्जुनसर में कोई कॉलेज नहीं है, ऐसे में उसे आगे पढ़ने के लिए सूरतगढ़ जाना पड़ेगा। जहां वो ग्रेजुएशन के साथ ही आरएएस की तैयारी करेगी। ग्रेजुएशन के बाद वो सीधे आरएएस देगी ताकि सफलता मिल सके। उसका मानना है कि हर बड़े कस्बे में एक कॉलेज होना चाहिए ताकि स्टूडेंट्स को घर छोड़कर दूर नहीं जाना पड़े। वो बीकानेर या लूणकरनसर के बजाय सूरतगढ़ के कॉलेज में पढ़ना चाहती है।
चार बहनें, चारों होनहार
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर , बीकानेर के अर्जुनसर की सरकारी स्कूल की छात्रा रेखा ने न सिर्फ बीकानेर बल्कि प्रदेश के टॉप स्टूडेंट्स में अपना नाम दर्ज करवा दिया है। रेखा ने 98 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं, जो अब तक की रिपोर्ट्स में बीकानेर में सर्वाधिक है। रेखा की स्कूल में पढ़ने वाली पारुल और मिनाक्षी के भी 95 प्रतिशत अंक है। खुद रेखा ने हिन्दी इंग्लिश में 99-99 अंकों के साथ ही हिस्ट्री और ज्योग्राफी में 98-98 अंक प्राप्त किए, जबकि पॉलिटिकल साइंस में सबसे कम 96 अंक मिले हैं।
खेत में किसानी करने वाले रणजीत की चार बेटियों में से एक रेखा ने न सिर्फ अर्जुनसर और बीकानेर बल्कि प्रदेश के टॉपर्स में भी अपना नाम दर्ज करवाया है। उसके 98 परसेंट मार्क्स हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में रेखा कहती है कि ये सब तो स्कूल टीचर्स की मेहनत का परिणाम है। अर्जुनसर के सरकारी स्कूल में एक नहीं बल्कि दो-दो सब्जेक्ट लेक्चरर हैं। पॉलिटिकल साइंस, ज्योग्राफी और हिस्ट्री तीनों में सिर्फ स्कूल लेक्चरर ने ही पढ़ाया। किसी तरह का कोई ट्यूशन या कोचिंग नहीं की। हिन्दी और इंग्लिश में 99 मार्क्स आए हैं ये भी टीचर्स की मेहनत है।
अब गांव से बाहर जाना होगा
रेखा बताती है कि अर्जुनसर में कोई कॉलेज नहीं है, ऐसे में उसे आगे पढ़ने के लिए सूरतगढ़ जाना पड़ेगा। जहां वो ग्रेजुएशन के साथ ही आरएएस की तैयारी करेगी। ग्रेजुएशन के बाद वो सीधे आरएएस देगी ताकि सफलता मिल सके। उसका मानना है कि हर बड़े कस्बे में एक कॉलेज होना चाहिए ताकि स्टूडेंट्स को घर छोड़कर दूर नहीं जाना पड़े। वो बीकानेर या लूणकरनसर के बजाय सूरतगढ़ के कॉलेज में पढ़ना चाहती है।
चार बहनें, चारों होनहार
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