29 July 2022 04:33 PM

जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) ने गुरुवार को 2008 में अहमदाबाद में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों में 38 दोषियों को दी गई मौत की सजा की पुष्टि के एक मामले को स्वीकार कर लिया और निचली अदालत से संबंधित दस्तावेज मांगे। न्यायमूर्ति विपुल पंचोली और न्यायमूर्ति संदीप भट्ट की खंडपीठ ने दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 366 के तहत 38 दोषियों को मौत की सजा के आदेश की पुष्टि का मामला स्वीकार किया। नौ मार्च को जारी नोटिस के जवाब में 38 दोषियों में से 15 अपने वकीलों के माध्यम से पेश हुए। उनके वकील ने कहा कि वे अपनी दोषसिद्धि को उच्च न्यायालय (High Court) में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं और अगले 15-20 दिनों के भीतर अपील दायर किए जाने की संभावना है। राज्य सरकार ने मौत की सजा (Death Sentence) पाने वाले दोषियों के लिए सीआरपीसी (CrPC) के तहत उच्च न्यायालय में एक आपराधिक पुष्टि का मामला दायर किया था। सीआरपीसी की धारा 366 के अनुसार, मौत की सजा तब तक नहीं दी जाती जब तक कि सत्र अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने की स्थिति में उच्च न्यायालय द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की जाती है। अहमदाबाद की एक विशेष अदालत ने शहर में 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में 38 दोषियों को इस साल फरवरी में सजा-ए-मौत और 11 अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इन धमाकों में 59 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। बता दें कि 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद शहर में 22 बम विस्फोट हुए थे। पुलिस ने दावा किया था कि प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के एक धड़े इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) से जुड़े लोग बम धमाकों में शामिल थे। ट्रायल कोर्ट ने 49 आरोपियों को गैरकानूनी गति
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर,
गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) ने गुरुवार को 2008 में अहमदाबाद में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों में 38 दोषियों को दी गई मौत की सजा की पुष्टि के एक मामले को स्वीकार कर लिया और निचली अदालत से संबंधित दस्तावेज मांगे। न्यायमूर्ति विपुल पंचोली और न्यायमूर्ति संदीप भट्ट की खंडपीठ ने दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 366 के तहत 38 दोषियों को मौत की सजा के आदेश की पुष्टि का मामला स्वीकार किया। नौ मार्च को जारी नोटिस के जवाब में 38 दोषियों में से 15 अपने वकीलों के माध्यम से पेश हुए। उनके वकील ने कहा कि वे अपनी दोषसिद्धि को उच्च न्यायालय (High Court) में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं और अगले 15-20 दिनों के भीतर अपील दायर किए जाने की संभावना है। राज्य सरकार ने मौत की सजा (Death Sentence) पाने वाले दोषियों के लिए सीआरपीसी (CrPC) के तहत उच्च न्यायालय में एक आपराधिक पुष्टि का मामला दायर किया था। सीआरपीसी की धारा 366 के अनुसार, मौत की सजा तब तक नहीं दी जाती जब तक कि सत्र अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने की स्थिति में उच्च न्यायालय द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की जाती है। अहमदाबाद की एक विशेष अदालत ने शहर में 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में 38 दोषियों को इस साल फरवरी में सजा-ए-मौत और 11 अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इन धमाकों में 59 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। बता दें कि 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद शहर में 22 बम विस्फोट हुए थे। पुलिस ने दावा किया था कि प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के एक धड़े इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) से जुड़े लोग बम धमाकों में शामिल थे। ट्रायल कोर्ट ने 49 आरोपियों को गैरकानूनी गति
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