01 May 2022 02:29 PM
जोग संजग टाइम बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार लूणकरणसर क्षेत्र में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार मंदबुद्धि किशोरी को बीकानेर में मेडिकल मुआयना के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी। करीब 45 डिग्री पारे के बीच शुक्रवार को उसके परिवार का पूरा दिन सैटेलाइट और पीबीएम हॉस्पिटल के बीच बीत गया। लेकिन 10 घंटे बाद भी पीड़ित किशोरी का मेडिकल मुआयना नहीं हुआ।
किशोरी के साथ 27 अप्रैल को गांव के तीन युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। दो दिन बाद भी उनकी अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। 28 अप्रैल को मेडिकल मुआयना के लिए किशोरी के परिजन पीड़िता को गांव की सीएचसी लेकर गए, लेकिन वहां के डॉक्टरों ने उसे सैटेलाइट हॉस्पिटल रेफर कर दिया।
शुक्रवार को सैटेलाइट हॉस्पिटल पहुंचने पर डॉक्टरों ने यह कहकर पीड़िता और उसके परिजनों को पीबीएम रेफर कर दिया कि सीएचसी के लेटर में मौखिक आदेश का हवाला दिया गया है। परिजन जब पीड़िता को पीबीएम हॉस्पिटल लेकर गए तो वहां के डॉक्टरों ने आदेश में सैटेलाइट हॉस्पिटल का लिखा होने का बताकर उसे वापस सैटेलाइट रेफर कर दिया। सैटेलाइट हॉस्पिटल से शाम करीब साढ़े छह बजे युवती और परिजनों को दोबारा पीबीएम हॉस्पिटल भेज दिया गया। डॉक्टरों ने तर्क दिया कि पीड़िता मेडिकल मुआयना कराने में सहयोग नहीं कर रही।
डॉक्टर यही कहते रहे-लड़की सहयोग नहीं कर रही
एक घंटे तक चलता रहा डिस्कस
दूसरी बार जब पीड़िता और उसके परिजन पीबीएम हॉस्पिटल पहुंचे तो वहां के डॉक्टर करीब एक घंटे तक आपस में डिस्कस ही करते रहे। रात करीब आठ बजे तक किशोरी का मेडिकल मुआयना नहीं हुआ। पीड़िता के साथ एक महिला और पुरुष कांस्टेबल भी परेशान होते रहे, लेकिन उनकी पीड़ा को किसी ने नहीं समझा। इससे पूर्व सैटेलाइट और पीबीएम हॉस्पिटल में मेडिकल कराने के लिए डॉक्टरों का बोर्ड बैठा, लेकिन मेडिकल नहीं हो पाया। हर रेफर पर्ची में डॉक्टर एक ही तर्क देते रहे कि मेडिकल में किशोरी सहयोग नहीं कर रही।
महिला डॉक्टर पर मिस बिहेवियर का आरोप
पीड़िता के साथ आए परिजनों ने सैटेलाइट हॉस्पिटल की एक महिला डॉक्टर पर मिस बिहेवियर का आरोप भी लगाया। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों के बोर्ड में एक महिला डॉक्टर जांच करने से पहले ही तैश में आ गई। उसने मरीज और परिजनों के सामने ही अपने हाथ में पहने दस्ताने फेंक दिए।
जोग संजग टाइम बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार लूणकरणसर क्षेत्र में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार मंदबुद्धि किशोरी को बीकानेर में मेडिकल मुआयना के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी। करीब 45 डिग्री पारे के बीच शुक्रवार को उसके परिवार का पूरा दिन सैटेलाइट और पीबीएम हॉस्पिटल के बीच बीत गया। लेकिन 10 घंटे बाद भी पीड़ित किशोरी का मेडिकल मुआयना नहीं हुआ।
किशोरी के साथ 27 अप्रैल को गांव के तीन युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। दो दिन बाद भी उनकी अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। 28 अप्रैल को मेडिकल मुआयना के लिए किशोरी के परिजन पीड़िता को गांव की सीएचसी लेकर गए, लेकिन वहां के डॉक्टरों ने उसे सैटेलाइट हॉस्पिटल रेफर कर दिया।
शुक्रवार को सैटेलाइट हॉस्पिटल पहुंचने पर डॉक्टरों ने यह कहकर पीड़िता और उसके परिजनों को पीबीएम रेफर कर दिया कि सीएचसी के लेटर में मौखिक आदेश का हवाला दिया गया है। परिजन जब पीड़िता को पीबीएम हॉस्पिटल लेकर गए तो वहां के डॉक्टरों ने आदेश में सैटेलाइट हॉस्पिटल का लिखा होने का बताकर उसे वापस सैटेलाइट रेफर कर दिया। सैटेलाइट हॉस्पिटल से शाम करीब साढ़े छह बजे युवती और परिजनों को दोबारा पीबीएम हॉस्पिटल भेज दिया गया। डॉक्टरों ने तर्क दिया कि पीड़िता मेडिकल मुआयना कराने में सहयोग नहीं कर रही।
डॉक्टर यही कहते रहे-लड़की सहयोग नहीं कर रही
एक घंटे तक चलता रहा डिस्कस
दूसरी बार जब पीड़िता और उसके परिजन पीबीएम हॉस्पिटल पहुंचे तो वहां के डॉक्टर करीब एक घंटे तक आपस में डिस्कस ही करते रहे। रात करीब आठ बजे तक किशोरी का मेडिकल मुआयना नहीं हुआ। पीड़िता के साथ एक महिला और पुरुष कांस्टेबल भी परेशान होते रहे, लेकिन उनकी पीड़ा को किसी ने नहीं समझा। इससे पूर्व सैटेलाइट और पीबीएम हॉस्पिटल में मेडिकल कराने के लिए डॉक्टरों का बोर्ड बैठा, लेकिन मेडिकल नहीं हो पाया। हर रेफर पर्ची में डॉक्टर एक ही तर्क देते रहे कि मेडिकल में किशोरी सहयोग नहीं कर रही।
महिला डॉक्टर पर मिस बिहेवियर का आरोप
पीड़िता के साथ आए परिजनों ने सैटेलाइट हॉस्पिटल की एक महिला डॉक्टर पर मिस बिहेवियर का आरोप भी लगाया। उन्होंने बताया कि डॉक्टरों के बोर्ड में एक महिला डॉक्टर जांच करने से पहले ही तैश में आ गई। उसने मरीज और परिजनों के सामने ही अपने हाथ में पहने दस्ताने फेंक दिए।
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