31 March 2022 12:08 PM
जोग संजोग टाइम्स ,बीकानेर
भारत की आज़ादी के पश्चात वर्तमान राजस्थान का निर्माण 7 चरणों मे देसी रियासतों के एकीकरण की बदौलत 18 मार्च 1948 से शुरू होकर 1 नवम्बर 1956 को पूर्ण हुआ।
चूंकि उस वक्त सभी रियासतों की भाषा राजस्थानी ही थी पर भारत सरकार द्वारा हिंदी भाषा को स्थापित करने के उद्देश्य से राजस्थानी के महत्व को भविष्य में उचित स्थान दिलाने का भरोसा देकर आज तक भी उचित सम्मान नही मिलने को लेकर आज राजस्थान के हर नागरिक को काफी अफसोस है हर राजस्थानी की जबान पर एक ही रट है कि राजस्थानी के बिना राजस्थान दिवस का कोई औचित्य नही है ये उद्गार व्यक्त करते हुए राजस्थानी मोट्यार परिसद के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ गौरीशंकर प्रजापत ने राज्य सरकार से मांग की, की तुरंत राजस्थानी को राजस्थान की राजभाषा घोषित किया जाना चाईये।।परिसद के ही रामावतार उपाध्याय ने कहा कि राजस्थान का बेरोजगार युवा राजस्थानी भाषा की मान्यता की बाट देख रहा है, प्रशांत जैन और राजेश चौधरी ने बताया कि राजस्थान सरकार 155 विधायको ओर मंत्रियों ने राजस्थान सरकार को राजभाषा हेतु पत्र लिखा है तो मुख्यमंत्री जी को अब बिना किसी हिचकिचाहट के राजस्थान की जनता की भावना का आदर करना चाईये।
परिसद के ही भरत दान चारण ने कहा कि राजस्थान सरकार को हर महाविद्यालय स्तर,विद्यालय स्तर पर राजस्थानी भाषा को पढ़ाने की व्यवस्था करनी चाईये ताकि नई पीढ़ी को राजस्थान को संस्क्रति से जोड़ा रखा जा सके।
आज राजस्थान दिवस के अवसर पर बीकानेर के गांधी पार्क में आयोजित राजस्थानी भाषा और राजस्थान दिवस पर अपने विच्यार प्रकट करते हुए भाषा हेतालुओ ने राजस्थानी को राजभाषा ओर केंद्र से मान्यता की आस प्रकट की।
बैठक में विनय भाटी,रोबिन बिश्नोई, रजत सोलंकी,आदित्य मोहता सहित कई भाषा हेतालुओ ने अपने विचार प्रकट किये।
जोग संजोग टाइम्स ,बीकानेर
भारत की आज़ादी के पश्चात वर्तमान राजस्थान का निर्माण 7 चरणों मे देसी रियासतों के एकीकरण की बदौलत 18 मार्च 1948 से शुरू होकर 1 नवम्बर 1956 को पूर्ण हुआ।
चूंकि उस वक्त सभी रियासतों की भाषा राजस्थानी ही थी पर भारत सरकार द्वारा हिंदी भाषा को स्थापित करने के उद्देश्य से राजस्थानी के महत्व को भविष्य में उचित स्थान दिलाने का भरोसा देकर आज तक भी उचित सम्मान नही मिलने को लेकर आज राजस्थान के हर नागरिक को काफी अफसोस है हर राजस्थानी की जबान पर एक ही रट है कि राजस्थानी के बिना राजस्थान दिवस का कोई औचित्य नही है ये उद्गार व्यक्त करते हुए राजस्थानी मोट्यार परिसद के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ गौरीशंकर प्रजापत ने राज्य सरकार से मांग की, की तुरंत राजस्थानी को राजस्थान की राजभाषा घोषित किया जाना चाईये।।परिसद के ही रामावतार उपाध्याय ने कहा कि राजस्थान का बेरोजगार युवा राजस्थानी भाषा की मान्यता की बाट देख रहा है, प्रशांत जैन और राजेश चौधरी ने बताया कि राजस्थान सरकार 155 विधायको ओर मंत्रियों ने राजस्थान सरकार को राजभाषा हेतु पत्र लिखा है तो मुख्यमंत्री जी को अब बिना किसी हिचकिचाहट के राजस्थान की जनता की भावना का आदर करना चाईये।
परिसद के ही भरत दान चारण ने कहा कि राजस्थान सरकार को हर महाविद्यालय स्तर,विद्यालय स्तर पर राजस्थानी भाषा को पढ़ाने की व्यवस्था करनी चाईये ताकि नई पीढ़ी को राजस्थान को संस्क्रति से जोड़ा रखा जा सके।
आज राजस्थान दिवस के अवसर पर बीकानेर के गांधी पार्क में आयोजित राजस्थानी भाषा और राजस्थान दिवस पर अपने विच्यार प्रकट करते हुए भाषा हेतालुओ ने राजस्थानी को राजभाषा ओर केंद्र से मान्यता की आस प्रकट की।
बैठक में विनय भाटी,रोबिन बिश्नोई, रजत सोलंकी,आदित्य मोहता सहित कई भाषा हेतालुओ ने अपने विचार प्रकट किये।
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