15 March 2022 05:59 PM
जोग संजोग टाइम्स ,बीकानेर
विधानसभा बजट य संयम लोढ़ा ने वेल में आकर पुलिस के खिलाफ नारे लगाए, स्पीकर ने मार्शल बुलाकर सदन से बाहर निकलवाया
जयपुर
नारेबाजी से नाराज स्पीकर सीपी जोशी ने मार्शल बुलवाकर सयंम लोढ़ा को सदन से बाहर निकलवा दिया। अचानक हुए इस घटनाक्रम की सियासी गलियरों में भारी चर्चा है।
विधानसभा में शून्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा ने सिरोही के बरलूट में एक निर्दोष व्यक्ति को हत्या के आरोप में जेल में रखने के मामले में वेल में आकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। नारेबाजी से नाराज स्पीकर सीपी जोशी ने मार्शल बुलवाकर संयम लोढ़ा को सदन से बाहर निकलवा दिया। अचानक हुए इस घटनाक्रम की सियासी गलियारों में भारी चर्चा है। सदन में ऐसा पहली बार हुआ है, जब सरकार के सलाहकार विधायक को इस तरह मार्शल बुलाकर बाहर निकाला हो।
बरलूट मामले में सात दिन में जांच करवाने की घोषणा
संयम लोढ़ा ने सिरोही के बरलूट थाने में लिखमाराम देवासी नाम के निर्दोष व्यक्ति को हत्या के मामले में जेल भेजने का ध्यानाकर्षण से मामला उठाया। इसके जवाब में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि इस पूरे मामले में जांच के बाद जो भी पुलिसकर्मी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। कार्रवाई से पहले जांच जरूरी है। सात दिन में जांच हो जाएगी। एक निर्दोष के हक में यह अच्छा मामला उठाया है।
संयम लोढ़ा ने मंत्री के जवाब के बीच ही सवाल उठाए
मंत्री के जवाब के बीच ही संयम लोढ़ा ने कहा कि 2018 में कांग्रेस पार्टी की तरफ से बरलूट थाने का हमने घेराव किया था। सबको पता है कि वह व्यक्ति निर्दोष है, उसे झूठा फंसाया गया है। इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि हिस्ट्री से कोई मतलब नहीं है, आप मंत्री का जवाब नहीं सुनना चाहते। सात दिन में जांच हो जाएगी, अब चर्चा खत्म हो गई। इसके बाद भी संयम लोढ़ा बोलते रहे।
संयम लोढ़ा ने कहा कि 2018 में कांग्रेस पार्टी की तरफ से बरलूट थाने का हमने घेराव किया था। सबको पता है कि वह व्यक्ति निर्दोष है, उसे झूठा फंसाया गया है।
संयम लोढ़ा ने कहा कि 2018 में कांग्रेस पार्टी की तरफ से बरलूट थाने का हमने घेराव किया था। सबको पता है कि वह व्यक्ति निर्दोष है, उसे झूठा फंसाया गया है।
स्पीकर ने कहा- मार्शल इसे बाहर फेंकिए
संयम लोढ़ा ने स्पीकर के टोकने के बाद भी बोलना जारी रखा। स्पीकर ने बैठने को कहा तो पुलिस के खिलाफ नारे लगाने लगे। इस पर स्पीकर ने कहा कि मैं सदन से बाहर फिंकवा दूंगा। आपके हिसाब से सदन नहीं चलेगा। इसके बाद भी नारेबाजी जारी रही तो स्पीकर ने मार्शल से कहा कि इसे बाहर फेंकिए। इस तरह स्पीकर ने सरकार के सलाहकार को मार्शल से बाहर निकलवा दिया। जोशी ने कहा कि इसकी बिल्कुल इजाजत नहीं दी जा सकती। बाकी विधायकों से भी आग्रह है कि वे इस तरह का आचरण नहीं करें, जिससे मुझे कोई अप्रिय फैसला करना पड़े।
सीपी जोशी के समर्थक रहे हैं लोढ़ा
सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा को स्पीकर ने जिस तरह सदन से मार्शल के जरिए बाहर निकलवाया, उसे सियासी हलकों में अप्रत्याशित घटना माना जा रहा है। संयम लोढ़ा 2003 से 2008 के बीच कांग्रेस के विपक्ष में रहने के दौरान सीपी जोशी की टीम के फायरब्रांड मेंबर थे। लोढ़ा सीपी जोशी की टीम के सबसे आक्रमक विधायक थे और उस दौर में तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे को कई मुद्दों पर सदन के भीतर घेरने में लोढ़ा आगे रहते थे। बाद में दोनों के बीच वह केमिस्ट्री नहीं रही।
कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा बोले- सरकार इतनी सुस्त क्यों है कि अफसर नहीं सुनते
कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा ने अपनी ही सरकार के कामकाज के तरीके पर सवाल उठा दिए।
कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा ने अपनी ही सरकार के कामकाज के तरीके पर सवाल उठा दिए।
इधर, विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा ने अपनी ही सरकार के कामकाज के तरीके पर सवाल उठा दिए। उन्होंने घोषणा के चार साल बाद भी बूंदी में बूंदा मीणा का पैनोरमा नहीं बनाने पर सवाल उठाए। रामनारायण मीणा ने कहा कि सरकार इतनी सुस्त क्यों चल रही है। अफसर उसकी बात नहीं मानते। संस्कृति मंत्री ने कलेक्टर को लेटर लिखा। अब तक काम क्यों नहीं हुआ? 2018 में बूंदी में बूंदा मीणा का पैनोरमा बनाने की घोषणा हुई थी, अब तक कोई काम नहीं हुआ है। जिम्मेदार अफसर के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?
इस पर कला संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि पैनारेमा के लिए तीन बार पत्र लिखा जा चुका है। अभी 28 फरवरी को ही बूंदी कलेक्टर ने स्वायत्त शासन विभाग को तीन एकड़ जमीन मुफ्त आवंटित करने के लिए लिखा है। जैसे ही जमीन आवंटित हो जाएगी काम शुरू हो जाएगा। इस पर रामनारायण मीणा ने फिर सवाल उठाया कि चार साल में अफसर ने बात नहीं मानी, उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?
स्पीकर बोले- दोनों मंत्री साथ बैठे हो, आपस में चर्चा करके फैसला कर लीजिए
मंत्री कल्ला ने कहा कि कला संस्कृति विभाग केवल जमीन की मांग कर सकता है, जमीन आवंटित नहीं कर सकता। इस मामले में स्वायत्त शासन मंत्री से चर्चा करके समाधान निकाला जाएगा। इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि स्वायत्त शासन मंत्री और आप साथ में ही बैठे हैं। आपस में चर्चा करके फैसला करें और चार साल से पेंडिंग चल रहे काम में आ रही समस्या को दूर करें।
स्पीकर से उलझे बीजेपी विधायक राजवी, सवाल स्थगित
राजस्थान संवाद एजेंसी से जुड़े सवाल को लेकर बीजेपी विधायक नरपत सिंह राजवी और स्पीकर सीपी जोशी के बीच बहस हो गई। स्पीकर ने राजवी से रिलेवेंट सवाल ही पूछने को कहा। इसके बाद राजवी ने उनके सवाल का एक पाॅइंट विधानसभा से हटाने की बात कही, इस पर स्पीकर ने कहा कि असेंबली के कामकाज पर सवाल नहीं उठा सकते। इससे पहले राजवी ने सवाल उठाया कि संवाद की ओर से डीआईपीआर के कर्मचारियों को 10 फीसदी पैसा अतिरिक्त दिया जा रहा है। मंत्री पूरा जवाब नहीं दे पाए, इसके बाद स्पीकर ने सवाल स्थगित कर दिया।
जोग संजोग टाइम्स ,बीकानेर
विधानसभा बजट य संयम लोढ़ा ने वेल में आकर पुलिस के खिलाफ नारे लगाए, स्पीकर ने मार्शल बुलाकर सदन से बाहर निकलवाया
जयपुर
नारेबाजी से नाराज स्पीकर सीपी जोशी ने मार्शल बुलवाकर सयंम लोढ़ा को सदन से बाहर निकलवा दिया। अचानक हुए इस घटनाक्रम की सियासी गलियरों में भारी चर्चा है।
विधानसभा में शून्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा ने सिरोही के बरलूट में एक निर्दोष व्यक्ति को हत्या के आरोप में जेल में रखने के मामले में वेल में आकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। नारेबाजी से नाराज स्पीकर सीपी जोशी ने मार्शल बुलवाकर संयम लोढ़ा को सदन से बाहर निकलवा दिया। अचानक हुए इस घटनाक्रम की सियासी गलियारों में भारी चर्चा है। सदन में ऐसा पहली बार हुआ है, जब सरकार के सलाहकार विधायक को इस तरह मार्शल बुलाकर बाहर निकाला हो।
बरलूट मामले में सात दिन में जांच करवाने की घोषणा
संयम लोढ़ा ने सिरोही के बरलूट थाने में लिखमाराम देवासी नाम के निर्दोष व्यक्ति को हत्या के मामले में जेल भेजने का ध्यानाकर्षण से मामला उठाया। इसके जवाब में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि इस पूरे मामले में जांच के बाद जो भी पुलिसकर्मी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। कार्रवाई से पहले जांच जरूरी है। सात दिन में जांच हो जाएगी। एक निर्दोष के हक में यह अच्छा मामला उठाया है।
संयम लोढ़ा ने मंत्री के जवाब के बीच ही सवाल उठाए
मंत्री के जवाब के बीच ही संयम लोढ़ा ने कहा कि 2018 में कांग्रेस पार्टी की तरफ से बरलूट थाने का हमने घेराव किया था। सबको पता है कि वह व्यक्ति निर्दोष है, उसे झूठा फंसाया गया है। इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि हिस्ट्री से कोई मतलब नहीं है, आप मंत्री का जवाब नहीं सुनना चाहते। सात दिन में जांच हो जाएगी, अब चर्चा खत्म हो गई। इसके बाद भी संयम लोढ़ा बोलते रहे।
संयम लोढ़ा ने कहा कि 2018 में कांग्रेस पार्टी की तरफ से बरलूट थाने का हमने घेराव किया था। सबको पता है कि वह व्यक्ति निर्दोष है, उसे झूठा फंसाया गया है।
संयम लोढ़ा ने कहा कि 2018 में कांग्रेस पार्टी की तरफ से बरलूट थाने का हमने घेराव किया था। सबको पता है कि वह व्यक्ति निर्दोष है, उसे झूठा फंसाया गया है।
स्पीकर ने कहा- मार्शल इसे बाहर फेंकिए
संयम लोढ़ा ने स्पीकर के टोकने के बाद भी बोलना जारी रखा। स्पीकर ने बैठने को कहा तो पुलिस के खिलाफ नारे लगाने लगे। इस पर स्पीकर ने कहा कि मैं सदन से बाहर फिंकवा दूंगा। आपके हिसाब से सदन नहीं चलेगा। इसके बाद भी नारेबाजी जारी रही तो स्पीकर ने मार्शल से कहा कि इसे बाहर फेंकिए। इस तरह स्पीकर ने सरकार के सलाहकार को मार्शल से बाहर निकलवा दिया। जोशी ने कहा कि इसकी बिल्कुल इजाजत नहीं दी जा सकती। बाकी विधायकों से भी आग्रह है कि वे इस तरह का आचरण नहीं करें, जिससे मुझे कोई अप्रिय फैसला करना पड़े।
सीपी जोशी के समर्थक रहे हैं लोढ़ा
सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा को स्पीकर ने जिस तरह सदन से मार्शल के जरिए बाहर निकलवाया, उसे सियासी हलकों में अप्रत्याशित घटना माना जा रहा है। संयम लोढ़ा 2003 से 2008 के बीच कांग्रेस के विपक्ष में रहने के दौरान सीपी जोशी की टीम के फायरब्रांड मेंबर थे। लोढ़ा सीपी जोशी की टीम के सबसे आक्रमक विधायक थे और उस दौर में तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे को कई मुद्दों पर सदन के भीतर घेरने में लोढ़ा आगे रहते थे। बाद में दोनों के बीच वह केमिस्ट्री नहीं रही।
कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा बोले- सरकार इतनी सुस्त क्यों है कि अफसर नहीं सुनते
कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा ने अपनी ही सरकार के कामकाज के तरीके पर सवाल उठा दिए।
कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा ने अपनी ही सरकार के कामकाज के तरीके पर सवाल उठा दिए।
इधर, विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा ने अपनी ही सरकार के कामकाज के तरीके पर सवाल उठा दिए। उन्होंने घोषणा के चार साल बाद भी बूंदी में बूंदा मीणा का पैनोरमा नहीं बनाने पर सवाल उठाए। रामनारायण मीणा ने कहा कि सरकार इतनी सुस्त क्यों चल रही है। अफसर उसकी बात नहीं मानते। संस्कृति मंत्री ने कलेक्टर को लेटर लिखा। अब तक काम क्यों नहीं हुआ? 2018 में बूंदी में बूंदा मीणा का पैनोरमा बनाने की घोषणा हुई थी, अब तक कोई काम नहीं हुआ है। जिम्मेदार अफसर के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?
इस पर कला संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि पैनारेमा के लिए तीन बार पत्र लिखा जा चुका है। अभी 28 फरवरी को ही बूंदी कलेक्टर ने स्वायत्त शासन विभाग को तीन एकड़ जमीन मुफ्त आवंटित करने के लिए लिखा है। जैसे ही जमीन आवंटित हो जाएगी काम शुरू हो जाएगा। इस पर रामनारायण मीणा ने फिर सवाल उठाया कि चार साल में अफसर ने बात नहीं मानी, उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?
स्पीकर बोले- दोनों मंत्री साथ बैठे हो, आपस में चर्चा करके फैसला कर लीजिए
मंत्री कल्ला ने कहा कि कला संस्कृति विभाग केवल जमीन की मांग कर सकता है, जमीन आवंटित नहीं कर सकता। इस मामले में स्वायत्त शासन मंत्री से चर्चा करके समाधान निकाला जाएगा। इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि स्वायत्त शासन मंत्री और आप साथ में ही बैठे हैं। आपस में चर्चा करके फैसला करें और चार साल से पेंडिंग चल रहे काम में आ रही समस्या को दूर करें।
स्पीकर से उलझे बीजेपी विधायक राजवी, सवाल स्थगित
राजस्थान संवाद एजेंसी से जुड़े सवाल को लेकर बीजेपी विधायक नरपत सिंह राजवी और स्पीकर सीपी जोशी के बीच बहस हो गई। स्पीकर ने राजवी से रिलेवेंट सवाल ही पूछने को कहा। इसके बाद राजवी ने उनके सवाल का एक पाॅइंट विधानसभा से हटाने की बात कही, इस पर स्पीकर ने कहा कि असेंबली के कामकाज पर सवाल नहीं उठा सकते। इससे पहले राजवी ने सवाल उठाया कि संवाद की ओर से डीआईपीआर के कर्मचारियों को 10 फीसदी पैसा अतिरिक्त दिया जा रहा है। मंत्री पूरा जवाब नहीं दे पाए, इसके बाद स्पीकर ने सवाल स्थगित कर दिया।
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