30 January 2022 03:09 PM
जोग संजोग टाइम्स,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 85वें एपिसोड राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि होने के कारण प्रधानमंत्री इस साल का अपना पहला ‘मन की बात’ सुबह 11:30 शुरू किया।
पुण्यतिथि पर बापू को किया नमन
पीएम मोदी ने कहा कि ये 2022 की पहली ‘मन की बात’ है। आज हम फिर ऐसी चर्चाओं को आगे बढ़ाएंगे, जो हमारे देश और देशवासियों की सकारात्मक प्रेरणाओं और सामूहिक प्रयासों से जुड़ी होती हैं। आज हमारे पूज्य बापू महात्मा गांधी की पुण्यतिथि भी है। 30 जनवरी का ये दिन हमें बापू की शिक्षाओं की याद दिलाता है। अभी कुछ दिन पहले हमने गणतंत्र दिवस भी मनाया, दिल्ली में राजपथ पर हमने देश के शौर्य और सामर्थ्य की जो झांकी देखी उसने सबको गर्व और उत्साह से भर दिया है.
शहीदों का योगदान अमर है
पीएम मोदी ने कहा कि सच में ‘अमर जवान ज्योति’ की ही तरह हमारे शहीद, उनकी प्रेरणा और उनके योगदान भी अमर हैं। मैं आप सभी से कहूंगा, जब भी अवसर मिले ‘National War Memorial’ जरूर जाएं। अमृत महोत्सव के इन आयोजनों के बीच देश में कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिए गए। हम सबको अपने घरों में इन बच्चों के बारे में जरूर बताना चाहिए। इनसे हमारे बच्चों को भी प्रेरणा मिलेगी। उनके भीतर देश का नाम रोशन करने का उत्साह जगेगा।
उत्तराखंड की बसंती देवी और मणिपुर की लौरेम्बम बीनो का किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि देश में अभी पद्म सम्मान की भी घोषणा हुई है। पद्म पुरस्कार पाने वाले में कई ऐसे नाम भी हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। ये हमारे देश के गुमनाम नायक हैं, जिन्होंने साधारण परिस्थितियों में असाधारण काम किए हैं। जैसे कि उत्तराखंड की बसंती देवी जी को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। बसंती देवी ने अपना पूरा जीवन संघर्षों के बीच जीया। इसी तरह मणिपुर की 77 साल की लौरेम्बम बीनो देवी दशकों से मणिपुर की लीबा टेक्सटाइल आर्ट का संरक्षण कर रही हैं। उन्हें भी पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। मध्य प्रदेश के अर्जुन सिंह को बैगा आदिवासी नृत्य की कला को पहचान दिलाने लिए पद्म सम्मान मिला है।
मासिक रेडियो शो है ‘मन की बात’
मन की बात प्रधानमंत्री मोदी का मासिक रेडियो संबोधन है। प्रत्येक महीने के आखिरी रविवार को इसका प्रसारित किया जाता है। कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी और दूरदर्शन के पूरे नेटवर्क और आकाशवाणी समाचार और मोबाइल एप पर भी किया जाता है। कार्यक्रम का पहला एपिसोड 3 अक्टूबर 2014 को प्रसारित किया गया था।
जोग संजोग टाइम्स,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 85वें एपिसोड राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि होने के कारण प्रधानमंत्री इस साल का अपना पहला ‘मन की बात’ सुबह 11:30 शुरू किया।
पुण्यतिथि पर बापू को किया नमन
पीएम मोदी ने कहा कि ये 2022 की पहली ‘मन की बात’ है। आज हम फिर ऐसी चर्चाओं को आगे बढ़ाएंगे, जो हमारे देश और देशवासियों की सकारात्मक प्रेरणाओं और सामूहिक प्रयासों से जुड़ी होती हैं। आज हमारे पूज्य बापू महात्मा गांधी की पुण्यतिथि भी है। 30 जनवरी का ये दिन हमें बापू की शिक्षाओं की याद दिलाता है। अभी कुछ दिन पहले हमने गणतंत्र दिवस भी मनाया, दिल्ली में राजपथ पर हमने देश के शौर्य और सामर्थ्य की जो झांकी देखी उसने सबको गर्व और उत्साह से भर दिया है.
शहीदों का योगदान अमर है
पीएम मोदी ने कहा कि सच में ‘अमर जवान ज्योति’ की ही तरह हमारे शहीद, उनकी प्रेरणा और उनके योगदान भी अमर हैं। मैं आप सभी से कहूंगा, जब भी अवसर मिले ‘National War Memorial’ जरूर जाएं। अमृत महोत्सव के इन आयोजनों के बीच देश में कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिए गए। हम सबको अपने घरों में इन बच्चों के बारे में जरूर बताना चाहिए। इनसे हमारे बच्चों को भी प्रेरणा मिलेगी। उनके भीतर देश का नाम रोशन करने का उत्साह जगेगा।
उत्तराखंड की बसंती देवी और मणिपुर की लौरेम्बम बीनो का किया जिक्र
पीएम मोदी ने कहा कि देश में अभी पद्म सम्मान की भी घोषणा हुई है। पद्म पुरस्कार पाने वाले में कई ऐसे नाम भी हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। ये हमारे देश के गुमनाम नायक हैं, जिन्होंने साधारण परिस्थितियों में असाधारण काम किए हैं। जैसे कि उत्तराखंड की बसंती देवी जी को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। बसंती देवी ने अपना पूरा जीवन संघर्षों के बीच जीया। इसी तरह मणिपुर की 77 साल की लौरेम्बम बीनो देवी दशकों से मणिपुर की लीबा टेक्सटाइल आर्ट का संरक्षण कर रही हैं। उन्हें भी पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। मध्य प्रदेश के अर्जुन सिंह को बैगा आदिवासी नृत्य की कला को पहचान दिलाने लिए पद्म सम्मान मिला है।
मासिक रेडियो शो है ‘मन की बात’
मन की बात प्रधानमंत्री मोदी का मासिक रेडियो संबोधन है। प्रत्येक महीने के आखिरी रविवार को इसका प्रसारित किया जाता है। कार्यक्रम का प्रसारण आकाशवाणी और दूरदर्शन के पूरे नेटवर्क और आकाशवाणी समाचार और मोबाइल एप पर भी किया जाता है। कार्यक्रम का पहला एपिसोड 3 अक्टूबर 2014 को प्रसारित किया गया था।
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