28 June 2022 06:49 PM
जोग संजोग टाइम्स,
राजस्थान कांग्रेस में बड़े फेरबदल के संकेत मिल रहे है। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आगामी जुलाई माह में शता और संगठन में बड़े फेरबदल देखने को मिल सकते हैं।पार्टी से जुड़े विश्वस्त सूत्रों ने भी इसके संकेत दिए हैं। बताया जाता है प्रदेश में डेढ़ साल के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी आलाकमान सत्ता और संगठन में कई बड़े बदलाव करने की तैयारी में है, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ असंतुष्ट विधायको की नाराजगी भी दूर की जाए और एकजुटता के साथ विधानसभा चुनाव में जाया जाए कांग्रेस के सियासी गलियारों में चर्चा है कि सत्ता और संगठन में कांग्रेस के सभी धड़ों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को समान महत्व देने के लिए पार्टी आलाकमान बड़े कदम उठा सकते हैं। चर्चा है कि जुलाई माह में संभावित बड़े फेरबदल की आशंका के चलते ही अब एक बार फिर सचिन पायलट केप और गहलोत केंप के बीच जुबानी जंग तेज हुई है।
विश्वस्त सूत्रों की माने तो जुलाई माह में गहलोत सरकार का तीसरा और अंतिम मंत्रिमंडल पुनर्गठन होने की बात कही जा रही है। मंत्रिमंडल पुनर्गठन में कमजोर परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों की मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है और उनके स्थान पर वरिष्ठ और असंतुष्ट विधायकों को मंत्री बनाकर संतुष्ट किया जा सकता है। इसके अलावा कई विधायकों को संसदीय सचिव बनाकर भी उनकी नाराजगी दूर की जा सकती है। मंत्रिमंडल पुनर्गठन में सीएम गहलोत के साथ-साथ सचिन पायलट कैप के विधायकों को भी तवज्जो मिलने की बात कही जा रही है।
राजनीतिक नियुक्तियों का भी फिर खुलेगा पिटारा राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर तीसरी सूची का इंतजार कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को भी जुलाई माह में राजनीतिक नियुक्तियों की तीसरी सूची में एडजस्ट किया जा सकता है। तकरीबन आधा दर्जन बोर्ड-निगम और 15 यूआईटी और पूर्व में घोषित किए गए बोर्ड निगमों में में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मेंबर के तौर पर एडजस्ट किया जा सकता है। हालांकि पहले राज्यसभा चुनाव और उसके बाद दिल्ली में राहुल गांधी पर ईडी की कार्रवाई के चलते तीसरी "सूची को जारी होने से रोक दिया गया था। अब जुलाई माह में राजनीतिक नियुक्ति की तीसरी सूची जारी होने के संकेत दिए गए हैं।
जुलाई माह में भी संगठन को मजबूत करने के लिए संगठन चुनाव के जरिए ब्लॉक और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की घोषणा होगी। इसके अलावा प्रदेश कार्यकारिणी, पीसीसी मेंबर और एआईसीसी मेंबर की भी घोषणा होने की बात कही जा रही है। राजस्थान कांग्रेस में पिछले 2 साल से ब्लॉक अध्यक्ष और जिलाध्यक्षों के पद रिक्त चल रहे हैं।
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को लेकर भी इन दिनों सियासी चर्चा जोरों पर है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से सचिन पायलट के पेशेंस की तारीफ करने के बाद माना जा रहा है कि जुलाई माह में संभावित सत्ता और संगठन में बड़े फेरबदल के दौरान पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को भी सत्ता या संगठन में बड़ी भूमिका दी जा सकती है। प्रदेश में डेढ़ साल के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी आलाकमान सचिन पायलट को बड़ी भूमिका में ला सकता है।
बताया जाता है कि मंत्रिमंडल पुनर्गठन को लेकर पार्टी में शीर्ष स्तर पर मंथन हो चुका है, कहा जा रहा है कि जुलाई माह के आखिर तक तीसरा और अंतिम पुनर्गठन हो सकता है। तीसरे और अंतिम पुनर्गठन को लेकर पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन भी पूर्व में मंत्रिमंडल पुनर्गठन के संकेत दे चुके है।
वहीं दूसरी ओर दूसरे मंत्रिमंडल पुनर्गठन में मंत्री नहीं बनाए गए वरिष्ठ विधायकों की नाराजगी सत्ता और संगठन को भारी पड़ रही है। कई वरिष्ठ विधायक बजट सत्र के दौरान सदन में सरकार को जमकर घेर चुके हैं और मंत्रियों की कार्यशैली पर सवाल भी खड़े कर चुके हैं। ऐसे में तीसरे मंत्रिमंडल पुनर्गठन के जरिए वरिष्ठ और अनुभवी विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल कर उनकी नाराजगी दूर की जा सकती हैं।
जोग संजोग टाइम्स,
राजस्थान कांग्रेस में बड़े फेरबदल के संकेत मिल रहे है। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आगामी जुलाई माह में शता और संगठन में बड़े फेरबदल देखने को मिल सकते हैं।पार्टी से जुड़े विश्वस्त सूत्रों ने भी इसके संकेत दिए हैं। बताया जाता है प्रदेश में डेढ़ साल के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी आलाकमान सत्ता और संगठन में कई बड़े बदलाव करने की तैयारी में है, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ असंतुष्ट विधायको की नाराजगी भी दूर की जाए और एकजुटता के साथ विधानसभा चुनाव में जाया जाए कांग्रेस के सियासी गलियारों में चर्चा है कि सत्ता और संगठन में कांग्रेस के सभी धड़ों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को समान महत्व देने के लिए पार्टी आलाकमान बड़े कदम उठा सकते हैं। चर्चा है कि जुलाई माह में संभावित बड़े फेरबदल की आशंका के चलते ही अब एक बार फिर सचिन पायलट केप और गहलोत केंप के बीच जुबानी जंग तेज हुई है।
विश्वस्त सूत्रों की माने तो जुलाई माह में गहलोत सरकार का तीसरा और अंतिम मंत्रिमंडल पुनर्गठन होने की बात कही जा रही है। मंत्रिमंडल पुनर्गठन में कमजोर परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों की मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है और उनके स्थान पर वरिष्ठ और असंतुष्ट विधायकों को मंत्री बनाकर संतुष्ट किया जा सकता है। इसके अलावा कई विधायकों को संसदीय सचिव बनाकर भी उनकी नाराजगी दूर की जा सकती है। मंत्रिमंडल पुनर्गठन में सीएम गहलोत के साथ-साथ सचिन पायलट कैप के विधायकों को भी तवज्जो मिलने की बात कही जा रही है।
राजनीतिक नियुक्तियों का भी फिर खुलेगा पिटारा राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर तीसरी सूची का इंतजार कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को भी जुलाई माह में राजनीतिक नियुक्तियों की तीसरी सूची में एडजस्ट किया जा सकता है। तकरीबन आधा दर्जन बोर्ड-निगम और 15 यूआईटी और पूर्व में घोषित किए गए बोर्ड निगमों में में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मेंबर के तौर पर एडजस्ट किया जा सकता है। हालांकि पहले राज्यसभा चुनाव और उसके बाद दिल्ली में राहुल गांधी पर ईडी की कार्रवाई के चलते तीसरी "सूची को जारी होने से रोक दिया गया था। अब जुलाई माह में राजनीतिक नियुक्ति की तीसरी सूची जारी होने के संकेत दिए गए हैं।
जुलाई माह में भी संगठन को मजबूत करने के लिए संगठन चुनाव के जरिए ब्लॉक और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की घोषणा होगी। इसके अलावा प्रदेश कार्यकारिणी, पीसीसी मेंबर और एआईसीसी मेंबर की भी घोषणा होने की बात कही जा रही है। राजस्थान कांग्रेस में पिछले 2 साल से ब्लॉक अध्यक्ष और जिलाध्यक्षों के पद रिक्त चल रहे हैं।
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को लेकर भी इन दिनों सियासी चर्चा जोरों पर है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से सचिन पायलट के पेशेंस की तारीफ करने के बाद माना जा रहा है कि जुलाई माह में संभावित सत्ता और संगठन में बड़े फेरबदल के दौरान पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को भी सत्ता या संगठन में बड़ी भूमिका दी जा सकती है। प्रदेश में डेढ़ साल के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी आलाकमान सचिन पायलट को बड़ी भूमिका में ला सकता है।
बताया जाता है कि मंत्रिमंडल पुनर्गठन को लेकर पार्टी में शीर्ष स्तर पर मंथन हो चुका है, कहा जा रहा है कि जुलाई माह के आखिर तक तीसरा और अंतिम पुनर्गठन हो सकता है। तीसरे और अंतिम पुनर्गठन को लेकर पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन भी पूर्व में मंत्रिमंडल पुनर्गठन के संकेत दे चुके है।
वहीं दूसरी ओर दूसरे मंत्रिमंडल पुनर्गठन में मंत्री नहीं बनाए गए वरिष्ठ विधायकों की नाराजगी सत्ता और संगठन को भारी पड़ रही है। कई वरिष्ठ विधायक बजट सत्र के दौरान सदन में सरकार को जमकर घेर चुके हैं और मंत्रियों की कार्यशैली पर सवाल भी खड़े कर चुके हैं। ऐसे में तीसरे मंत्रिमंडल पुनर्गठन के जरिए वरिष्ठ और अनुभवी विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल कर उनकी नाराजगी दूर की जा सकती हैं।
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30 January 2023 02:22 PM
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