01 October 2021 10:56 AM
राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग में एक जनवरी 2004 से पूर्व नियोजित कार्मिकों को ओल्ड लेजर में स्वयं के स्तर पर प्रविष्टि में सुधार करने की सुविधा दी है। विभाग द्वारा राज्य सरकार के ऎसे कार्मिक जिनकी सामान्य प्रावधायी निधि (GPF) की कटौती वेतन बिलों से प्रतिमाह की जा रही है, उन सभी कार्मिकों से एसआईपीएफ पोर्टल पर स्वयं के जीपीएफ लेजर की जाँच करने के लिए कहा गया है। प्रविष्टि गलत होने पर पोर्टल के माध्यम से सुधार करने के लिए अंशदाता को 90 दिन का समय दिया गया है।
विभाग के निदेशक श्री पदमाराम ने बताया कि विभाग के समस्त जिला कार्यालयों द्वारा ओल्ड लेजर पूर्ण करने का कार्य 18 जून 2021 से अभियान के रूप में संपादित किया गया है, जो कि लगभग पूर्ण हो गया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में राज्य सरकार के एक जनवरी 2004 से पूर्व नियोजित ऎसे कार्मिक जिनकी सामान्य प्रावधायी निध (GPF) की कटौती वेतन बिलों से प्रतिमाह की जा रही है, उन सभी से यह अपेक्षा की गई है कि वे स्वयं के एसएसओ आईडी से लॉगिन कर एसआईपीएफ पोर्टल पर Report -> GPF-Old Ledger में नियुक्ति तिथि से 31 मार्च 2012 तक के जीपीएफ लेजर की जाँच करें। उन्होंने कहा कि एसआईपीएफ पोर्टल पर जीपीएफ ओल्ड लेजर में यदि कोई कटौती प्रदर्शित नहीं हो रही है अथवा गलत प्रदर्शित हो रही है या एन्ट्री से संतुष्ट नहीं हैं, तो ऎसे कार्मिकों को एसआईपीएफ पोर्टल पर GPF > Transaction > GPF-Old Ledger स्क्रीन ओल्ड लेजर में स्वयं के स्तर पर प्रविष्टि में सुधार करने की सुविधा दी गई है।
उन्होंने बताया कि “SIPF Portal ij GPF> Transaction > GPF-Old Ledger स्क्रीन पर For SIPF के कॉलम में विभाग द्वारा की गई एन्ट्री दिखाई देती है। उन्होेंने बताया कि For Employee के कॉलम में अंशदाता स्वयं एन्ट्री कर सकता है एवं साक्ष्य के रूप में कटौती से संबंधित दस्तावेज जैसे पास बुक, जी.ए.55 एवं अन्य सुसंगत दस्तावेज अपलोड भी कर सकता है। उन्होंने बताया कि यह सुविधा कार्मिकों को सूचना जारी होने के 90 दिवस तक ही उपलब्ध रहेगी। यदि 90 दिवस में अंशदाताओं द्वारा कोई आपत्ति प्रस्तुत नहीं की जाती है तो विभागीय रिकॉर्ड को ही अंतिम माना जायेगा।
राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग में एक जनवरी 2004 से पूर्व नियोजित कार्मिकों को ओल्ड लेजर में स्वयं के स्तर पर प्रविष्टि में सुधार करने की सुविधा दी है। विभाग द्वारा राज्य सरकार के ऎसे कार्मिक जिनकी सामान्य प्रावधायी निधि (GPF) की कटौती वेतन बिलों से प्रतिमाह की जा रही है, उन सभी कार्मिकों से एसआईपीएफ पोर्टल पर स्वयं के जीपीएफ लेजर की जाँच करने के लिए कहा गया है। प्रविष्टि गलत होने पर पोर्टल के माध्यम से सुधार करने के लिए अंशदाता को 90 दिन का समय दिया गया है।
विभाग के निदेशक श्री पदमाराम ने बताया कि विभाग के समस्त जिला कार्यालयों द्वारा ओल्ड लेजर पूर्ण करने का कार्य 18 जून 2021 से अभियान के रूप में संपादित किया गया है, जो कि लगभग पूर्ण हो गया है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में राज्य सरकार के एक जनवरी 2004 से पूर्व नियोजित ऎसे कार्मिक जिनकी सामान्य प्रावधायी निध (GPF) की कटौती वेतन बिलों से प्रतिमाह की जा रही है, उन सभी से यह अपेक्षा की गई है कि वे स्वयं के एसएसओ आईडी से लॉगिन कर एसआईपीएफ पोर्टल पर Report -> GPF-Old Ledger में नियुक्ति तिथि से 31 मार्च 2012 तक के जीपीएफ लेजर की जाँच करें। उन्होंने कहा कि एसआईपीएफ पोर्टल पर जीपीएफ ओल्ड लेजर में यदि कोई कटौती प्रदर्शित नहीं हो रही है अथवा गलत प्रदर्शित हो रही है या एन्ट्री से संतुष्ट नहीं हैं, तो ऎसे कार्मिकों को एसआईपीएफ पोर्टल पर GPF > Transaction > GPF-Old Ledger स्क्रीन ओल्ड लेजर में स्वयं के स्तर पर प्रविष्टि में सुधार करने की सुविधा दी गई है।
उन्होंने बताया कि “SIPF Portal ij GPF> Transaction > GPF-Old Ledger स्क्रीन पर For SIPF के कॉलम में विभाग द्वारा की गई एन्ट्री दिखाई देती है। उन्होेंने बताया कि For Employee के कॉलम में अंशदाता स्वयं एन्ट्री कर सकता है एवं साक्ष्य के रूप में कटौती से संबंधित दस्तावेज जैसे पास बुक, जी.ए.55 एवं अन्य सुसंगत दस्तावेज अपलोड भी कर सकता है। उन्होंने बताया कि यह सुविधा कार्मिकों को सूचना जारी होने के 90 दिवस तक ही उपलब्ध रहेगी। यदि 90 दिवस में अंशदाताओं द्वारा कोई आपत्ति प्रस्तुत नहीं की जाती है तो विभागीय रिकॉर्ड को ही अंतिम माना जायेगा।
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