13 May 2021 12:23 PM
कोरोना इन राजस्थान : नहीं संभले तो 6 जून तक 4 लाख
एक्टिव केस का अनुमान,
तेजी से बढ़ रहे केस के पीछे यूके स्ट्रेन
राजस्थान में कोरोना का यूके स्ट्रेन : गांव-गांव
में बढ़ते संक्रमण के पीछे यही सबसे बड़ा कारण
राजस्थान मेंकोरोना की दूसरी लहर के घातक होने केपीछे वायरस का यूके स्ट्रेन है। जीनोमसिक्वेंसिंग रिपोर्ट से इस बात का खुलासाहुआ है। यही वजह है कि राज्य के गांव-गांव में संक्रमण तेजी से फैल रहा है।वर्तमान आंकड़ों के मुताबिक 25 दिन मेंएक्टिव केस दोगुना होने की आशंका है।
स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि अभीदो-तीन दिन पहले ही रिपोर्ट आई, उसमेंपता चला कि राजस्थान में यूके का स्ट्रेनहै। जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा पूरे देशमें 10 जगह है, वह भारत सरकार केनियंत्रण में है। सारे राज्य वहां पर रेगुलरअपने सैंपल भेजते रहते हैं। पिछलेदिनोंपेंडेंसी ज्यादा थी, हमने अप्रोच कियाताकि हमें पता चले कि प्रदेश में कोरोनाका कौन सा स्ट्रेन लोगों को बीमार कररहा है।8 अप्रैल से तेजी से बढ़ रहे केसकोरोना के यूके स्ट्रेन मिलने केबाद अब स्वास्थ्य विभाग सजग हो गयाहै। यूके स्ट्रेन तेजी से फैलता है। इसकासबूत राजस्थान में कोरोना के आंकड़ेहैं। राजस्थान में 8 अप्रैल के बाद तेजीसे कोरोना के केस बढ़े हैं। 8 अप्रैल कोप्रदेश में 3526 पॉजिटिव केस आए थेऔर 21 हजार कुल एिटव केस थे।11 मई को एिटव केस 2.05 लाखका आंकड़ा पार कर चुके हैं और रोजानाआनेवाले केस 17 हजार के आसपासहैं। पिछले 8-10 दिन से रोज 16 से18 हजार के आसपास पॉजिटिव केसआ रहे हैं।6 जून तक 4 लाखएक्टिव केस का अनुमानयूके स्ट्रेन तेजी से फैलता है, यहीवजह है कि इस बार शहर के साथ गांवोंमें भी कोरोना फैल रहा है। स्वास्थ्यविभाग के मुताबिक 40 प्रतिशत केसग्रामीण इलाकों से आ रहे हैं, कोरोना से40 प्रतिशत के आसपास मौतें भीग्रामीण इलाकों में हो रही हैं। प्रदेश मेंअभी 2.05 लाख एिटव केस हैं, 26दिन बाद यानी 6 जून के आसपास हीप्रदेश में 4 लाख एिटव मरीज होजाएंगे।एसएमएस मेडिकल कॉलेज मेंशुरू होगी जीनोम सिक्वेंसिंगराजस्थान सरकार ने अब राजधानी के
एसएमएस मेडिकल कॉलेज में जीनोमसिक्वेंसिंग शुरू करने का फैसला कियाहै। अब तक जीनोम सिक्वेंसिंग के लिएबाहर सैंपल भेजने होते थे। वहां सेरिपोर्ट आने में काफी वक्त लगता है।अगर स्थानीय स्तर पर जीनोम सिक्वेंसिंग
की सुविधा होती तो वायरस के स्ट्रेन कापता जल्दी लग सकता था, जिससेइलाज के पैटर्न में बदलाव कर मरीजोंकी जान बचाने के साथ इसका फैलावरोका जा सकता था। स्वास्थ्य मंत्री रघुशर्मा ने कहा कि जीनोम सिक्वेंसिंग का
काम जयपुर के एसएमएस मेडिकलकॉलेज में शुरू करने का फैसला किया।
कोरोना इन राजस्थान : नहीं संभले तो 6 जून तक 4 लाख
एक्टिव केस का अनुमान,
तेजी से बढ़ रहे केस के पीछे यूके स्ट्रेन
राजस्थान में कोरोना का यूके स्ट्रेन : गांव-गांव
में बढ़ते संक्रमण के पीछे यही सबसे बड़ा कारण
राजस्थान मेंकोरोना की दूसरी लहर के घातक होने केपीछे वायरस का यूके स्ट्रेन है। जीनोमसिक्वेंसिंग रिपोर्ट से इस बात का खुलासाहुआ है। यही वजह है कि राज्य के गांव-गांव में संक्रमण तेजी से फैल रहा है।वर्तमान आंकड़ों के मुताबिक 25 दिन मेंएक्टिव केस दोगुना होने की आशंका है।
स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि अभीदो-तीन दिन पहले ही रिपोर्ट आई, उसमेंपता चला कि राजस्थान में यूके का स्ट्रेनहै। जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा पूरे देशमें 10 जगह है, वह भारत सरकार केनियंत्रण में है। सारे राज्य वहां पर रेगुलरअपने सैंपल भेजते रहते हैं। पिछलेदिनोंपेंडेंसी ज्यादा थी, हमने अप्रोच कियाताकि हमें पता चले कि प्रदेश में कोरोनाका कौन सा स्ट्रेन लोगों को बीमार कररहा है।8 अप्रैल से तेजी से बढ़ रहे केसकोरोना के यूके स्ट्रेन मिलने केबाद अब स्वास्थ्य विभाग सजग हो गयाहै। यूके स्ट्रेन तेजी से फैलता है। इसकासबूत राजस्थान में कोरोना के आंकड़ेहैं। राजस्थान में 8 अप्रैल के बाद तेजीसे कोरोना के केस बढ़े हैं। 8 अप्रैल कोप्रदेश में 3526 पॉजिटिव केस आए थेऔर 21 हजार कुल एिटव केस थे।11 मई को एिटव केस 2.05 लाखका आंकड़ा पार कर चुके हैं और रोजानाआनेवाले केस 17 हजार के आसपासहैं। पिछले 8-10 दिन से रोज 16 से18 हजार के आसपास पॉजिटिव केसआ रहे हैं।6 जून तक 4 लाखएक्टिव केस का अनुमानयूके स्ट्रेन तेजी से फैलता है, यहीवजह है कि इस बार शहर के साथ गांवोंमें भी कोरोना फैल रहा है। स्वास्थ्यविभाग के मुताबिक 40 प्रतिशत केसग्रामीण इलाकों से आ रहे हैं, कोरोना से40 प्रतिशत के आसपास मौतें भीग्रामीण इलाकों में हो रही हैं। प्रदेश मेंअभी 2.05 लाख एिटव केस हैं, 26दिन बाद यानी 6 जून के आसपास हीप्रदेश में 4 लाख एिटव मरीज होजाएंगे।एसएमएस मेडिकल कॉलेज मेंशुरू होगी जीनोम सिक्वेंसिंगराजस्थान सरकार ने अब राजधानी के
एसएमएस मेडिकल कॉलेज में जीनोमसिक्वेंसिंग शुरू करने का फैसला कियाहै। अब तक जीनोम सिक्वेंसिंग के लिएबाहर सैंपल भेजने होते थे। वहां सेरिपोर्ट आने में काफी वक्त लगता है।अगर स्थानीय स्तर पर जीनोम सिक्वेंसिंग
की सुविधा होती तो वायरस के स्ट्रेन कापता जल्दी लग सकता था, जिससेइलाज के पैटर्न में बदलाव कर मरीजोंकी जान बचाने के साथ इसका फैलावरोका जा सकता था। स्वास्थ्य मंत्री रघुशर्मा ने कहा कि जीनोम सिक्वेंसिंग का
काम जयपुर के एसएमएस मेडिकलकॉलेज में शुरू करने का फैसला किया।
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