12 July 2024 06:15 PM
बीकानेर। शहर में गुरूवार रात हुई मानसून की दूसरी बरसात ने नगर निगम के दावों को चुल्लू भर पानी में डूबो दिया। हालात यह रहे कि बरसात के 15 घंटे बीत जाने के बाद साफ सफाई की आमजन को सीख देने वाले जिला प्रशासन के कार्यालय के 100 मीटर दायरे में जलभराव लोगों की परेशानी का सबब बना। इतना ही नहीं सफाई रैकिंग सुधारने की मशक्कत करता नगर निगम खुद पानी में डूबा रहा। कई कॉलोनियां पानी से तरबतर हो गई। वहां तालाब जैसे हालात बन गये। इतना ही नहीं शहर में साफ सफाई रखने का संदेश देने वाली नगर निगम,जिला कलक्टर कार्यालय,पीबीएम के हार्ट हॉस्पीटल,पुरानी गिन्नाणी सहित कई इलाकों में जलभराव से दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वकीलों व टाइपिस्ट्स को अपनी जगह छोडऩी पड़ी। सूरसागर के आगे व अंदर काफी पानी आ गया।बारिश के बाद शहर के कई इलाकों में गंदगी के ढेर देखने को मिल रहे हैं वहीं कई निचले इलाकों में बंद नालों के चलते गंदा पानी जमा हो गया है। जिसके चलते लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।इतना ही नहीं सीवरेज के लिये खोदे गये गढ्ढे भी कंपनी की ओर से सही ढंग से नहीं भरे गये। जिससे ये गढ्ढे ढह से गये है और दुर्घटना को न्यौता दे रहे है।
नई कॉलोनियां बनी पानी का दरिया
उधर शहर में विकसित हो रही नई कॉलोनियां बजरंग विहार,मदन विहार,खुद खुदा कॉलोनी,गंगा रेजिडेन्सी के पास,गंगाशहर स्थिति वार्ड नं 6 आदि क्षेत्र जलमग्न हो गये। यहां लोगों का घरों से निकलना मुहाल हो गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर बरसात में इस प्रकार के हालात होते है। जिला प्रशासन को अवगत करवाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
24 घंटे में 56 मिमी बरसा पानी
गुरूवार देर शाम से शुरू हुए बरसात के दौर ने देर रात तक एक ही दिन में सर्वोधिक बारिश होने का रिकार्ड कायम किया। मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार सुबह 08:30 बजे तक बीते 24 घंटों में 56 मिमी बारिश हो गई। तेज बारिश के चलते पूरा शहर तर-बतर हो गया। तो नीचले इलाके जलमग्न होने से वहां के निवासियों के लिये नासूर साबित हो रहे है। मंजर यह रहा कि धोबीधोरा वाले हिस्से की तरफ बड़ नुकसान हुआ है।वहां सड़क धंस गई है। एक नाला लगातार बहता हुआ आ रहा है जिसका पानी अब सड़क और रैलिंग तोड़कर सूरसागर में जा रहा है। आस-पास के घरों के नीचे से जमीन खिसकने और पानी घरों में जाने का खतरा पैदा हो गया है।
गंगशहर क्षेत्र में गिरा मकान
उधर गंगाशहर के चांदमल बाग इलाके में एक ऑटोचालक हरिकिशन का घर पूरी तरह ढह गया। शुक्र इस बात का है कि किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। घर में रखा सारा सामान खत्म सा हो गया। यहां मोहल्लेवासियों ने बताया कि चांदमल बाग के पास निगम के दो पंप है। दोनों खराब पड़े हैं। जेनरेटर खराब है, बैट्री लगी है वह भी खराब। लोगों का आरोप है कि पंप, जेनरेटर के लिये डीजल आता है लेकिन उसे बेच देते हैं। पंपिंग स्टेशन बना है लेकिन वह जाम है। पाइप टूटा है। दो साल से किसी ने सुध ही नहीं ली।भाजपा महामंत्री मोहन सुराणा मौके पर पहुंचे तो लोगों ने उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई।
प्रशासन बेबस
वातानुकुलित कमरों में बैठक शहर के विकास का खाका तैयार करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों ने एक माह पहले मानसून को लेकर खासी चर्चा की थी। लेकिन जब मानसून ने कहर बरपाया तो आज प्रशासन बेबस व लाचार नजर आ रहा है। हालात यह है कि बजरंग विहार,मदन विहार,खुदखुदा कॉलोनी सहित अनेक ऐसी कॉलोनियां है जहां गंदे पानी की पाल टूट जाने से जलमग्न के हालात बने हुए है। यहां घर पानी में डूबे है और दिनभर से प्रशासन का कोई अधिकारी इनकी सुध लेने नहीं पहुंचा है। कई घरों में पानी भरा है और घर गिरने का खतरा पैदा हो गया है।
बीकानेर। शहर में गुरूवार रात हुई मानसून की दूसरी बरसात ने नगर निगम के दावों को चुल्लू भर पानी में डूबो दिया। हालात यह रहे कि बरसात के 15 घंटे बीत जाने के बाद साफ सफाई की आमजन को सीख देने वाले जिला प्रशासन के कार्यालय के 100 मीटर दायरे में जलभराव लोगों की परेशानी का सबब बना। इतना ही नहीं सफाई रैकिंग सुधारने की मशक्कत करता नगर निगम खुद पानी में डूबा रहा। कई कॉलोनियां पानी से तरबतर हो गई। वहां तालाब जैसे हालात बन गये। इतना ही नहीं शहर में साफ सफाई रखने का संदेश देने वाली नगर निगम,जिला कलक्टर कार्यालय,पीबीएम के हार्ट हॉस्पीटल,पुरानी गिन्नाणी सहित कई इलाकों में जलभराव से दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वकीलों व टाइपिस्ट्स को अपनी जगह छोडऩी पड़ी। सूरसागर के आगे व अंदर काफी पानी आ गया।बारिश के बाद शहर के कई इलाकों में गंदगी के ढेर देखने को मिल रहे हैं वहीं कई निचले इलाकों में बंद नालों के चलते गंदा पानी जमा हो गया है। जिसके चलते लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।इतना ही नहीं सीवरेज के लिये खोदे गये गढ्ढे भी कंपनी की ओर से सही ढंग से नहीं भरे गये। जिससे ये गढ्ढे ढह से गये है और दुर्घटना को न्यौता दे रहे है।
नई कॉलोनियां बनी पानी का दरिया
उधर शहर में विकसित हो रही नई कॉलोनियां बजरंग विहार,मदन विहार,खुद खुदा कॉलोनी,गंगा रेजिडेन्सी के पास,गंगाशहर स्थिति वार्ड नं 6 आदि क्षेत्र जलमग्न हो गये। यहां लोगों का घरों से निकलना मुहाल हो गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर बरसात में इस प्रकार के हालात होते है। जिला प्रशासन को अवगत करवाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
24 घंटे में 56 मिमी बरसा पानी
गुरूवार देर शाम से शुरू हुए बरसात के दौर ने देर रात तक एक ही दिन में सर्वोधिक बारिश होने का रिकार्ड कायम किया। मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार सुबह 08:30 बजे तक बीते 24 घंटों में 56 मिमी बारिश हो गई। तेज बारिश के चलते पूरा शहर तर-बतर हो गया। तो नीचले इलाके जलमग्न होने से वहां के निवासियों के लिये नासूर साबित हो रहे है। मंजर यह रहा कि धोबीधोरा वाले हिस्से की तरफ बड़ नुकसान हुआ है।वहां सड़क धंस गई है। एक नाला लगातार बहता हुआ आ रहा है जिसका पानी अब सड़क और रैलिंग तोड़कर सूरसागर में जा रहा है। आस-पास के घरों के नीचे से जमीन खिसकने और पानी घरों में जाने का खतरा पैदा हो गया है।
गंगशहर क्षेत्र में गिरा मकान
उधर गंगाशहर के चांदमल बाग इलाके में एक ऑटोचालक हरिकिशन का घर पूरी तरह ढह गया। शुक्र इस बात का है कि किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। घर में रखा सारा सामान खत्म सा हो गया। यहां मोहल्लेवासियों ने बताया कि चांदमल बाग के पास निगम के दो पंप है। दोनों खराब पड़े हैं। जेनरेटर खराब है, बैट्री लगी है वह भी खराब। लोगों का आरोप है कि पंप, जेनरेटर के लिये डीजल आता है लेकिन उसे बेच देते हैं। पंपिंग स्टेशन बना है लेकिन वह जाम है। पाइप टूटा है। दो साल से किसी ने सुध ही नहीं ली।भाजपा महामंत्री मोहन सुराणा मौके पर पहुंचे तो लोगों ने उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई।
प्रशासन बेबस
वातानुकुलित कमरों में बैठक शहर के विकास का खाका तैयार करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों ने एक माह पहले मानसून को लेकर खासी चर्चा की थी। लेकिन जब मानसून ने कहर बरपाया तो आज प्रशासन बेबस व लाचार नजर आ रहा है। हालात यह है कि बजरंग विहार,मदन विहार,खुदखुदा कॉलोनी सहित अनेक ऐसी कॉलोनियां है जहां गंदे पानी की पाल टूट जाने से जलमग्न के हालात बने हुए है। यहां घर पानी में डूबे है और दिनभर से प्रशासन का कोई अधिकारी इनकी सुध लेने नहीं पहुंचा है। कई घरों में पानी भरा है और घर गिरने का खतरा पैदा हो गया है।
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