25 March 2022 04:41 PM

जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार बीकानेर बार एसोसिएशन में आज दो फाड हो गये। जिसमें दूसरे गुट ने सुरेन्द्र पाल शर्मा को अध्यक्ष बना लिया। बताया जा रहा है कि एसोसिएशन के स्पीकर व सभापति की बैठक के दौरान उपजे विवाद के बाद दोनों गुटों में इनकी नियुक्ति को लेकर तनातनी हो गयी। हालात हाथपाई तक पहुंच गये। लेकिन वरिष्ठ अधिवक्ताओं के बीच बचाव के बाद दोनों गुटों को अलग अलग कर दिया गया। जानकारी मिली है कि दूसरे गुट ने वरिष्ठ अधिवक्ता आर के दास गुप्ता को स्पीकर बनाते हुए सुरेन्दपाल शर्मा को नये बार का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। बार एसोसिएशन के फाड पर कई अधिवक्ताओं ने इसे काला दिवस बताते हुए दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। नई बार के गठन के बाद एक गुट के लोगों ने नारेबाजी करते हुए कोर्ट परिसर का चक्कर भी लगाया। साथ ही एक बैठक कर नई कार्यकारिणी के गठन और आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तय की।
पहले भी हो चुका है फाड
यह पहला मौका नहीं कि बीकानेर बार एसोसिएशन का फाड हुआ हो। 1993 में भी इसी तरह बीकानेर बार एसोसिएशन के दो गुटों में आपसी खींचतान के चलते दो अध्यक्ष बने थे। अनेक अधिवक्ताओं का मानना है कि बार एसोसिएशन में फूट शुभ संकेत नहीं। इससे संभाग स्तर पर कोर्ट की मांग कमजोर पड़ेगी।
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर
मिली जानकारी के अनुसार बीकानेर बार एसोसिएशन में आज दो फाड हो गये। जिसमें दूसरे गुट ने सुरेन्द्र पाल शर्मा को अध्यक्ष बना लिया। बताया जा रहा है कि एसोसिएशन के स्पीकर व सभापति की बैठक के दौरान उपजे विवाद के बाद दोनों गुटों में इनकी नियुक्ति को लेकर तनातनी हो गयी। हालात हाथपाई तक पहुंच गये। लेकिन वरिष्ठ अधिवक्ताओं के बीच बचाव के बाद दोनों गुटों को अलग अलग कर दिया गया। जानकारी मिली है कि दूसरे गुट ने वरिष्ठ अधिवक्ता आर के दास गुप्ता को स्पीकर बनाते हुए सुरेन्दपाल शर्मा को नये बार का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। बार एसोसिएशन के फाड पर कई अधिवक्ताओं ने इसे काला दिवस बताते हुए दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। नई बार के गठन के बाद एक गुट के लोगों ने नारेबाजी करते हुए कोर्ट परिसर का चक्कर भी लगाया। साथ ही एक बैठक कर नई कार्यकारिणी के गठन और आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तय की।
पहले भी हो चुका है फाड
यह पहला मौका नहीं कि बीकानेर बार एसोसिएशन का फाड हुआ हो। 1993 में भी इसी तरह बीकानेर बार एसोसिएशन के दो गुटों में आपसी खींचतान के चलते दो अध्यक्ष बने थे। अनेक अधिवक्ताओं का मानना है कि बार एसोसिएशन में फूट शुभ संकेत नहीं। इससे संभाग स्तर पर कोर्ट की मांग कमजोर पड़ेगी।
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