10 July 2022 06:43 PM
जोग संजोग टाइम्स,
नगर विकास न्यास के सचिव नरेन्द्र सिंह राजपुरोहित को राज्य सरकार ने अवकाश के दिन सिंगल ऑर्डर जारी करते हुए एपीओ कर दिया है। एपीओ करने के कारणों का अभी तक पूरी जानकारी नहीं मिली है लेकिन कुछ सूत्रों में ऐसी जानकारी मिली है मंत्री बी.डी कल्ला की नाराजगी का खामियाजा राजपुरोहित को भुगतना पड़ा है। राजपुरोहित पिछले डेढ़ साल से बीकानेर में न्यास सचिव पद पर थे, उन्हें अचानक से हटाने के बाद प्रशासनिक खेमे में हलचल है। रविवार सुबह तक स्वयं राजपुरोहित को ये आभास नहीं था कि उन्हें हटाया जा रहा है। मुजानदेसर क्षत्र में नगर विकास न्यास की ओर से आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में पुटोहित उपस्थित थे। इसी दौरान उन्होंने कुछ कार्य करवाने का वायदा भी किया था। दोपहर बाद अचानक से उन्हें एपीओ करने के आदेश मिल गए। इसके बाद से ही उन्होंने न्याय के कार्य बंद कर दिए। यहां तक कि फोन करने वाले न्यास अधिकारियों को भी स्पष्ट कर दिया कि आगे के निर्देश नए सचिव ही देंगे।उधर राजनीतिक गलियारों को राजपुरोहित को हटाने के पीछे एडवोकेट गोवर्धन सिंह के मकान पर कार्यवाही नहीं करना बड़ा कारण बताया जा रहा है। अपुष्ट सूत्र बताते है कि जब गोवर्धन सिंह के मकान का पट्टा निरस्त किया गया था तो उनके मकान पर तुरंत कार्यवाही कर बुलडोजर चलाने के लिये न्यास सचिव को कहा गया था। किन्तु 15 दिनों तक कार्यवाही नहीं करने से गोवर्धन सिंह ने हाईकोर्ट से स्टेऐ ले लिया। जिसे सरकार ने गंभीर माना और उन्हें एपीओ कर दिया। हालांकि कई लोग इसे डॉ कल्ला के लोगों के काम नहीं करने का कारण भी बता रहे है।
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नगर विकास न्यास के सचिव नरेन्द्र सिंह राजपुरोहित को राज्य सरकार ने अवकाश के दिन सिंगल ऑर्डर जारी करते हुए एपीओ कर दिया है। एपीओ करने के कारणों का अभी तक पूरी जानकारी नहीं मिली है लेकिन कुछ सूत्रों में ऐसी जानकारी मिली है मंत्री बी.डी कल्ला की नाराजगी का खामियाजा राजपुरोहित को भुगतना पड़ा है। राजपुरोहित पिछले डेढ़ साल से बीकानेर में न्यास सचिव पद पर थे, उन्हें अचानक से हटाने के बाद प्रशासनिक खेमे में हलचल है। रविवार सुबह तक स्वयं राजपुरोहित को ये आभास नहीं था कि उन्हें हटाया जा रहा है। मुजानदेसर क्षत्र में नगर विकास न्यास की ओर से आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम में पुटोहित उपस्थित थे। इसी दौरान उन्होंने कुछ कार्य करवाने का वायदा भी किया था। दोपहर बाद अचानक से उन्हें एपीओ करने के आदेश मिल गए। इसके बाद से ही उन्होंने न्याय के कार्य बंद कर दिए। यहां तक कि फोन करने वाले न्यास अधिकारियों को भी स्पष्ट कर दिया कि आगे के निर्देश नए सचिव ही देंगे।उधर राजनीतिक गलियारों को राजपुरोहित को हटाने के पीछे एडवोकेट गोवर्धन सिंह के मकान पर कार्यवाही नहीं करना बड़ा कारण बताया जा रहा है। अपुष्ट सूत्र बताते है कि जब गोवर्धन सिंह के मकान का पट्टा निरस्त किया गया था तो उनके मकान पर तुरंत कार्यवाही कर बुलडोजर चलाने के लिये न्यास सचिव को कहा गया था। किन्तु 15 दिनों तक कार्यवाही नहीं करने से गोवर्धन सिंह ने हाईकोर्ट से स्टेऐ ले लिया। जिसे सरकार ने गंभीर माना और उन्हें एपीओ कर दिया। हालांकि कई लोग इसे डॉ कल्ला के लोगों के काम नहीं करने का कारण भी बता रहे है।
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