06 February 2023 02:03 PM
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
बीकानेर में तारबंदी से महज 250 मीटर दूर खनन माफिया घुसपैठियों के लिए ‘सुरंग’ खोदने की राह आसान कर रहे हैं। भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक किमी क्षेत्र में खनन पर राेक है और दस किमी क्षेत्र में खनन के लिए मंजूरी लेनी पड़ती है। लेकिन यहां जिप्सम के अवैध खनन के लिए मशीनें चल रही हैं। तारबंदी के पास बीएसएफ का वॉच टावर भी है। राइफल ताने जवान तैनात हैं, लेकिन खनन माफिया को कोई खौफ नहीं।
भास्कर टीम बीकानेर से 180 किमी दूर पाकिस्तान सीमा से सटे राववाला गांव और यहां बीएसएफ की कावेरी और सुमेर सीमा चौकी के बीच अंतिम सड़क पर पहुंची ताे डरावना नजारा दिखा। सड़क के पास ही एलएनटी और जेसीबी से जिप्सम खोदकर गाड़ियों में भरा जा रहा था। पास की ढाणी में रहने वाले गिरधारी दास के बड़े भाई केसरदास ने मुरबा आबंटन के लिए फाइल भी लगा रखी है। केसरदास बोले- पुलिस सुनवाई नहीं करती। बॉर्डर के पास इस तरह के खनन से न केवल राजस्व का नुकसान है बल्कि घुसपैठिए आसानी से सुरंग भी बना सकते हैं।
आबादी के करीब पहुंचे माफिया, 6 माह में 270 करोड़ रु. का जिप्सम बेचा
राववाला पंचायत क्षेत्र में ही रोज 1.50 करोड़ का जिप्सम खोदा जा रहा है। रायल्टी नाके पर हर दिन 100 से 150 ट्रकों की पर्ची कट रही है। एक ट्रक में औसत 50 टन माल से गणना करें तो 150 ट्रकों की हिसाब से रोज 7500 टन जिप्सम खुदाई अवैध रूप से हो रही है। छह माह में 270 करोड़ का जिप्सम माफिया बेच चुके हैं। कबरेवाला में माफिया स्कूल, हॉस्पिटल और बच्चों के पार्क की जमीन पर ही जेसीबी चला रहे हैं। यहां सौ बीघा जमीन पर जिप्सम का अवैध खनन हो रहा है। रोज 50 से 100 ट्रक लोड हो रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच की शह पर यह खेल चल रहा है। सरपंच पुनुखां बोले- इस संबंध में उपखंड प्रशासन और पुलिस को कई बार लिखा है।
खनन की बात सभी ने मानी, लेकिन रोकने के इंतजाम नहीं
अवैध खनन बंद कराने के लिए कई बार लिख चुके। बीएसएफ रोकती है तो किसान डिग्गी के नाम पर खुदाई के कागज दिखाते हैं। तारबंदी के पास खनन का पता नहीं। -पुष्पेंद्र सिंह राठौड़, डीआईजी, बीएसएफ
अवैध खनन का पुलिस, तहसीलदार और एसडीएम को सबसे पहले पता चलता है। हमारे पास इतने संसाधन नहीं हैं कि रोज बॉर्डर तक खनन की निगरानी रखें। - राजेंद्र बलारा, माइनिंग इंजीनियर, खनन विभाग
बॉर्डर के एक किमी एरिया में कोई नहीं जाता। वहां बीएसएफ तैनात है। अवैध खनन का सवाल ही नहीं। कबरेवाला के आबादी क्षेत्र में अवैध खनन पर केस दर्ज किए हैं। -भूप सिंह सारण, एसएचओ, रणजीतपुरा
जोग संजोग टाइम्स बीकानेर ,
बीकानेर में तारबंदी से महज 250 मीटर दूर खनन माफिया घुसपैठियों के लिए ‘सुरंग’ खोदने की राह आसान कर रहे हैं। भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक किमी क्षेत्र में खनन पर राेक है और दस किमी क्षेत्र में खनन के लिए मंजूरी लेनी पड़ती है। लेकिन यहां जिप्सम के अवैध खनन के लिए मशीनें चल रही हैं। तारबंदी के पास बीएसएफ का वॉच टावर भी है। राइफल ताने जवान तैनात हैं, लेकिन खनन माफिया को कोई खौफ नहीं।
भास्कर टीम बीकानेर से 180 किमी दूर पाकिस्तान सीमा से सटे राववाला गांव और यहां बीएसएफ की कावेरी और सुमेर सीमा चौकी के बीच अंतिम सड़क पर पहुंची ताे डरावना नजारा दिखा। सड़क के पास ही एलएनटी और जेसीबी से जिप्सम खोदकर गाड़ियों में भरा जा रहा था। पास की ढाणी में रहने वाले गिरधारी दास के बड़े भाई केसरदास ने मुरबा आबंटन के लिए फाइल भी लगा रखी है। केसरदास बोले- पुलिस सुनवाई नहीं करती। बॉर्डर के पास इस तरह के खनन से न केवल राजस्व का नुकसान है बल्कि घुसपैठिए आसानी से सुरंग भी बना सकते हैं।
आबादी के करीब पहुंचे माफिया, 6 माह में 270 करोड़ रु. का जिप्सम बेचा
राववाला पंचायत क्षेत्र में ही रोज 1.50 करोड़ का जिप्सम खोदा जा रहा है। रायल्टी नाके पर हर दिन 100 से 150 ट्रकों की पर्ची कट रही है। एक ट्रक में औसत 50 टन माल से गणना करें तो 150 ट्रकों की हिसाब से रोज 7500 टन जिप्सम खुदाई अवैध रूप से हो रही है। छह माह में 270 करोड़ का जिप्सम माफिया बेच चुके हैं। कबरेवाला में माफिया स्कूल, हॉस्पिटल और बच्चों के पार्क की जमीन पर ही जेसीबी चला रहे हैं। यहां सौ बीघा जमीन पर जिप्सम का अवैध खनन हो रहा है। रोज 50 से 100 ट्रक लोड हो रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच की शह पर यह खेल चल रहा है। सरपंच पुनुखां बोले- इस संबंध में उपखंड प्रशासन और पुलिस को कई बार लिखा है।
खनन की बात सभी ने मानी, लेकिन रोकने के इंतजाम नहीं
अवैध खनन बंद कराने के लिए कई बार लिख चुके। बीएसएफ रोकती है तो किसान डिग्गी के नाम पर खुदाई के कागज दिखाते हैं। तारबंदी के पास खनन का पता नहीं। -पुष्पेंद्र सिंह राठौड़, डीआईजी, बीएसएफ
अवैध खनन का पुलिस, तहसीलदार और एसडीएम को सबसे पहले पता चलता है। हमारे पास इतने संसाधन नहीं हैं कि रोज बॉर्डर तक खनन की निगरानी रखें। - राजेंद्र बलारा, माइनिंग इंजीनियर, खनन विभाग
बॉर्डर के एक किमी एरिया में कोई नहीं जाता। वहां बीएसएफ तैनात है। अवैध खनन का सवाल ही नहीं। कबरेवाला के आबादी क्षेत्र में अवैध खनन पर केस दर्ज किए हैं। -भूप सिंह सारण, एसएचओ, रणजीतपुरा
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