21 May 2021 11:20 AM
जोग संजोग टाइम्स
जोधपुर/बाड़मेर:- बाड़मेर के बहुचर्चित कमलेश प्रजापत एनकाउंटर मामले को लेकर कमलेश की पत्नी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका पेश की गई हैं। कमलेश की पत्नी जसोदा की ओर से पेश याचिका में इस एनकाउंटर को सुनियोजित हत्या बताते हुए पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आग्रह किया गया हैं। इसके साथ ही इस मामले में पांच करोड़ रुपए के हर्जाने की मांग करते हुए यह राशि बाड़मेर पुलिस अधीक्षक और उप अधीक्षक सहित 24 अन्य पुलिसकर्मियों से वसूल कर उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की अपील की गई हैं। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस विनीत माथुर की कोर्ट ने इस मामले में सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए हैं। मामले की अगली सुनवाई अब 9 जुलाई को होगी।
बाड़मेर में 23 अप्रैल 2021 को कमलेश प्रजापत को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। अब उसके परिजनों तरफ से इस बारे में याचिका पेश की गई हैं। उनके अधिवक्ता धीरेन्द्र सिंह दासपा ने हाईकोर्ट में बताया कि यह बिलकुल साफ तौर पर हत्या का मामला हैं। पुलिस इसे मुठभेड़ करार दे रही है, वह वास्तव में हुई ही नहीं। गोली लगने के दौरान कमलेश के पास कोई हथियार बरामद नहीं हुआ।
अभियोजन पक्ष के वकील ने कोर्ट को बताया कि कमलेश को बहुत निकट से सीने में गोली मारी गई थी, जबकि पुलिस चाहती तो उसे पकड़ सकती थीं। सीसीटीवी फुटेज में साफ है कि पुलिस ने गोली चलाना दर्शाने के लिए कमलेश के वाहन के कांच पर लाठी से ताबड़तोड़ वार किए हैं। इसके साथ ही पुलिस ने अपने वाहन के बोनट पर भी लाठियां बरसाईं, ताकि मुठभेड़ को दर्शाया जा सके। घटनाक्रम के वीडियो से स्पष्ट है कि यह मुठभेड़ नहीं बल्कि हत्या हैं।
याचिका में मांग की गई है कि पुलिस की ओर से जब्त किए गए कमलेश के 14 मोबाइल फोन की कॉल डिटेल्स उपलब्ध कराई जाए। इससे खुलासा हो सकेगा कि उसकी किन-किन लोगों से बातचीत हुई। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट की विशेषज्ञों के माध्यम से नए सिरे से जांच कराई जाए। याचिका में दावा किया गया है कि कमलेश के घर से बरामद पचास लाख रुपए का हिसाब साफ सुथरा हैं। वह उसकी बैलेंस शीट में है। वहां से बरामद सभी वाहनों के टाइटल भी स्पष्ट हैं।
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जोधपुर/बाड़मेर:- बाड़मेर के बहुचर्चित कमलेश प्रजापत एनकाउंटर मामले को लेकर कमलेश की पत्नी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका पेश की गई हैं। कमलेश की पत्नी जसोदा की ओर से पेश याचिका में इस एनकाउंटर को सुनियोजित हत्या बताते हुए पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आग्रह किया गया हैं। इसके साथ ही इस मामले में पांच करोड़ रुपए के हर्जाने की मांग करते हुए यह राशि बाड़मेर पुलिस अधीक्षक और उप अधीक्षक सहित 24 अन्य पुलिसकर्मियों से वसूल कर उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की अपील की गई हैं। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस विनीत माथुर की कोर्ट ने इस मामले में सभी संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किए हैं। मामले की अगली सुनवाई अब 9 जुलाई को होगी।
बाड़मेर में 23 अप्रैल 2021 को कमलेश प्रजापत को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। अब उसके परिजनों तरफ से इस बारे में याचिका पेश की गई हैं। उनके अधिवक्ता धीरेन्द्र सिंह दासपा ने हाईकोर्ट में बताया कि यह बिलकुल साफ तौर पर हत्या का मामला हैं। पुलिस इसे मुठभेड़ करार दे रही है, वह वास्तव में हुई ही नहीं। गोली लगने के दौरान कमलेश के पास कोई हथियार बरामद नहीं हुआ।
अभियोजन पक्ष के वकील ने कोर्ट को बताया कि कमलेश को बहुत निकट से सीने में गोली मारी गई थी, जबकि पुलिस चाहती तो उसे पकड़ सकती थीं। सीसीटीवी फुटेज में साफ है कि पुलिस ने गोली चलाना दर्शाने के लिए कमलेश के वाहन के कांच पर लाठी से ताबड़तोड़ वार किए हैं। इसके साथ ही पुलिस ने अपने वाहन के बोनट पर भी लाठियां बरसाईं, ताकि मुठभेड़ को दर्शाया जा सके। घटनाक्रम के वीडियो से स्पष्ट है कि यह मुठभेड़ नहीं बल्कि हत्या हैं।
याचिका में मांग की गई है कि पुलिस की ओर से जब्त किए गए कमलेश के 14 मोबाइल फोन की कॉल डिटेल्स उपलब्ध कराई जाए। इससे खुलासा हो सकेगा कि उसकी किन-किन लोगों से बातचीत हुई। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट की विशेषज्ञों के माध्यम से नए सिरे से जांच कराई जाए। याचिका में दावा किया गया है कि कमलेश के घर से बरामद पचास लाख रुपए का हिसाब साफ सुथरा हैं। वह उसकी बैलेंस शीट में है। वहां से बरामद सभी वाहनों के टाइटल भी स्पष्ट हैं।
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